रतन टाटा की 10 हजार करोड़ की वसीयत:इसमें शांतनु, टीटो और रसोईए को हिस्सा; भाई जिमी, सौतेली बहनें शिरीन और डीना के नाम भी शामिल

रतन टाटा ने अपने देहांत से पहले उनके साथ दिखने वाले सहयोगी शांतनु नायडू का नाम अपनी 10 हजार करोड़ रुपए की वसीयत में दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनेस टाइकून ने नायडू के लिए गुड फेथ में अपनी कुछ हिस्सेदारी उनके नाम की है और विदेशों में उनकी शिक्षा पर होने वाले खर्चों को भी इसमें शामिल किया है। रतन टाटा के निधन के करीब 15 दिन बाद उनकी वसीयत की कुछ जानकारी सामने आई है। इसकी सबसे दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने पालतु कुत्ते 'टीटो' के देखभाल के लिए भी जिम्मेदारी तय की है। इसके लिए 'अनलिमिटेड केयर' शब्द का उपयोग किया गया है। 'टीटो' को करीब 5-6 साल पहले गोद लिया गया था। अलीबाग में 2,000sqft का बंगला और 350 करोड़ की FD 10 हजार करोड़ रुपए की वसीयत के हिस्से के रूप में रतन टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2,000 स्क्वायर फुट का बंगला, मुंबई के जुहू तारा रोड पर 2 मंजिला मकान, 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और 165 बिलियन डॉलर (करीब 13.94 लाख करोड़ रुपए) की टाटा ग्रुप में 0.83% हिस्सेदारी शामिल है। शांतनु ने 2014 में जॉइन किया था टाटा ग्रुप 2014 में अमेरिका से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद शांतनु ने टाटा ग्रुप जॉइन किया था। अपने ऑफिस के काम के साथ-साथ वे सोशल वर्क भी करते थे, जिसने टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा को काफी प्रभावित किया। नायडू ने टाटा के सहयोग से 2022 बुजुर्गों के लिए 'गुडफेलो' नाम की सब्सक्रिप्शन बेस्ड कम्पैनियनशिप सर्विस शुरू की। संपत्ति का बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को जाएगा रतन टाटा ने इस वसीयत के हिसाब से संपत्ति का बंटवारा करने का जिम्मा अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डायना जेजीभॉय के साथ-साथ वकील दारायस खंबाटा और अपने करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया है। रिपोर्ट की सभी बातें पब्लिक नहीं हुई हैं। लेकिन माना जा रहा है कि इसका बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को जाएगा। वसीयत में भाई, सौतेली बहनें और रसोइए का नाम भी शामिल रतन टाटा की वसीयत में उनके भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनें शिरीन और डीनना के साथ परिवार के कई सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। इसमें टाटा ने उनके रसोइया रहे राजन शॉ और बटलर सुब्बियाह का भी नाम दिया है, जो दशकों से उनकी सेवा कर रहे थे। ₹13.9 लाख करोड़ की टाटा ग्रुप में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। ये 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है। टाटा ट्रस्ट में सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट शामिल हैं। गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले ये ट्रस्ट, रतन टाटा की विरासत का अभिन्न अंग हैं। टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौतेले भाई को मिली इसी महीने 9 अक्टूबर की रात रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे। वे उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके निधन के एक हफ्ते बाद 17 अक्टूबर को सौतेले भाई नोएल टाटा (66) को 'टाटा ट्रस्ट' के चेयरमैनशिप की जिम्मेदारी सौंपी गई। वे पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। टाटा के निधन के बाद नोएल इकलौते दावेदार थे। हालांकि उनके भाई जिम्मी का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे पहले ही रिटायर हो चुके हैं। 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे रतन टाटा 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे। रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। रतन ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा। ---------------------------------------------------------------------------------------------- रतन टाटा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... 1. पद्म विभूषण रतन टाटा नहीं रहे: बचपन में माता-पिता अलग हुए, दादी ने परवरिश की; बारिश में भीगते परिवार को देखकर सबसे सस्ती कार बनाई भारत के सबसे पुराने कारोबारी समूह के मुखिया रतन टाटा का निधन हो गया है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें बुधवार को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 अक्टूबर को भी उनके अस्पताल जाने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने पोस्ट करके कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। पूरी खबर पढ़ें... 2. रतन टाटा के बाद सौतेले भाई नोएल संभालेंगे टाटा ट्रस्ट: पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट में शामिल, पारसी कम्युनिटी की पसंद; कहा- विरासत को आगे बढ़ाऊंगा 66 साल के नोएल टाटा अब 'टाटा ट्रस्ट' के चेयरमैन होंगे। वे पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। नोएल रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। 9 अक्टूबर को रतन टाटा के निधन के बाद नोएल इकलौते दावेदार थे। हालांकि उनके भाई जिम्मी का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे पहले ही रिटायर हो चुके हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

Oct 25, 2024 - 20:25
