राष्ट्रपति पद के लिए आज वोटिंग:ट्रम्प और कमला में से कौन बनेगा अगला राष्ट्रपति, कुछ घंटों में तय होगा

अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश आज अपने 47वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट करेगा। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच सीधा मुकाबला है। कमला हैरिस फिलहाल अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रम्प 2017 से 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। इस साल हो रहे चुनाव में अब तक करीब 7.5 करोड़ यानी 37% वोटर्स पहले ही पोस्टल वोटिंग के जरिए वोट कर चुके हैं। आज होने वाली वोटिंग में करीब 60% वोटर्स हिस्सा ले सकते हैं। कैसे होगी वोटों की गिनती और कब आएंगे नतीजे अमेरिकी समय के मुताबिक 5 नवंबर शाम 7 बजे तक (भारतीय समयानुसार 6 नवंबर सुबह 4:30 बजे) वोटिंग पूरी हो जाएगी। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी। आमतौर पर वोटिंग के 1 दिन बाद नतीजे आ जाते हैं। 2020 में हुए चुनाव में वोटिंग के 4 दिन बाद नतीजे सामने आ पाए थे। दरअसल कोविड 19 के चलते करीब 60% लोगों ने मेल के जरिए वोटिंग की थी। इससे वोटों की गिनती में अधिक समय लग गया था। इस बार चुनावी नतीजे 1 से 2 दिन में आ सकते हैं। गिनती के वक्त उम्मीदवारों के बीच वोटों का अंतर अधिक होने से नतीजे जल्द आते हैं। अगर किसी राज्य में दोनों उम्मीदवारों के बीच 50 हजार से अधिक वोटों का अंतर है और गिनती करने के लिए सिर्फ 20 हजार वोट ही बचे हैं, तो आगे चल रहे उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दिया जाता है। इससे नतीजे जल्द आने में मदद मिलती है। अगर दोनों के बीच जीत का अंतर कम रहता है तो अमेरिकी कानून के मुताबिक नतीजों को पुख्ता करने के लिए दोबारा गिनती की जाएगी। राष्ट्रपति चुनाव में प्रमुख मुद्दे 2024 में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में 2 प्रमुख मुद्दे हैं। इनमें इमिग्रेशन और अबॉर्शन शामिल हैं। एक-एक कर इन्हें समझते हैं… इमिग्रेशन: अमेरिकी चुनाव में इमिग्रेशन यानी प्रवासियों का देश में आना एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। 2000-10 तक अमेरिका में 1.4 करोड़ प्रवासी पहुंचे थे। इनमें से 10 लाख प्रवासियों को अमेरिका की नागरिकता भी ले चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा चीन, भारत, मेक्सिको और फिलीपींस के लोग थे। दूसरी तरफ देश में अवैध तरह से दाखिल हुए अप्रवासियों को रोकने के लिए 3200 किमी लंबे मेक्सिको-अमेरिका बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई। साथ ही यहां बैरियर भी लगाए गए। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अप्रवासियों को राक्षस और जानवर तक कहा था। ट्रम्प ने वादा किया है कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने वाले अप्रवासियों को मौत की सजा दी जाएगी। अबॉर्शन: अमेरिका में 1880 तक अमेरिका में अबॉर्शन करवाना आसान और कानूनी था। हालांकि 1873 में अमेरिकी कांग्रेस में कॉमस्टॉक लॉ पास करके अबॉर्शन की दवाओं पर बैन लगा दिया था। 1900 तक लगभग सभी राज्यों में गर्भपात बैन कर दिया गया था। अबॉर्शन तभी किया जा सकता था, जब प्रगेनेंसी से मां की जान को खतरा हो। 1960 के दशक में अमेरिका में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू हुआ। 1973 में रो बनाम वेड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका में गर्भपात को लीगल कर दिया। हालांकि तब से 2017 तक अबॉर्शन के एक्सेस को लिमिट करने के लिए 1000 से ज्यादा कानून पास किए गए। इन कानूनों के विरोध में और अबॉर्शन के अधिकार के लिए अमेरिकी महिलाओं ने कई बार प्रदर्शन किए हैं। 168 साल से चुनावों में दो पार्टियों का दबदबा अमेरिका के गठन के बाद पहली बार 1788-89 में चुनाव में हुए थे। इस चुनाव में जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। सन 1800 में डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में आई थी। ये पार्टी 2 दशकों तक सत्ता में रही। साल 1824 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन में फूट पड़ने के बाद ये पार्टी दो धड़ों नेशनल रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स में बंट गई। नेशनल रिपब्लिकन का नाम बदलकर व्हिग्स कर दिया गया। हालांकि 1854 में व्हिग्स में एक बार फिर फूट पड़ी जिसकी वजह से रिपब्लिकन पार्टी का गठन हुआ। 