युवाओं की जागरूकता का परिचायक, चमोली में 23 वर्षीय नितिन बने प्रधान, प्रियंका बनीं सबसे युवा प्रधान

रैबार डेस्क: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के नतीजे आना शुरू हो गए हैं।  युवाओं ने... The post पंचायतों में दिख रहा युवाओं का दम, चमोली में 23 साल का युवा टॉस से बना प्रधान, तो 21 साल की प्रियंका बनी सबसे युवा प्रधान appeared first on Uttarakhand Raibar.

Jul 31, 2025 - 18:27
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युवाओं की जागरूकता का परिचायक, चमोली में 23 वर्षीय नितिन बने प्रधान, प्रियंका बनीं सबसे युवा प्रधान
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युवाओं की जागरूकता का परिचायक, चमोली में 23 वर्षीय नितिन बने प्रधान, प्रियंका बनीं सबसे युवा प्रधान

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में युवाओं ने अपनी ताकत दिखाई है। चमोली की सारकोट से 21 साल की प्रियंका ने सबसे कम उम्र की प्रधान बनने का गौरव प्राप्त किया, वहीं नितिन नेगी ने टॉस के जरिए प्रधान पद पर सफलता प्राप्त की है।

उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के नतीजों ने एक नई दिशा दिखाई है। इस बार मतदान में युवाओं की बड़ी भागीदारी देखी गई। विशेष रूप से चमोली में, जहां 21 वर्षीय प्रियंका ने 421 मतों से प्रधान पद जीता, वहीं नितिन नेगी ने 23 साल की कम उम्र में टॉस के जरिए जीत हासिल की।

टॉस से हुआ प्रधानी का फैसला

चमोली के दसोली ब्लॉक के बणद्वारा में एक अनोखा वाकया देखने को मिला। यहां युवा नितिन नेगी और रविंद्र के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। दोनों उम्मीदवारों को अंतिम गिनती में 138-138 वोट मिले, जिसके बाद नतीजों को लेकर टॉस का सहारा लिया गया। इस टॉस में नितिन ने बाजी मारी और ग्राम प्रधान बन गए। यह घटना दर्शाती है कि लोकतंत्र में हर तरह के स्पर्धाओं का महत्व है।

प्रियंका बनी सबसे कम उम्र की प्रधान

सारकोट ग्राम पंचायत से प्रियंका नेगी, जो केवल 21 वर्ष की हैं, इस चुनाव में सबसे कम उम्र की प्रधान बनीं हैं। उन्होंने प्रतिद्वंदी प्रियंका देवी को 235 वोट से हराया। उनके पिता राजेंद्र नेगी भी इससे पहले दो बार प्रधान रह चुके हैं। ऐसे में प्रियंका का चुनाव क्षेत्र में उम्मीद का प्रतीक है। सारकोट गांव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोद लिया है, जिससे गांव में विकास के नए आयाम स्थापित होने की संभावना है।

मुनस्यारी में 22 साल की ईशा का कमाल

पिथौरागढ़ जिले के क्विरिजिमिया गांव में 22 वर्षीय ईशा को भी ग्राम प्रधान के रूप में चुना गया है। उन्होंने 96 वोट प्राप्त किए, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी को 76 वोट मिले। ईशा की जीत इस बात का प्रमाण है कि युवा सोच और विचारधारा का बदलाव लाने में सक्षम हैं।

पौड़ी में बीटेक पास लड़की बनी प्रधान

पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक में 22 वर्षीय साक्षी ने प्रधान पद पर जीत दर्ज की है। साक्षी ने देहरादून से बीटेक की पढ़ाई पूरी की और अपने गांव लौटकर विकास की दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया। वहीं, आमसौड़ ग्राम पंचायत से 21 वर्षीय रेशमा ने भी प्रधान पद हासिल किया है।

युवाओं के इस योगदान से यह स्पष्ट है कि वे केवल सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि ग्रामीण राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह चुनाव न केवल चमोली, बल्कि समूचे उत्तराखंड में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत का प्रतीक है।

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