लखनऊ पुलिस कस्टडी में कैसे बीती मोहित पांडे की रात:8 लोग लॉकअप में थे; जिसने जो देखा-सुना वह बताया, पुलिस की भूमिका संदिग्ध

'मोहित पांडे को जब पुलिस ले आई तो वह आराम से बैठा था, फिर लेट गया। लॉकअप में 8 लोग थे। कुछ देर बाद मोहित अचानक चीखने लगा। पूछा तो बताया कि सीने में दर्द हो रहा है। पुलिसकर्मी बाहर से देख रहे थे, लेकिन कोई भी अंदर नहीं आया। हेल्प मांगी तो गाली देने लगे। बाद में कुछ समय के लिए मोहित को खींचकर बाहर ले गए। फिर लॉकअप में धकेल दिया। वह गिरा और अचेत हो गया।' यह कहना है मोहित के साथ लॉकअप में कैद एक युवक का...। उसने बताया कि गाली-गलौज का माहौल था। मोहित को लॉकअप से 4 से 5 बार बाहर ले जाया गया था, लेकिन किसी ने मारपीट करते नहीं देखा। इधर, भाई शोभाराम ने कहा- लॉकअप में गंदगी थी। मोहित ने पेट दर्द के कारण पुलिस से दरवाजा खोलने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस द्वारा मदद की जगह गाली दी जा रही थी। मोहित पानी के लिए तड़प रहा था, उसे एक घूंट पानी तक नहीं दिया गया। अब वो पढ़िए जो भाई ने खुलकर दैनिक भास्कर को बताया शोभाराम के अनुसार शुक्रवार को दो पक्षों में झगड़ा हुआ। इस बीच हमारा भाई आया। 45 मिनट बाद हम भी पहुंचे। वहां पर मारपीट हुई या नहीं, हमें पूरी जानकारी नहीं है। पुलिस ने अरेस्ट कर लॉकअप में बंद कर दिया। मेरे भाई की तबीयत खराब थी। उसने कहा- हमें बाहर रहने दो। सबने कहा कि इसको बाहर कर दो मगर पुलिस वालों ने कोई बात नहीं मानी और अंदर बंद कर दिया। लॉकअप के अंदर उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। वह बहुत परेशान था। प्यास से तड़प रहा था मगर उसे पानी नहीं मिला। लॉकअप के अंदर का बाथरूम बहुत गंदा था वह विनती कर रहा था, कि बाहर का शौचालय इस्तेमाल करने दिया जाए। मगर नहीं जाने दिया। पुलिस वाले हमारे भाई को भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे थे। शनिवार को लॉकअप में ही भाई की मौत हो गई। इसकी मौत का जिम्मेदार पूरा प्रशासन है। शरीर पर चोट के निशान की हमें जानकारी नहीं है। पहले जो लड़ाई हुई थी, उसमें दूसरे पक्ष था का जो चाचा था, वह नेता था, जिसका नाम हमें मालूम नहीं। हमारी मांग को लेकर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो और मुआवजा दिया जाए। मोहित पांडे के साथ उस रात जो लॉकअप में हुआ घटना की शुरुआत शुक्रवार रात 10 बजे हुई, जब पुलिस ने मारपीट के आरोप में मोहित को हिरासत में लेकर चिनहट थाने के लॉकअप में बंद कर दिया। शनिवार दोपहर 1.30 बजे तक मोहित की हालत बिगड़ चुकी थी। बाद में अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। लॉकअप में मोहित की हालत, किसने क्या देखा और सुना? पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मोहित के भाई और अन्य लोग भी वहां थे। लॉकअप में आने के बाद से ही मोहित बहुत डरा हुआ था। रात 10 बजे उसे लॉकअप में डाल दिया गया। उसके बाद से मोहित परेशान दिख रहा था। लॉकअप में मौजूद एक युवक के अनुसार रात भर मोहित परेशान रहा। उसके साथ बंद एक नीली शर्ट वाला युवक कह रहा था कि चाचा ने बोला है, सब जेल जाएंगे। मोहित के भाई के अनुसार मोहित को बिना किसी इलाज के पूरी रात तड़पता छोड़ दिया गया। मोहित बार-बार दर्द की शिकायत कर रहा था, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। भाई और अन्य प्रत्यक्षदर्शी बोले- उसने बताया था पुलिस का बर्ताव लॉकअप में मोहित के साथ रात गुजारने वाले उनके बड़े भाई और तीन अन्य प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मोहित ने पुलिस के साथ हुए बर्ताव की बात बताई थी। उनके अनुसार, मोहित ने कहा कि उसे गलत तरीके से मारा-पीटा गया। लॉकअप की तस्वीरों से उठे सवाल मोहित की मौत के बाद लॉकअप के अंदर की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें जगह और हालात से मोहित की स्थिति का आभास मिलता है। वीडियो में लॉकअप का माहौल देख कई लोग आहत हैं। पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर क्या कारण था, जो मोहित की हालत इतनी बिगड़ गई? आरोपी पुलिसकर्मियों की भूमिका पर संदेह इस मामले में चिनहट थाने के अपट्रान चौकी इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। आरोप है कि उन्होंने न केवल मोहित के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि उसकी बिगड़ती हालत पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। यह भी पढ़ें लखनऊ में मोहित पांडेय के परिजनों से मिले योगी:अखिलेश बोले- काश जान लेने वाले मुआवजे में जीवन भी दे सकते लखनऊ पुलिस कस्टडी में कारोबारी मोहित पांडेय की मौत पर सियासत शुरू हो गई है। सोमवार को सीएम योगी मोहित के परिवार से मिले। उन्होंने परिवार को 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया। कहा- तीनों बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सरकार उठाएगी। दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त एक्शन लेंगे। पढ़ें पूरी खबर...

Oct 29, 2024 - 07:30
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लखनऊ पुलिस कस्टडी में कैसे बीती मोहित पांडे की रात:8 लोग लॉकअप में थे; जिसने जो देखा-सुना वह बताया, पुलिस की भूमिका संदिग्ध
'मोहित पांडे को जब पुलिस ले आई तो वह आराम से बैठा था, फिर लेट गया। लॉकअप में 8 लोग थे। कुछ देर बाद मोहित अचानक चीखने लगा। पूछा तो बताया कि सीने में दर्द हो रहा है। पुलिसकर्मी बाहर से देख रहे थे, लेकिन कोई भी अंदर नहीं आया। हेल्प मांगी तो गाली देने लगे। बाद में कुछ समय के लिए मोहित को खींचकर बाहर ले गए। फिर लॉकअप में धकेल दिया। वह गिरा और अचेत हो गया।' यह कहना है मोहित के साथ लॉकअप में कैद एक युवक का...। उसने बताया कि गाली-गलौज का माहौल था। मोहित को लॉकअप से 4 से 5 बार बाहर ले जाया गया था, लेकिन किसी ने मारपीट करते नहीं देखा। इधर, भाई शोभाराम ने कहा- लॉकअप में गंदगी थी। मोहित ने पेट दर्द के कारण पुलिस से दरवाजा खोलने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस द्वारा मदद की जगह गाली दी जा रही थी। मोहित पानी के लिए तड़प रहा था, उसे एक घूंट पानी तक नहीं दिया गया। अब वो पढ़िए जो भाई ने खुलकर दैनिक भास्कर को बताया शोभाराम के अनुसार शुक्रवार को दो पक्षों में झगड़ा हुआ। इस बीच हमारा भाई आया। 45 मिनट बाद हम भी पहुंचे। वहां पर मारपीट हुई या नहीं, हमें पूरी जानकारी नहीं है। पुलिस ने अरेस्ट कर लॉकअप में बंद कर दिया। मेरे भाई की तबीयत खराब थी। उसने कहा- हमें बाहर रहने दो। सबने कहा कि इसको बाहर कर दो मगर पुलिस वालों ने कोई बात नहीं मानी और अंदर बंद कर दिया। लॉकअप के अंदर उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। वह बहुत परेशान था। प्यास से तड़प रहा था मगर उसे पानी नहीं मिला। लॉकअप के अंदर का बाथरूम बहुत गंदा था वह विनती कर रहा था, कि बाहर का शौचालय इस्तेमाल करने दिया जाए। मगर नहीं जाने दिया। पुलिस वाले हमारे भाई को भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे थे। शनिवार को लॉकअप में ही भाई की मौत हो गई। इसकी मौत का जिम्मेदार पूरा प्रशासन है। शरीर पर चोट के निशान की हमें जानकारी नहीं है। पहले जो लड़ाई हुई थी, उसमें दूसरे पक्ष था का जो चाचा था, वह नेता था, जिसका नाम हमें मालूम नहीं। हमारी मांग को लेकर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो और मुआवजा दिया जाए। मोहित पांडे के साथ उस रात जो लॉकअप में हुआ घटना की शुरुआत शुक्रवार रात 10 बजे हुई, जब पुलिस ने मारपीट के आरोप में मोहित को हिरासत में लेकर चिनहट थाने के लॉकअप में बंद कर दिया। शनिवार दोपहर 1.30 बजे तक मोहित की हालत बिगड़ चुकी थी। बाद में अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। लॉकअप में मोहित की हालत, किसने क्या देखा और सुना? पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मोहित के भाई और अन्य लोग भी वहां थे। लॉकअप में आने के बाद से ही मोहित बहुत डरा हुआ था। रात 10 बजे उसे लॉकअप में डाल दिया गया। उसके बाद से मोहित परेशान दिख रहा था। लॉकअप में मौजूद एक युवक के अनुसार रात भर मोहित परेशान रहा। उसके साथ बंद एक नीली शर्ट वाला युवक कह रहा था कि चाचा ने बोला है, सब जेल जाएंगे। मोहित के भाई के अनुसार मोहित को बिना किसी इलाज के पूरी रात तड़पता छोड़ दिया गया। मोहित बार-बार दर्द की शिकायत कर रहा था, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। भाई और अन्य प्रत्यक्षदर्शी बोले- उसने बताया था पुलिस का बर्ताव लॉकअप में मोहित के साथ रात गुजारने वाले उनके बड़े भाई और तीन अन्य प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मोहित ने पुलिस के साथ हुए बर्ताव की बात बताई थी। उनके अनुसार, मोहित ने कहा कि उसे गलत तरीके से मारा-पीटा गया। लॉकअप की तस्वीरों से उठे सवाल मोहित की मौत के बाद लॉकअप के अंदर की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें जगह और हालात से मोहित की स्थिति का आभास मिलता है। वीडियो में लॉकअप का माहौल देख कई लोग आहत हैं। पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर क्या कारण था, जो मोहित की हालत इतनी बिगड़ गई? आरोपी पुलिसकर्मियों की भूमिका पर संदेह इस मामले में चिनहट थाने के अपट्रान चौकी इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। आरोप है कि उन्होंने न केवल मोहित के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि उसकी बिगड़ती हालत पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। यह भी पढ़ें लखनऊ में मोहित पांडेय के परिजनों से मिले योगी:अखिलेश बोले- काश जान लेने वाले मुआवजे में जीवन भी दे सकते लखनऊ पुलिस कस्टडी में कारोबारी मोहित पांडेय की मौत पर सियासत शुरू हो गई है। सोमवार को सीएम योगी मोहित के परिवार से मिले। उन्होंने परिवार को 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया। कहा- तीनों बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सरकार उठाएगी। दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त एक्शन लेंगे। पढ़ें पूरी खबर...

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