1856 में पहली बार रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला हुआ। 1856 से अब तक दोनों पार्टियों के बीच 168 साल में 42 बार चुनावी मुकाबला हुआ है। इन 42 चुनावों में से 24 बार रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली हैं वहीं 18 बार डेमोक्रेट्स जीते हैं। हालांकि पिछले 6 चुनावों में से दोनों पार्टियों ने 3-3 चुनाव जीते हैं। ----------------------------------------------- अमेरिकी चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भारतवंशी मां के घर जन्मीं कमला की कहानी:30 साल बड़े शख्स से अफेयर, विरोधियों ने मिस्ट्रेस कहा; क्या राष्ट्रपति बन इतिहास रचेंगी मैं उसे लाफिंग कमला कहता हूं, आपने कभी उसे हंसते हुए देखा है? वो पागलों की तरह हंसती है। वो पागल है, झूठी है।" 21 जुलाई को मिशिगन में रैली के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ये बात वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस को लेकर कही थी। तब अटकलें थीं कि डेमोक्रेटिक पार्टी उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है। पूरी खबर यहां पढ़ें... मंडे मेगा स्टोरी- हैकिंग के डर से EVM छोड़ा:अमेरिका के चुनाव भारत से कितने अलग; वोटिंग, काउंटिंग और नतीजों की पूरी कहानी साल 2000 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव। रिपब्लिकन पार्टी के जॉर्ज बुश और डेमोक्रेटिक अल गोर के बीच बेहद कड़ा मुकाबला था। फ्लोरिडा स्टेट जिसकी तरफ झुकता, वो अमेरिका का नया राष्ट्रपति बन सकता था। लेकिन एक गड़बड़ हो गई। पूरी खबर यहां पढ़े...

Nov 5, 2024 - 08:15
 59  501.8k
राष्ट्रपति पद के लिए आज वोटिंग:ट्रम्प और कमला में से कौन बनेगा अगला राष्ट्रपति, कुछ घंटों में तय होगा
अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश आज अपने 47वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट करेगा। राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच सीधा मुकाबला है। कमला हैरिस फिलहाल अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रम्प 2017 से 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। इस साल हो रहे चुनाव में अब तक करीब 7.5 करोड़ यानी 37% वोटर्स पहले ही पोस्टल वोटिंग के जरिए वोट कर चुके हैं। आज होने वाली वोटिंग में करीब 60% वोटर्स हिस्सा ले सकते हैं। कैसे होगी वोटों की गिनती और कब आएंगे नतीजे अमेरिकी समय के मुताबिक 5 नवंबर शाम 7 बजे तक (भारतीय समयानुसार 6 नवंबर सुबह 4:30 बजे) वोटिंग पूरी हो जाएगी। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी। आमतौर पर वोटिंग के 1 दिन बाद नतीजे आ जाते हैं। 2020 में हुए चुनाव में वोटिंग के 4 दिन बाद नतीजे सामने आ पाए थे। दरअसल कोविड 19 के चलते करीब 60% लोगों ने मेल के जरिए वोटिंग की थी। इससे वोटों की गिनती में अधिक समय लग गया था। इस बार चुनावी नतीजे 1 से 2 दिन में आ सकते हैं। गिनती के वक्त उम्मीदवारों के बीच वोटों का अंतर अधिक होने से नतीजे जल्द आते हैं। अगर किसी राज्य में दोनों उम्मीदवारों के बीच 50 हजार से अधिक वोटों का अंतर है और गिनती करने के लिए सिर्फ 20 हजार वोट ही बचे हैं, तो आगे चल रहे उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दिया जाता है। इससे नतीजे जल्द आने में मदद मिलती है। अगर दोनों के बीच जीत का अंतर कम रहता है तो अमेरिकी कानून के मुताबिक नतीजों को पुख्ता करने के लिए दोबारा गिनती की जाएगी। राष्ट्रपति चुनाव में प्रमुख मुद्दे 2024 में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में 2 प्रमुख मुद्दे हैं। इनमें इमिग्रेशन और अबॉर्शन शामिल हैं। एक-एक कर इन्हें समझते हैं… इमिग्रेशन: अमेरिकी चुनाव में इमिग्रेशन यानी प्रवासियों का देश में आना एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। 2000-10 तक अमेरिका में 1.4 करोड़ प्रवासी पहुंचे थे। इनमें से 10 लाख प्रवासियों को अमेरिका की नागरिकता भी ले चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा चीन, भारत, मेक्सिको और फिलीपींस के लोग थे। दूसरी तरफ देश में अवैध तरह से दाखिल हुए अप्रवासियों को रोकने के लिए 3200 किमी लंबे मेक्सिको-अमेरिका बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई। साथ ही यहां बैरियर भी लगाए गए। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अप्रवासियों को राक्षस और जानवर तक कहा था। ट्रम्प ने वादा किया है कि अगर वो राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने वाले अप्रवासियों को मौत की सजा दी जाएगी। अबॉर्शन: अमेरिका में 1880 तक अमेरिका में अबॉर्शन करवाना आसान और कानूनी था। हालांकि 1873 में अमेरिकी कांग्रेस में कॉमस्टॉक लॉ पास करके अबॉर्शन की दवाओं पर बैन लगा दिया था। 1900 तक लगभग सभी राज्यों में गर्भपात बैन कर दिया गया था। अबॉर्शन तभी किया जा सकता था, जब प्रगेनेंसी से मां की जान को खतरा हो। 1960 के दशक में अमेरिका में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू हुआ। 1973 में रो बनाम वेड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका में गर्भपात को लीगल कर दिया। हालांकि तब से 2017 तक अबॉर्शन के एक्सेस को लिमिट करने के लिए 1000 से ज्यादा कानून पास किए गए। इन कानूनों के विरोध में और अबॉर्शन के अधिकार के लिए अमेरिकी महिलाओं ने कई बार प्रदर्शन किए हैं। 168 साल से चुनावों में दो पार्टियों का दबदबा अमेरिका के गठन के बाद पहली बार 1788-89 में चुनाव में हुए थे। इस चुनाव में जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। सन 1800 में डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में आई थी। ये पार्टी 2 दशकों तक सत्ता में रही। साल 1824 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन में फूट पड़ने के बाद ये पार्टी दो धड़ों नेशनल रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स में बंट गई। नेशनल रिपब्लिकन का नाम बदलकर व्हिग्स कर दिया गया। हालांकि 1854 में व्हिग्स में एक बार फिर फूट पड़ी जिसकी वजह से रिपब्लिकन पार्टी का गठन हुआ। 1856 में पहली बार रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला हुआ। 1856 से अब तक दोनों पार्टियों के बीच 168 साल में 42 बार चुनावी मुकाबला हुआ है। इन 42 चुनावों में से 24 बार रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली हैं वहीं 18 बार डेमोक्रेट्स जीते हैं। हालांकि पिछले 6 चुनावों में से दोनों पार्टियों ने 3-3 चुनाव जीते हैं। ----------------------------------------------- अमेरिकी चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... भारतवंशी मां के घर जन्मीं कमला की कहानी:30 साल बड़े शख्स से अफेयर, विरोधियों ने मिस्ट्रेस कहा; क्या राष्ट्रपति बन इतिहास रचेंगी मैं उसे लाफिंग कमला कहता हूं, आपने कभी उसे हंसते हुए देखा है? वो पागलों की तरह हंसती है। वो पागल है, झूठी है।" 21 जुलाई को मिशिगन में रैली के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ये बात वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस को लेकर कही थी। तब अटकलें थीं कि डेमोक्रेटिक पार्टी उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है। पूरी खबर यहां पढ़ें... मंडे मेगा स्टोरी- हैकिंग के डर से EVM छोड़ा:अमेरिका के चुनाव भारत से कितने अलग; वोटिंग, काउंटिंग और नतीजों की पूरी कहानी साल 2000 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव। रिपब्लिकन पार्टी के जॉर्ज बुश और डेमोक्रेटिक अल गोर के बीच बेहद कड़ा मुकाबला था। फ्लोरिडा स्टेट जिसकी तरफ झुकता, वो अमेरिका का नया राष्ट्रपति बन सकता था। लेकिन एक गड़बड़ हो गई। पूरी खबर यहां पढ़े...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow