राम नगरी के 252 शिवालयों पर हो रहा है जलाभिषेक:लाखों भक्तों ने दुग्धाभिषेक कर किया, पूजन-अर्चन की, शाम को निकलेगी शिव बारात

महाशिवरात्रि पर राम नगरी के 252 शिवालयों में शिव भक्त सुबह से जलाभिषेक कर रहे हैं। पहली बार राम नगरी में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद है। जो यहां के विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक कर राम मंदिर हनुमानगढ़ी, कनक भवन समेत विभिन्न मंदिरों में दर्शन पूजन कर रहे है। शिवभक्त बड़ी संख्या में शिवभक्त अयोध्या पहुंच रहे है। जो विभिन्न शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पूजन-अर्चन कर पहुंच रहे हैं। महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है। नागेश्वर नाथ मंदिर में मंगलवार को भगवान को हल्दी लगाई गई। बुधवार यानी आज शाम को बारात निकलेगी। वहीं नगर निगम प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी की है। मंदिर के बाहर फिसलन के लिए चटाई बिछाई गई है। महाशिवरात्रि के पूर्व संध्या पर प्राचीन नागेश्वरनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार किया गया। मंदिर सुबह तीन बजे से ही खोल दिया जाएगा। इसके बाद भक्त सरयू स्नान करके जलाभिषेक कर सकेंगे। शहर के मंदिरों का हाल देखने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

Feb 26, 2025 - 15:59
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राम नगरी के 252 शिवालयों पर हो रहा है जलाभिषेक:लाखों भक्तों ने दुग्धाभिषेक कर किया, पूजन-अर्चन की, शाम को निकलेगी शिव बारात
महाशिवरात्रि पर राम नगरी के 252 शिवालयों में शिव भक्त सुबह से जलाभिषेक कर रहे हैं। पहली बार राम नगर

राम नगरी के 252 शिवालयों पर हो रहा है जलाभिषेक

News by indiatwoday.com

भक्तों का अद्भुत उत्साह

राम नगरी में इस समय एक अद्वितीय धार्मिक उत्सव का माहौल बना हुआ है। यहां के 252 शिवालयों पर लाखों भक्त जलाभिषेक कर रहे हैं। यह दृश्य देखकर ऐसा लगता है मानो सम्पूर्ण भक्त समाज में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। भक्तगण भगवान शिव की कृपा पाने के लिए दुग्धाभिषेक कर रहे हैं और पूजन-अर्चन में व्यस्त हैं।

जलाभिषेक का महत्व

जलाभिषेक का हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है। भक्त जब भगवान शिव पर जल या दूध अर्पित करते हैं, तो वे अपने मन और आत्मा की शुद्धि की कामना करते हैं। यह प्रक्रिया न केवल एक धार्मिक कृत्य है, बल्कि एक प्रेरणा भी है, जो भक्तों को संगठित करने का कार्य करती है।

शाम को निकलेगी शिव बारात

इस धार्मिक उत्सव की विशेषता यह भी है कि शाम को धूमधाम से शिव बारात निकली जाएगी। इस बारात में भक्तगण भव्य रथों और सजावट के साथ शामिल होंगे। यह आयोजन ना केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत का भी परिचायक है। भक्तगण अपने-अपने तरीके से इस बारात में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

अवधि और स्थान

राम नगरी, जो उत्तर प्रदेश की अयोध्या में स्थित है, धार्मिक मान्यता के केंद्र के रूप में जानी जाती है। यहां का वातावरण पर्व और उत्सव से भरा हुआ है, जो हर श्रद्धालु के लिए विशेष होता है। यह आयोजन न केवल स्थानीय भक्तों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

आध्यात्मिक जागृति

इस अनूठे धार्मिक उत्सव के माध्यम से भक्तगण अपनी आध्यात्मिकता को और भी मजबूती से अनुभव कर रहे हैं। जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और शाम को होने वाली शिव बारात सभी श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती है। भक्तों की इस शक्ति के सामने, राम नगरी और अधिक पवित्र और आध्यात्मिक बनती जा रही है।

इस त्योहार की भव्यता और श्रद्धा को देखकर ऐसा लगता है जैसे अयोध्या एक बार फिर से अपनी पुरानी धार्मिक महिमा को पुनः प्राप्त कर रही है। भक्त गाँव-गाँव से आकर भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं। यह आयोजन निश्चित ही भारत की धार्मिक विविधता और एकता का प्रतीक है।

निष्कर्ष

राम नगरी में हो रहा यह जलाभिषेक और शिव बारात, आज के समय में एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना बन चुका है। यह न केवल भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव है, बल्कि समाज में एकता और भक्ति की भावना को भी सामने लाता है। Keywords: राम नगरी जलाभिषेक, शिवालयों पर पूजा, दुग्धाभिषेक शिव बारात, धार्मिक उत्सव अयोध्या, भक्तों का जलाभिषेक, शिव बारात आयोजन, राम नगरी महिमा, हिन्दू धर्म जलाभिषेक, श्रद्धा और विश्वास, आध्यात्मिक जागृति आयोजन.

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