 60  501.8k
रतन टाटा की 10 हजार करोड़ की वसीयत:इसमें शांतनु, टीटो और रसोईए को हिस्सा; भाई जिमी, सौतेली बहनें शिरीन और डीना के नाम भी शामिल
रतन टाटा ने अपने देहांत से पहले उनके साथ दिखने वाले सहयोगी शांतनु नायडू का नाम अपनी 10 हजार करोड़ रुपए की वसीयत में दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनेस टाइकून ने नायडू के लिए गुड फेथ में अपनी कुछ हिस्सेदारी उनके नाम की है और विदेशों में उनकी शिक्षा पर होने वाले खर्चों को भी इसमें शामिल किया है। रतन टाटा के निधन के करीब 15 दिन बाद उनकी वसीयत की कुछ जानकारी सामने आई है। इसकी सबसे दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने पालतु कुत्ते 'टीटो' के देखभाल के लिए भी जिम्मेदारी तय की है। इसके लिए 'अनलिमिटेड केयर' शब्द का उपयोग किया गया है। 'टीटो' को करीब 5-6 साल पहले गोद लिया गया था। अलीबाग में 2,000sqft का बंगला और 350 करोड़ की FD 10 हजार करोड़ रुपए की वसीयत के हिस्से के रूप में रतन टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2,000 स्क्वायर फुट का बंगला, मुंबई के जुहू तारा रोड पर 2 मंजिला मकान, 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और 165 बिलियन डॉलर (करीब 13.94 लाख करोड़ रुपए) की टाटा ग्रुप में 0.83% हिस्सेदारी शामिल है। शांतनु ने 2014 में जॉइन किया था टाटा ग्रुप 2014 में अमेरिका से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद शांतनु ने टाटा ग्रुप जॉइन किया था। अपने ऑफिस के काम के साथ-साथ वे सोशल वर्क भी करते थे, जिसने टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा को काफी प्रभावित किया। नायडू ने टाटा के सहयोग से 2022 बुजुर्गों के लिए 'गुडफेलो' नाम की सब्सक्रिप्शन बेस्ड कम्पैनियनशिप सर्विस शुरू की। संपत्ति का बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को जाएगा रतन टाटा ने इस वसीयत के हिसाब से संपत्ति का बंटवारा करने का जिम्मा अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डायना जेजीभॉय के साथ-साथ वकील दारायस खंबाटा और अपने करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया है। रिपोर्ट की सभी बातें पब्लिक नहीं हुई हैं। लेकिन माना जा रहा है कि इसका बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को जाएगा। वसीयत में भाई, सौतेली बहनें और रसोइए का नाम भी शामिल रतन टाटा की वसीयत में उनके भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनें शिरीन और डीनना के साथ परिवार के कई सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। इसमें टाटा ने उनके रसोइया रहे राजन शॉ और बटलर सुब्बियाह का भी नाम दिया है, जो दशकों से उनकी सेवा कर रहे थे। ₹13.9 लाख करोड़ की टाटा ग्रुप में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। ये 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है। टाटा ट्रस्ट में सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट शामिल हैं। गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले ये ट्रस्ट, रतन टाटा की विरासत का अभिन्न अंग हैं। टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौतेले भाई को मिली इसी महीने 9 अक्टूबर की रात रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे। वे उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके निधन के एक हफ्ते बाद 17 अक्टूबर को सौतेले भाई नोएल टाटा (66) को 'टाटा ट्रस्ट' के चेयरमैनशिप की जिम्मेदारी सौंपी गई। वे पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। टाटा के निधन के बाद नोएल इकलौते दावेदार थे। हालांकि उनके भाई जिम्मी का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे पहले ही रिटायर हो चुके हैं। 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे रतन टाटा 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे। रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। रतन ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा। ---------------------------------------------------------------------------------------------- रतन टाटा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... 1. पद्म विभूषण रतन टाटा नहीं रहे: बचपन में माता-पिता अलग हुए, दादी ने परवरिश की; बारिश में भीगते परिवार को देखकर सबसे सस्ती कार बनाई भारत के सबसे पुराने कारोबारी समूह के मुखिया रतन टाटा का निधन हो गया है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें बुधवार को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 अक्टूबर को भी उनके अस्पताल जाने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने पोस्ट करके कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। पूरी खबर पढ़ें... 2. रतन टाटा के बाद सौतेले भाई नोएल संभालेंगे टाटा ट्रस्ट: पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट में शामिल, पारसी कम्युनिटी की पसंद; कहा- विरासत को आगे बढ़ाऊंगा 66 साल के नोएल टाटा अब 'टाटा ट्रस्ट' के चेयरमैन होंगे। वे पहले ही दो फैमिली ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। नोएल रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। 9 अक्टूबर को रतन टाटा के निधन के बाद नोएल इकलौते दावेदार थे। हालांकि उनके भाई जिम्मी का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे पहले ही रिटायर हो चुके हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow