लखनऊ में कथा वाचक की हत्या में करीबी शामिल:पत्नी ने मोबाइल की टार्च से देखा तो जमीन पर थे पड़े, लूट की घटना से इंकार
लखनऊ के दुबग्गा मौरा खेड़ा गांव में कथा वाचक पुरोहित हरिशरण महाराज उर्फ राम शरण शुक्ल रविवार रात लहूलुहान हालत में घर में पड़े मिले। हत्यारे उनको मारने के इरादे से ही घर में घुसे थे, क्योंकि घर में चोरी या लूट की घटना नहीं हुई है। घर के बगल में ही बेटी के घर मौजूद उनकी पत्नी ने घर की टीन पर कुछ लोगों के फांदने की आवाज सुनकर डर गई। अनहोनी की आशंका पर पति के घर पहुंची और मोबाइल की टार्च जलाकर देखा तो उन्हें घटना की जानकारी हुई। जहां परिजनों का कहना है कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं पुलिस का कहना है कि ट्रामा ले जाते वक्त मौत हुई है। बेटे का आरोप है कि पुलिस ने घटना में बदमाशों के घर में घुसने कर हत्या करने की बात को घुमा रही है। इसीलिए कमजोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस हत्या में संपत्ति और पारिवारिक विवाद की बात कह रही है। जबकि परिजन इसको सिरे से खारिज कर रहे हैं, लेकिन हत्या में किसी जानकार होने की बात पर हामी भरी है। बेटी के घर की तरफ से भागे हत्यारे दुबग्गा मौरा खेड़ा गांव में कथा वाचक पुरोहित हरि शरण महाराज उर्फ राम शरण शुक्ला (75) की हत्या एक प्री-प्लान के तहत हुई है। पत्नी रामश्री ने बताया कि रात को उनको खाना देने के बाद बेटी रजनी के घर पर आ गई। जो घर के बगल में ही रहती है। दोनों घरों की छत जुड़ी है। रात में उसके घर में लगी टीन पर कुछ लोगों के अचानक कूदने की आवाज सुनाई दी। जिस पर बेटी ने घर में चोर होने की बात कह शोर मचाया। जिसके बाद पति को फोन मिलाया, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर घर का गेट बंद कर पति के पोर्सन की तरफ गई। दरवाजा अंदर से बंद था और कोई जवाब न मिलने पर मोबाइल की टार्च से जाली से देखा तो वह जमीन पर पड़े थे। अनहोनी की आशंका पर बेटे उमाशंकर को फोन कर घटना की जानकारी दी। जिसके बाद सभी बेटे और पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने घर में किसी को जाने नहीं दिया। बेटा उमाशंकर अंदर गया तो वह खून से लथपथ पड़े थे। ऐसा लग रहा था कि उनके सिर को किसी ने कूच दिया हो। पत्नी आठ बजे खाना लेकर गई थी, तब तक सब था सही पत्नी रामश्री ने घटना के पीछे लूट और पुरानी रंजिश से इंकार करते हुए बताया कि रोज की तरह शाम को खाना पूछने पर उन्होंने समय पर खाना दे जाने की बात कही थी। जिसके बाद आठ बजे खाना देकर लौट आई थी। वह घर पर अपनी पूजन सामग्री और किताबों के अलावा कोई खास कीमती चीज नहीं रखते थे। अगर होगा तो कुछ दक्षिणा के पैसे होंगे। जो वह अपनी किताबों में रखते हैं। उन्होंने हत्या में किसी परिचित के हाथ होने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि हो सकता है किसी ने घर और रहन सहन देखकर घर में बड़ी रकम मिलने की उम्मीद से चोरी की कोशिश की हो। उनके पहचानने के डर से हत्या कर दी हो। हरिशरण के पांच मकान, एक में रहते थे अकेले मूल रूप से माल के रहने वाले हरिशरण के लखनऊ में पांच मकान हैं। जिसमें सआतगंज वजीरबाग में एक मकान में उनके तीन बेटे विजय शंकर, देव शंकर और जयशंकर रहते हैं। वहीं ठाकुरगंज मरीमाता मंदिर के पास स्थित दो घरों में चौथे नंबर का बेटा उमाशंकर और पांचवे नंबर का बेटा रामलखन रहता है। जबकि मौरा खेड़ा शिव सिटीस्थित दो मकान में से एक में खुद और बगल में पत्नी बेटी रजनी और दामाद के साथ रहती है। घर में नहीं मिले लूट या फोर्स एंट्री के निशान एडीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि पुरोहित की हत्या में किसी करीबी के हाथ होने की आशंका है। घर में लूट या चोरी के साक्ष्य नहीं मिले है। मोबाइल और कीमती सामान घर में सुरक्षित था। घटना से ऐसा लग रहा है कि हत्यारे हत्या के ही इरादे से आए थे। हत्या के पीछे लूट, चोरी, संपत्ति और पारिवारिक सभी बिंदु पर जांच की जा रही है। दो शादियों को लेकर चर्चा इलाके में चर्चा है कि हरि शरण की एक और पत्नी है। जिसके तीन बच्चे हैं। पुलिस ने इसको लेकर रिश्तेदारों से जानकारी जुटा रही है। हालांकि परिजन दूसरी शादी से लेकर संपत्ति विवाद से साफ इंकार किया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने पुरोहित के बेटों से पूछताछ करने के लिए सबको घटना स्थल पर या किसी एक घर पर मिलने की बात कही। इस पर बेटे उमाशंकर ने कहा कि रात को सभी अंतिम संस्कार करके लौटे हैं। छोटे भाई राम लखन ने आग दी है। मंगलवार को अस्थि विसर्जन के बाद सभी भाई अपने बयान पुलिस को दर्ज कराएंगे।
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