लखनऊ में 120 करोड़ की ठगी मामले में चार्जशीट दाखिल:एकेटीयू से एफडी के नाम पर की थी जालसाजी, 5 बिंदुओं से समझें पूरा मामला

लखनऊ में साइबर जालसाजों ने यूनियन बैंक का फर्जी मैनेजर बनकर 120 करोड़ की ठगी की। इसकी शिकायत 12 जून 2024 को विधानसभा मार्ग स्थित यूनियन बैंक मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि साइबर अपराधी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी का फाइनेंस ऑफिसर बनकर 100 करोड़ से ज्यादा की एफडी के लिए संपर्क किया। दोनों जगह फर्जी ऑफर लेटर, बैंक का फर्जी ईमेल [email protected] और एकेटीयू का फर्जी ईमेल [email protected] और विजिटिंग कार्ड बनाकर एकेटीयू के अकाउंट से जालसाजी के लिए खोले गए अकाउंट में 120 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करवा लिए। मामले में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। चार्जशीट की पांच मुख्य बातें एक साल से रच रहे थे ठगी की साजिश पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठगी के 100 करोड़ रुपए ट्रस्ट के खाते में भेजे गए थे। 20 करोड़ रुपए अन्य खातों में भेजे गए। ट्रस्टी देवेंद्र प्रसाद जोशी ने इसमें मदद की। पूरे घटनाक्रम में अजय का बड़ा रोल था। अजय ने पूछताछ में बताया कि पिछले साल उसने फेक वेबसाइट बनाई। ठगी के लिए मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ में गिरोह के लोगों के साथ बैठकें हुईं। अब तक 9 गिरफ्तार हो चुके हैं इस मामले में अब तक जीवराज पार्क अहमदाबाद गुजरात के रहन वाले पटेल उदय पुत्र हरशदभाई, अमरोली कसोड सूरत गुजरात के रहने वाले जोशी देवेन्द्र प्रसाद प्रभाशंकर पुत्र प्रभाशंकर, कार्मेल सर्कल महानगर लखनऊ के रहने वाले शैलेश कुमार रघुवंशी पुत्र हरिदास सिंह को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही मानसरोवर योजना एलडीए कॉलोनी के रहने वाले गिरीश चन्द्रा पुत्र सोमई राम, कोतवाली बस्ती के रहने वाले कृष्णकान्त त्रिपाठी पुत्र हरिराम त्रिपाठी, मुसाफिर खाना जनपद अमेठी के रहने वाले आलम पुत्र कबीर अहमद, आसिवान उन्नाव के रहने वाले राजेश बाबू पुत्र मथुरा प्रसाद गिरफ्तार हैं। वहीं, भरुच गुजरात के रहने वाले अजय सुरेश भाई पटेल पुत्र सुरेश भाई पटेल और हरैया बस्ती के रहने वाले अनुराग श्रीवास्तव पुत्र उमेश श्रीवास्तव धारा 419/420/467/468/471/120 बी व 66डी आईटी एक्ट में सभी को जेल भेजा जा चुका है। इस केस में कई मुश्किलें आईं 4 महीने 16 दिन में केस क्लोज किया मामले की शिकायत 12 जून को की गई। 6 दिन बाद 7 लोगों को पकड़कर 119 करोड़ 80 लाख रिकवर किए। 7 अगस्त को एक अन्य को गिरफ्तार किया। इसके बाद 30 अगस्त को मास्टर माइंड भी पकड़ा गया। 28 अक्टूबर को फाइनल रिपोर्ट लगी। यह भी पढ़ें साइबर सेल प्रभारी बृजेश यादव की टीम होगी पुरस्कृत:ठगी के 120 करोड़ किए थे रिकवर, एकेटीयू में एफडी के नाम पर हुई थी जालसाजी लखनऊ में हुई 120 करोड़ की ठगी के मामले में साइबर क्राइम टीम के इंस्पेक्टर सहित 3 सिपाहियों को पुरस्कार दिया जाएगा। टीम ने ठगी होने के बाद 6 दिन अंदर 7 आरोपियों को गिरफ्तार 119 करोड़ 80 लाख रिकवर किया था। जांच के दौरान अन्य दो को गिरफ्तार कर 20 लाख की ठगी के पैसों से खरीदी गई कार भी बरामद की थी। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 14, 2024 - 09:25
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लखनऊ में 120 करोड़ की ठगी मामले में चार्जशीट दाखिल:एकेटीयू से एफडी के नाम पर की थी जालसाजी, 5 बिंदुओं से समझें पूरा मामला
लखनऊ में साइबर जालसाजों ने यूनियन बैंक का फर्जी मैनेजर बनकर 120 करोड़ की ठगी की। इसकी शिकायत 12 जून 2024 को विधानसभा मार्ग स्थित यूनियन बैंक मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि साइबर अपराधी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी का फाइनेंस ऑफिसर बनकर 100 करोड़ से ज्यादा की एफडी के लिए संपर्क किया। दोनों जगह फर्जी ऑफर लेटर, बैंक का फर्जी ईमेल [email protected] और एकेटीयू का फर्जी ईमेल [email protected] और विजिटिंग कार्ड बनाकर एकेटीयू के अकाउंट से जालसाजी के लिए खोले गए अकाउंट में 120 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करवा लिए। मामले में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। चार्जशीट की पांच मुख्य बातें एक साल से रच रहे थे ठगी की साजिश पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठगी के 100 करोड़ रुपए ट्रस्ट के खाते में भेजे गए थे। 20 करोड़ रुपए अन्य खातों में भेजे गए। ट्रस्टी देवेंद्र प्रसाद जोशी ने इसमें मदद की। पूरे घटनाक्रम में अजय का बड़ा रोल था। अजय ने पूछताछ में बताया कि पिछले साल उसने फेक वेबसाइट बनाई। ठगी के लिए मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ में गिरोह के लोगों के साथ बैठकें हुईं। अब तक 9 गिरफ्तार हो चुके हैं इस मामले में अब तक जीवराज पार्क अहमदाबाद गुजरात के रहन वाले पटेल उदय पुत्र हरशदभाई, अमरोली कसोड सूरत गुजरात के रहने वाले जोशी देवेन्द्र प्रसाद प्रभाशंकर पुत्र प्रभाशंकर, कार्मेल सर्कल महानगर लखनऊ के रहने वाले शैलेश कुमार रघुवंशी पुत्र हरिदास सिंह को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही मानसरोवर योजना एलडीए कॉलोनी के रहने वाले गिरीश चन्द्रा पुत्र सोमई राम, कोतवाली बस्ती के रहने वाले कृष्णकान्त त्रिपाठी पुत्र हरिराम त्रिपाठी, मुसाफिर खाना जनपद अमेठी के रहने वाले आलम पुत्र कबीर अहमद, आसिवान उन्नाव के रहने वाले राजेश बाबू पुत्र मथुरा प्रसाद गिरफ्तार हैं। वहीं, भरुच गुजरात के रहने वाले अजय सुरेश भाई पटेल पुत्र सुरेश भाई पटेल और हरैया बस्ती के रहने वाले अनुराग श्रीवास्तव पुत्र उमेश श्रीवास्तव धारा 419/420/467/468/471/120 बी व 66डी आईटी एक्ट में सभी को जेल भेजा जा चुका है। इस केस में कई मुश्किलें आईं 4 महीने 16 दिन में केस क्लोज किया मामले की शिकायत 12 जून को की गई। 6 दिन बाद 7 लोगों को पकड़कर 119 करोड़ 80 लाख रिकवर किए। 7 अगस्त को एक अन्य को गिरफ्तार किया। इसके बाद 30 अगस्त को मास्टर माइंड भी पकड़ा गया। 28 अक्टूबर को फाइनल रिपोर्ट लगी। यह भी पढ़ें साइबर सेल प्रभारी बृजेश यादव की टीम होगी पुरस्कृत:ठगी के 120 करोड़ किए थे रिकवर, एकेटीयू में एफडी के नाम पर हुई थी जालसाजी लखनऊ में हुई 120 करोड़ की ठगी के मामले में साइबर क्राइम टीम के इंस्पेक्टर सहित 3 सिपाहियों को पुरस्कार दिया जाएगा। टीम ने ठगी होने के बाद 6 दिन अंदर 7 आरोपियों को गिरफ्तार 119 करोड़ 80 लाख रिकवर किया था। जांच के दौरान अन्य दो को गिरफ्तार कर 20 लाख की ठगी के पैसों से खरीदी गई कार भी बरामद की थी। पढ़ें पूरी खबर...

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