युवाओं ने SIT जांच ठुकराकर CBI जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, चार दिन का होगा असर, सरकार ने की कार्रवाई

रैबार डेस्क: पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच की मांग को ठुकराकर प्रदेश के युवा... The post SIT जांच ठुकराकर CBI जांच की मांग पर अड़े युवा, चौथे दिन भी प्रदर्शन, सरकार का बड़ा एक्शन, एसिस्टेंट प्रोफेसर, सेक्टर मजिस्ट्रेट सस्पेंड appeared first on Uttarakhand Raibar.

Sep 26, 2025 - 00:27
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युवाओं ने SIT जांच ठुकराकर CBI जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी, चार दिन का होगा असर, सरकार ने की कार्रवाई
रैबार डेस्क: पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच की मांग को ठुकराकर प्रदेश के युवा... The post SIT जांच ठुकराकर CBI

युवाओं ने SIT जांच ठुकराकर CBI जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में पेपर लीक मामले को लेकर युवाओं ने काफी उग्र प्रदर्शन किया है। सीबीआई जांच की मांग पर अंकुश लगाने की बजाय, सरकार ने कई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

पेपर लीक के मुद्दे को लेकर प्रदेश के युवा सीबीआई की जांच की मांग कर रहे हैं। चौथे दिन भी परेड ग्राउंड में युवाओं का बड़ा प्रदर्शन जारी है। ये युवा परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं और किसी भी स्थिति में पेशेवर व्यवस्था में सुधार चाह रहे हैं। यूकेएसएसएससी परीक्षा के इस मामले में छात्रों की आवाज को अनसुना नहीं किया जा सकता। हालांकिमान्यता प्राप्त संस्थानों से संबंधित निष्पक्षता की मांग उनके अधिकारों का हिस्सा है।

हरिद्वार की कार्रवाई: निलंबित एसिस्टेंट प्रोफेसर और सेक्टर मजिस्ट्रेट

मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। सरकार ने एसिस्टेंट प्रोफेसर सुमन देवी, हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट के.एन. तिवारी और दो पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। सुमन देवी पर आरोप है कि उन्होंने प्रश्नपत्र के स्क्रीनशॉट को वायरल किया। इसके अलावा, उनकी भूमिका को लेकर एफआईआर भी दर्ज की गई है।

Protest Image

प्रदेश में प्रदर्शन की लहर

सिर्फ देहरादून ही नहीं, बल्कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भी युवाओं का प्रदर्शन जारी है। हल्द्वानी में बुद्ध पार्क में भी धरना शुरू हो गया है, जबकि पिथौरागढ़ में ब्लॉक प्रमुख की कार का घेराव किया गया। इसी तरह, गोपेश्वर में युवाओं ने सरकार की शवयात्रा निकाली, जो उनकी नाराजगी का प्रतीक है। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि युवा एकजुट हैं और उनके मुद्दे को हल करना आवश्यक है।

सरकार का एक्शन और SIT जांच

सरकार ने रिपोर्टों को गंभीरता से लिया है और कहा है कि इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जाएगी। एसआईटी को एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है। यह जांच एक रिटायर जज की निगरानी में होगी, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी। हालांकि, युवाओं की मांग अभी भी सीबीआई जांच की है और वे सरकार के फैसले को उचित नहीं मानते।

निष्कर्ष

यह स्पष्ट है कि युवा अपनी मांगों को लेकर सजग हैं। पेपर लीक मामले पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। सरकार को चाहिए कि वह न केवल निलंबित कर्मचारियों पर कार्यवाही करे, बल्कि युवाओं की मांगों का भी सम्मान करे। अगर यह मुद्दा समय पर हल नहीं हुआ, तो इससे छात्रों में और अधिक आक्रोश पैदा हो सकता है।

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टीम इंडिया टुडे द्वारा, स्नेहा शर्मा

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