लखनऊ के अस्पताल में ऑपरेशन के बाद बच्चे की मौत:निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, सीने में फोड़ा होने की बात कह किया था एडमिट
लखनऊ में निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद 5 साल के मासूम की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का कहना था कि डॉक्टरों की लापरवाही से बेटे की मौत हुई है। दोषी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। ये था पूरा मामला हरदोई के बेनीगंज निवासी बैजनाथ के 5 साल के बेटे प्रांजल के सीने में दर्द था। बैजनाथ ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के दुबग्गा के अंधे चौकी कसमंडी रोड स्थित न्यू वेदांता हॉस्पिटल में बेटे को दिखाया तो डॉक्टरों ने भर्ती करने को कहा। डॉक्टरों ने परिजनों से बताया कि बच्चे के सीने में फोड़ा है, ऐसे में ऑपरेशन करने की जरूरत है। इस पर परिजनों ने ऑपरेशन करने के लिए कह दिया। लापरवाही के कारण बेटे की जान चली गई परिजनों के मुताबिक ऑपरेशन के कुछ देर बाद बेटे की मौत हो गई। जानकारी मिलते ही परिजन आपे से बाहर हो गए। अस्पताल में बवाल बढ़ने पर पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों ने अस्पताल संचालक समेत अन्य डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही है।

लखनऊ के अस्पताल में ऑपरेशन के बाद बच्चे की मौत:निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, सीने में फोड़ा होने की बात कह किया था एडमिट
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लखनऊ: एक दर्दनाक घटना में, लखनऊ के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद 5 साल के बच्चे की मौत हो गई। इस घटना ने न सिर्फ बच्चे के परिवार को झकझोर दिया, बल्कि अस्पताल प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक बच्चे का नाम प्रांजल है, जो हरदोई के बेनीगंज का निवासी था।
घटना की पृष्ठभूमि
परिजनों के अनुसार, प्रांजल काफी दिनों से सीने में दर्द की शिकायत कर रहा था। उसकी स्थिति को गंभीर बताते हुए, बैजनाथ नामक पिता ने लखनऊ के दुबग्गा स्थित न्यू वेदांता हॉस्पिटल में बच्चे को भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसके सीने में फोड़ा होने की जानकारी दी और ऑपरेशन करने की सलाह दी। परिवार के सदस्यों ने यह सुनिश्चित करने के लिए सहमति दी कि इससे बच्चे की हालत में सुधार आएगा।
परिजनों का आरोप
हालांकि, ऑपरेशन के कुछ ही समय बाद बच्चे की मृत्यु हो गई। बैजनाथ का कहना है कि यह पूरी तरह से डॉक्टरों की लापरवाही थी। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बच्चे की जान बचाने के लिए आवश्यक सावधानियाँ नहीं बरतीं। जब इस घटना की जानकारी परिवार के अन्य सदस्यों को मिली, तो अस्पताल में बवाल मच गया।
परिवार ने पुलिस को सूचित किया, और स्थानीय थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले में परिवार ने अस्पताल के संचालक और अन्य चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट आ जाने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिवार के द्वारा उठाए गए सवाल इस बात का संकेत हैं कि चिकित्सा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, विशेष रूप से निजी अस्पतालों में।
सारांश
यह घटना दिखाती है कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता बहुत अधिक है। लापरवाही से जान जाने के मामलों को रोकने के लिए नियमों और निर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है। प्रांजल के परिवार का दर्द साझा करने के लिए काफी कुछ है और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है।
इस घटना को ध्यान में रखते हुए, सभी अस्पतालों को अपने प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं की समीक्षा करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि अस्पतालों पर उचित निगरानी हो, ताकि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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