युवाओं के समर्थन में सीबीआई जांच की मांग, सांसद त्रिवेंद्र का जोरदार बयान
रैबार डेस्क: पेपर लीक के विरोध में युवाओं का प्रदर्शन छठे दिन भी जारी है।... The post पेपर लीक की CBI जांच के पक्ष में सांसद त्रिवेंद्र, बोले CM को युवाओं को CBI जांच का भरोसा देना चाहिए appeared first on Uttarakhand Raibar.
युवाओं के समर्थन में सीबीआई जांच की मांग, सांसद त्रिवेंद्र का जोरदार बयान
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कम शब्दों में कहें तो, पेपर लीक के खिलाफ युवाओं का आंदोलन जारी है और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीबीआई जांच का समर्थन किया है।
रैबार डेस्क: पेपर लीक के खिलाफ युवाओं का विरोध प्रदर्शन छठे दिन भी जारी है। देहरादून और उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में यह आंदोलन तेज होता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि संबंधित परीक्षा रद्द की जाए और पेपर लीक की जाँच सीबीआई को सौंपी जाए। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को युवाओं को भरोसा दिलाना चाहिए कि इस मामले की सीबीआई जांच होगी।
गौर करने वाली बात यह है कि रविवार को यूकेएसएसएससी परीक्षा के पेपर लीक होने से छात्रों में नाराजगी फैल गई थी। इसके बाद से युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। धामी सरकार मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बना रही है, जिसे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चलाया जा रहा है। हालांकि, युवा सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी दौरान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगार छात्रों की आवाज उठाते हुए सीबीआई जांच कराने का सुझाव दिया है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर चर्चा करते हुए कहा कि "सरकारें हमेशा झूठ बोलकर युवाओं को रोजगार देने का वादा करती हैं, जबकि असलियत यह है कि हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। इसलिए युवाओं को समझना चाहिए और स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि "सीबीआई जांच कराने में कोई बुराई नहीं है। यदि इससे युवाओं का भरोसा बढ़ता है, तो मुख्यमंत्री को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।"
इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सीबीआई जांच की मांग करने से भर्ती प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उनके अनुसार, इस मामले में कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। हालांकि, सरकार का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध रखना है, ताकि किसी भी युवा के साथ अन्याय न हो।
इस आंदोलन के बीच, त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस समर्थन के बाद युवाओं में नई ऊर्जा उत्पन्न हुई है। यह न केवल बेरोजगार छात्रों के हक में बात करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इस मुद्दे की गंभीरता को भी उजागर करता है। आगे चलकर, यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और युवाओं को विश्वास से कैसे भरती है।
आपको याद दिला दें, कि सीबीआई जांच की मांग की शुरुआत से ही यह मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है। इसके संभावित परिणामों का युवा पीढ़ी पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
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टीम इंडिया टुडे, साक्षी शर्मा
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