यूक्रेन का दावा- रूस के 41 एयरक्राफ्ट तबाह किए:4 एयरबेस को निशाना बनाया, इनमें एक 4 हजार किमी दूर; ₹17 हजार करोड़ का नुकसान

यूक्रेन ने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को तबाह कर दिया है। यूक्रेनी वेबसाइट कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने रूस के मरमंस्क में ओलेन्या एयर बेस, इरकुत्स्क में बेलाया एयर बेस, इवानोवो में इवानोवो एयर बेस और डायगिलेवो एयर बेस को निशाना बनाया है। रूस का बेलाया एयरबेस यूक्रेनी सीमा से 4 हजार किमी से भी ज्यादा दूर है। यह रूस के साइबेरिया इलाके में स्थित है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (SBU) ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें FPV (फर्स्ट-पर्सन-व्यू) ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। इसमें A-50, TU-95 और TU-22 जैसे स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स को निशाना बनाया गया। SBU के एक अधिकारी ने कहा कि यह हमला उन्होंने खुद के बचाव में किया है, क्योंकि ये रूसी विमान अक्सर यूक्रेनी शहरों पर बम गिराते हैं। रूस ने इस हमले की पुष्टि की है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, नुकसान की लागत 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा) हो सकती है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब इस्तांबुल में सोमवार को शांति वार्ता होनी है और सीमा पार झड़पें तेज़ हो गई हैं। रूस के चार एयरबेस की यूक्रेन से दूरी ओलेन्या एयरबेस में आग लगी यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने कहा कि उनके ड्रोन रूस के अंदर बहुत दूर तक गए और Tu-95, Tu-22 जैसे बड़े बमवर्षक विमानों और A-50 जैसे महंगे जासूसी विमानों को नुकसान पहुंचाया। A-50 विमान बहुत ही रेयर हैं, और रूस के पास ऐसे सिर्फ 10 विमान हैं। एक विमान की कीमत करीब 350 मिलियन डॉलर (3000 करोड़ रुपए) बताई जाती है। इस हमले में 'बेलाया' नाम का एयरबेस खास तौर से निशाने पर था, जो रूस के इर्कुत्स्क क्षेत्र में है। वहीं, 'ओलेन्या' एयरबेस में भी आग लगने की खबरें आई हैं, लेकिन इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। Tu-95 और Tu-160 जैसे विमान पुराने जरूर हैं, लेकिन ये लंबी दूरी तक उड़ सकते हैं और कई मिसाइलें ले जा सकते हैं। ये रूस की वायुसेना के सबसे ताकतवर हथियारों में गिने जाते हैं। इन्हें गिराना यूक्रेन के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यूक्रेन बोला- रूस नहीं रुका तो और हमले करेंगे यूक्रेनी एजेंसी ने कहा कि उन्होंने यह हमला इसलिए किया ताकि रूस की बमबारी रुक सके, क्योंकि लगभग हर रात रूसी विमान यूक्रेनी शहरों पर हमला करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस हमले से रूस को काफी नुकसान पहुंचा होगा। यूक्रेन ने यह भी कहा है कि उसके ड्रोन मिशन आगे भी जारी रहेंगे। ओलेन्या एयरबेस रूस के मरमंस्क क्षेत्र में है। वहां के गवर्नर ने बताया कि दुश्मन के ड्रोन ने हमला किया, लेकिन उन्होंने भी ज्यादा जानकारी साझा नहीं की। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक ट्रक से एफपीवी ड्रोन को उड़ान भरते हुए देखा जा सकता है। डेढ़ साल से तैयारी कर रहा था यूक्रेन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SBU इस हमले के लिए लगभग 18 महीने से तैयारी कर रही थी। उन्होंने इस ऑपरेशन का नाम ‘स्पाइडर वेब’ रखा गया था। इस मिशन की निगरानी खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कर रहे थे। वहीं, यह SBU चीफ वासिल मालियुक की देखरेख में हो रही थी। यूक्रेनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ड्रोन को पहले रूस में चोरी-छिपे भेजा गया और फिर उन्हें लॉरियों में रखे लकड़ी के केबिनों के नीचे छिपाया गया। जब हमला करना था, तो इन्हीं ट्रकों से ड्रोन लॉन्च किए गए। एक्सियोस ने यूक्रेनी अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि हमले से पहले यूक्रेन ने ट्रम्प प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ऑपरेशन में कई खास चीजें शामिल थीं… रूस के टेलीग्राम चैनल्स ने फुटेज शेयर किए, जिनमें कुछ लोग एक ट्रक पर चढ़कर ड्रोन को रोकने की कोशिश करते दिखे। रूस के अलग-अलग सैन्य एयरबेसों से आई तस्वीरों में जले हुए विमान और आग दिखाई दी, लेकिन कुल नुकसान का अब तक ठीक से अंदाजा नहीं लग पाया है। मास्को के पास वोस्क्रेसेन्स्क में एक जलते हुए एयरबेस का वीडियो भी सामने आया, जिसमें एक रूसी सैनिक कह रहा है- यहां सब कुछ बर्बाद हो गया है। एक वायरल वीडियो में ड्रोन को Tu-95 फाइटर जेट को तबाह करते दिखाया गया है। करीब 40,000 रुपए की कीमत वाला FPV ड्रोन विमान के पास रुकता और उसके टैंक को निशाना बनाता है। ब्रिटिश मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के मुताबिक रूस के पास 2025 में लगभग 40 Tu-95 फाइटर जेट्स हैं। इसमें 4 इंजन हैं और यह बहुत ज्यादा हथियार ले जाने में सक्षम है। यूक्रेन ने 3000 किमी दूर जाने वाले ड्रोन बनाने का किया था दावा इरकुत्स्क के गवर्नर ने भी पुष्टि की कि इलाके की एक सैन्य यूनिट पर ड्रोन हमला हुआ है। इसके अलावा, रूस के कुर्स्क और ब्रायंस्क इलाकों में दो रेल पुलों पर हुए विस्फोटों से भी तबाही हुई। ब्रायंस्क में एक यात्री ट्रेन पटरी से उतर गई, जिससे कम से कम 7 लोग मारे गए और कई घायल हुए। कुर्स्क में भी एक मालगाड़ी पटरी से उतरी और उसका चालक घायल हो गया। ये दोनों इलाके यूक्रेन की सीमा से सटे हुए हैं। इसके अलावा, रूस के मरमंस्क इलाके में भी एक ड्रोन हमला हुआ है, जिसकी पुष्टि वहां के गवर्नर ने की है। यूक्रेन ने पहले मार्च में दावा किया था कि उसने एक नया ड्रोन बनाया है, जो 3,000 किलोमीटर की दूरी तक उड़ सकता है, लेकिन उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी। रूस का यूक्रेन पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला यूक्रेन के रूसी एयरबेस पर हमले से कुछ ही घंटे पहले रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया था। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूस ने एक साथ 472 ड्रोन यूक्रेन के ऊपर भेजे जो कि अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इसके साथ ही रूस ने सात मिसाइलें भी दागीं। यह जानकारी यूक्रेनी वायु सेना के संचार प्रमुख यूरी इग्नाट ने दी। इग्नाट ने कहा कि मिलिट्री ट्रेनिंग यूनिट पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था, जिसमें कम से कम 12 सैनिक मारे गए थे। वहीं, 60 से ज्यादा घायल हो गए थे। जिस जगह पर हमला हुआ, वह सीमा से 1000 किमी दूर है। फिर भी रूस क

Jun 2, 2025 - 00:27
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यूक्रेन का दावा- रूस के 41 एयरक्राफ्ट तबाह किए:4 एयरबेस को निशाना बनाया, इनमें एक 4 हजार किमी दूर; ₹17 हजार करोड़ का नुकसान
यूक्रेन ने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को तबाह कर दिया है। यूक्रेनी वेबसाइट कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर

यूक्रेन का दावा- रूस के 41 एयरक्राफ्ट तबाह किए:4 एयरबेस को निशाना बनाया, इनमें एक 4 हजार किमी दूर; ₹17 हजार करोड़ का नुकसान

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यूक्रेन ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिक सफलता दर्ज की है, जब उसने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को तबाह करने का दावा किया है। ये हमले रूस के चार एयरबेस पर हुए, जिनमें से एक एयरबेस यूक्रेनी सीमा से 4000 किमी दूर स्थित है। इस हमले के चलते रूसी सेना को अनुमानित 17 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

हमले की जानकारी

यूक्रेनी वेबसाइट कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक, यूक्रेन ने रूस के मरमंस्क स्थित ओलेन्या एयर बेस, इरकुत्स्क का बेलाया एयर बेस, इवानोवो का इवानोवो एयर बेस और डायगिलेवो एयर बेस को निशाना बनाया। यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (SBU) ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें FPV (फर्स्ट-पर्सन-व्यू) ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। इस ऑपरेशन में A-50, TU-95 और TU-22 जैसे स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स को लक्ष्य बनाया गया।

हमले का उद्देश्य और प्रतिक्रिया

SBU के एक अधिकारी ने कहा कि यह हमला उनकी सुरक्षा के लिए किया गया है क्योंकि रूसी विमानों द्वारा नियमित रूप से यूक्रेनी शहरों पर बम गिराए जाते हैं। रूस ने इस हमले की पुष्टि की है और नुकसान की अनुमानित लागत 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास बताई जा रही है। ये घटनाएँ तब हुईं जब इस्तांबुल में शांति वार्ता का आयोजन हो रहा है, और सीमा पर झड़पें तेज़ हो गई हैं।

ड्रोन तकनीक का उपयोग

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने बताया कि उनके ड्रोन रूस के भीतर काफी दूर तक गए, और इस कार्यवाही के दौरान Tu-95 और Tu-22 जैसे लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों और A-50 जैसे महंगे जासूसी विमानों को निशाना बनाया गया। A-50 विमान बहुत ही दुर्लभ हैं, और रूस के पास ऐसे केवल 10 विमान मौजूद हैं।

आगे का रास्ता

यूक्रेन ने स्पष्ट किया है कि यदि रूस यूक्रेन पर अपनी बमबारी जारी रखता है, तो वे और भी हमले करने को तैयार हैं। इस ऑपरेशन की तैयारी लगभग डेढ़ साल से की गई थी, जिसका नाम 'स्पाइडर वेब' रखा गया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस मिशन की व्यक्तिगत निगरानी की।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस हमले के बाद, रूस के अलग-अलग सैन्य एयरबेसों से जले हुए विमान और सक्रिय आग की तस्वीरें सामने आई हैं। यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन ने हमले से पहले ही ट्रम्प प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी थी। इससे साफ है कि यह हमले केवल सामरिक नहीं, बल्कि राजनीतिक महत्व भी रखते हैं।

इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिनमें ड्रोन के हमले के समय की स्थिति दिख रही है।

अंत में, यूक्रेन ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह हमला इस बात का संकेत है कि यूक्रेन अपनी एयर फोर्स के साथ दृढ़ संकल्पित है और वह आगे भी अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करेगा।

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