लखनऊ DM ने वायु प्रदूषण को लेकर किया बैठक:AQI को बेहतर बनाने के लिए कूड़ा और पराली न जलाने के निर्देश, कंस्ट्रक्शन का वेस्ट मटेरिअल न हो जमा
लखनऊ में बढ़ते वायु प्रदूषण और स्मॉग की समस्या को लेकर बैठक हुई। जिला कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने अध्यक्षता किया। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विभिन्न शहरी इलाकों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की गयी है । कार्ययोजना में सम्बन्धित विभागों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी हैं। बैठक में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने एजेण्डा के सभी बिन्दु पर समीक्षा किया। साथ ही जिम्मेदार विभागों को निर्देशित किया गया कि उनके पास उपलब्ध सभी उपकरणों का टाइम-टेबल के आधार पर कर्मियों की डयूटी लगाई जाए। 24 घण्टे वायु प्रदूषण के नियंत्रण की लिस्टिंग की जाए। विभिन्न इलाकों में अलग-अलग जगहों पर प्रयोग किया जाये । लगातार वाटर स्प्रिंकलिंग, एन्टीस्मोक गन और मैकेनिकल स्वीपिंग करायी जाये । जो भी जरूरी कदम उठाए जा रहे है उसकी रिपोर्ट प्रदूषण विभाग को भेजी जाए। जाम वाले चैराहों को चिन्हित किया जाए जिलाधिकारी ने नगर निगम को शहर में जाम वाले चौराहों पर कच्ची सड़कों का पेवमेन्ट करवाने के निर्देश दिए है। वायु प्रदूषण फैलाये जाने वाले हॉटस्पॉट को चिन्हित कर निरन्तर जल छिड़काव व एण्टीस्मॉग गन का प्रयोग करते हुए वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाये की बात कही है। रोज समय से कूड़ा उठाने और कूड़ा न जालाने के भी निर्देश दिये हैं। कंस्ट्रक्शन वेस्ट मटेरिअल का निस्तारण हो बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि कास्ट्रक्शन वेस्ट मटेरियल को साइट पर एकत्रित न होने दिया जाए। वेस्ट को नगर निगम द्वारा संचालित सी.एण्ड डी.वेस्ट प्लान्ट पर पंहुचाया जाये। जिससे वेस्ट मटेरियल का निस्तारण तकनीकी रूप से हो सके। जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि क्षेत्रवार लखनऊ में संचालित सभी स्कूलों की छुट्टियां एक ही समय पर न करके अलग-अलग समय पर की जाये, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति न हो। जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया कि पराली को न जलाये जाने हेतु किसानों को जागरूक किया जाये तथा इसकी नियमित निगरानी किये जाने के भी निर्देश दिये गये। इण्डस्ट्रीज अलग-अलग समय में संचालित हो इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि तालकटोरा में स्थित सी.ए.क्यू.एम.एस. स्टेशन के आस-पास एयर क्वालिटी इण्डेक्स को ध्यान में रखते हुए उद्योगों का अलग-अलग टाइम पर 15 दिन तक संचालित किया जाये अगर एयर क्वालिटी इण्डेक्स सुधार होता है तो इस प्रक्रिया को अगले 03 माह तक लागू किया जाए, जिससे कि बढ़ते AQI स्तर को नियंत्रित किया जा सके।
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