लखनऊ में कैथलीक ईसाई समाज ने मनाया 'आल सोल्स डे':कब्रिस्तान में मोमबत्ती जलाकर , फूल चढ़कर पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए प्राथना किया
लखनऊ में शनिवार को ईसाई समाज ने "आल सोल्स डे" मनाया। इस अवसर पर निशातगंज स्थित कब्रिस्तान में कैथलिक ईसाईयों ने अपने पूर्वजों के कब्रों पर मोमबत्ती, फूल और अगरबत्ती चढ़ाकर कर उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना किया। इस विशेष दिन पर बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान में नजर आए। "आल सोल्स डे" की कई दिन पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती है। परिजन अपने मृतकों की कब्र की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई करवाते हैं। अपने पूर्वज की कब्र पर शांति की प्राथना करने आई कैस्टिलेनो ने बताया कि आज के दिन को 'मृत विश्वासियों का स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। ईसाई समाज के लिए आज का दिन बहुत खास है। साल में ये ऐसा दिन होता है जिसका इंतजार हमारे मृत परिजनों को भी होता है और हम लोगों की भी होता है। आज के दिन पहले हम लोग चर्च जाते हैं और अपने पूर्वजों को वहां याद करते हैं। गिरजाघर में फादर पूरे समाज के मृतकों के लिए शांति की दुआ करते हैं। देर शाम बिशप कब्रिस्तान में आकर आत्माओं की शांति के लिए कॉमन प्रार्थना करते हैं। कैस्टिलेनो ने कहा कि हमारा विश्वास है कि हमारे परिजन जिनकी मृत्यु हो चुकी है वह अभी हमारे बीच में हैं। हमारी मान्यता है कि मृतक परिजनों की आत्माएं हमारे आसपास हैं जो हमको सुनती हैं। सबकी प्रार्थना को यह प्रभु यीशु तक पहुंचती हैं , जिससे हमको जीवन में सफलता प्राप्त होती है। हम अपने प्रिय जनों से यह प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर तक हमारी बात पहुंच जाए। मान्यता है की आत्माओं के द्वारा जो संदेश यीशु तक पहुंचता है वह जरूर पूरा होता है। सेंट मैकुलम ने बताया कि इस कब्रिस्तान में वह अपनी बेटी और पत्नी की शांति की प्रार्थना करने आए हैं। बीते दिनों बेटी की और उसके बाद पत्नी की मृत्यु हो गई जो हमारे लिए बहुत दुखद था। आज हम लोग यीशु से प्रार्थना कर रहे हैं कि मेरे परिवार की मृत्यु जनों को शांति प्रदान करें। ये दिन बहुत विशेष है पूरे ईसाई समाज के लिए जो भी अपने मृत जनों को याद करते हैं उनके लिए।
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