राजोआना की दया याचिका पर SC में सुनवाई टली:कोर्ट ने कहा- मामला संवेदनशील, केंद्र सरकार ने फैसला लेने के लिए समय मांगा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को लेकर सोमवार (25 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ के सामने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा कि इस मामले पर निर्णय लेने से पहले कई एजेंसियों से परामर्श की आवश्यकता है। इसके बाद CBI के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने भी कोर्ट से कहा कि अभी कोई भी निर्णय लेने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। कोर्ट ने केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद 4 हफ्ते के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है। केंद्र सरकार ने फैसला लेने के लिए समय की मांग की है। राजोआना के वकीलों ने उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की है। उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक मौत की सजा का इंतजार करना मानसिक यातना के समान है। 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राजोआना की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को आदेश दिया था कि इसे राष्ट्रपति के सामने रखें। साथ ही 2 हफ्ते में याचिका पर फैसला लेने को कहा। वकील ने देरी को चौंकाने वाला बताया राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने दया याचिका पर फैसला करने में देरी को चौंकाने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि यह व्यक्ति आज तक 29 वर्षों से लगातार हिरासत में है। राजोआना को 1996 में बम विस्फोट के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। भाई के भोग के लिए 3 घंटे की पैरोल मिली 20 नवंबर को बलवंत सिंह राजोआना लुधियाना के राजोआना कलां गांव में अपने भाई कुलवंत सिंह के भोग कार्यक्रम में शामिल हुआ था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उसे सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक 3 घंटे की पैरोल दी थी। राजोआना को कड़ी सुरक्षा में पटियाला जेल से लाया गया। यहां राजोआना ने कहा था- 'मुझे आज भी वो सीन याद है। मैं और दिलावर, मां-पिता से आशीर्वाद लेकर घर से मिशन पर निकले थे। उस समय हमारे कदम ऐसे चल रहे थे, जैसे जल्दी मंजिल की तरफ पहुंच रहे हों। परमात्मा की ऐसी कृपा हुई, हमारे मिशन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। दिलावर सिंह ने शहादत दी। उन्हें कौमी शहीद का दर्जा भी सिख कौम ने दिया।' ************************** राजोआना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब के पूर्व CM के हत्यारे की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने रखने के आदेश पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना केस में 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को कहा था कि इसे राष्ट्रपति के सामने रखें। साथ ही उनसे अनुरोध करें कि दो हफ्ते में इस पर फैसला ले लें। पूरी खबर पढ़ें

Nov 25, 2024 - 11:35
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राजोआना की दया याचिका पर SC में सुनवाई टली:कोर्ट ने कहा- मामला संवेदनशील, केंद्र सरकार ने फैसला लेने के लिए समय मांगा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को लेकर सोमवार (25 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ के सामने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा कि इस मामले पर निर्णय लेने से पहले कई एजेंसियों से परामर्श की आवश्यकता है। इसके बाद CBI के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने भी कोर्ट से कहा कि अभी कोई भी निर्णय लेने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। कोर्ट ने केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद 4 हफ्ते के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है। केंद्र सरकार ने फैसला लेने के लिए समय की मांग की है। राजोआना के वकीलों ने उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की है। उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक मौत की सजा का इंतजार करना मानसिक यातना के समान है। 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राजोआना की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को आदेश दिया था कि इसे राष्ट्रपति के सामने रखें। साथ ही 2 हफ्ते में याचिका पर फैसला लेने को कहा। वकील ने देरी को चौंकाने वाला बताया राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने दया याचिका पर फैसला करने में देरी को चौंकाने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि यह व्यक्ति आज तक 29 वर्षों से लगातार हिरासत में है। राजोआना को 1996 में बम विस्फोट के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। भाई के भोग के लिए 3 घंटे की पैरोल मिली 20 नवंबर को बलवंत सिंह राजोआना लुधियाना के राजोआना कलां गांव में अपने भाई कुलवंत सिंह के भोग कार्यक्रम में शामिल हुआ था। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उसे सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक 3 घंटे की पैरोल दी थी। राजोआना को कड़ी सुरक्षा में पटियाला जेल से लाया गया। यहां राजोआना ने कहा था- 'मुझे आज भी वो सीन याद है। मैं और दिलावर, मां-पिता से आशीर्वाद लेकर घर से मिशन पर निकले थे। उस समय हमारे कदम ऐसे चल रहे थे, जैसे जल्दी मंजिल की तरफ पहुंच रहे हों। परमात्मा की ऐसी कृपा हुई, हमारे मिशन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। दिलावर सिंह ने शहादत दी। उन्हें कौमी शहीद का दर्जा भी सिख कौम ने दिया।' ************************** राजोआना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब के पूर्व CM के हत्यारे की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने रखने के आदेश पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना केस में 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को कहा था कि इसे राष्ट्रपति के सामने रखें। साथ ही उनसे अनुरोध करें कि दो हफ्ते में इस पर फैसला ले लें। पूरी खबर पढ़ें

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