लखनऊ में डेंगू की तरह मरीजों पर बुखार का असर:तेजी से गिर रहा प्लेटलेट, कमजोरी और बदन दर्द से कराह रहे रोगी

लखनऊ समेत समूचा उत्तर प्रदेश बुखार की चपेट में है। डेंगू के अलावा टायफॉयड, चिकुनगुनिया, मलेरिया और वायरल के पीड़ित अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें OPD में आने वाले मरीजों की संख्या हजारों में है। इन मरीजों में हाई ग्रेड फीवर के अलावा बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, कमजोरी के अलावा ब्लड प्लेटलेट काउंट में तेजी से गिरावट भी दर्ज की जा रही है। बड़ी बात ये है कि इन मरीजों में डेंगू जांच रिपोर्ट नेगेटिव है बावजूद इसके लक्षण डेंगू जैसे घातक ही नजर आ रहे। अब जान लीजिए...राजधानी के 3 बड़े अस्पतालों का हाल... लोकबंधु में बुखार के 50 से ज्यादा मरीज भर्ती राजनारायण लोकबंधु अस्पताल में डेंगू सहित बुखार के 55 मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के निदेशक डॉ.सुरेश कौशल ने बताया कि कुछ मरीज गंभीर हालत में हैं पर उनकी निगरानी लगातार की जा रही हैं। बुखार के रोगी पहले की तरह रोजाना आ रहे है। पर अभी हालात नियंत्रण से बाहर नही, पैनिक करने जैसी सिचुएशन नही है। डेंगू रिपोर्ट नेगेटिव पर गंभीर लक्षण सिविल अस्पताल के CMS डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ मरीजों में थोड़े अलग से लक्षण आ रहे है। जांच रिपोर्ट में डेंगू नेगेटिव है पर प्लेटलेट गिर रहे। इन मरीजों को जरूरत के मुताबिक प्लेटलेट चढ़ाई जा रही है। पर इनकी रिकवरी थोड़ी स्लो है। यही कारण है कि इन्हें जल्दी छुट्टी नही दी जा रही है। इसके अलावा डेंगू के मरीजों के लिए तय प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज किया जा रहा। बलरामपुर में 62 मरीज भर्ती प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बलरामपुर अस्पताल में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज भर्ती है। अस्पताल के निदेशक डॉ.पवन अरुण ने बताया कि डेंगू के अलावा भी बुखार के कई मरीजों का इलाज चल रहा हैं। इन मरीजों में बुखार के अलावा बदन दर्द के लक्षण है। मरीजों को परेशानी नही होने दी जाएगी। पर रिकवर होने में 5 से 7 दिन तक का समय लग रहा है। निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में डेंगू मरीज भर्ती हैं। कुछ बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों में डेंगू के भर्ती मरीजों की संख्या 50 से ज्यादा है। डेंगू के अलावा चिकुनगुनिया और वायरल फीवर के मरीज भी कई निजी अस्पतालों में भर्ती है। इनमें से डेंगू सहित कुछ गंभीर मरीजों को ICU में भर्ती कर वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया हैं। सीजन में कई तरह के बुखार कर रहे अटैक लखनऊ के डॉ.शोभित शाक्य कहते है कि कई बार डेंगू होने के बावजूद जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है, इसका मतलब ये नही कि मरीज डेंगू संक्रमित नही है। इसके अलावा डेंगू के साथ इस सीजन में चिकनगुनिया, मलेरिया टायफाइड और वायरल फीवर भी तेजी से अटैक करते है। ऐसे में बुखार से लोगों का बचाव बेहद जरूरी होता है। डॉ. शोभित कहते है कि मौसम बदल रहा है इस दौरान तेजी से कई संक्रामक रोग भी एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए जिस मरीज में भी इम्यूनिटी की कमी है उन्हें बेहद सतर्क रहना होगा। इसके अलावा बच्चों और बुजुर्गों को भी ज्यादा अलर्ट रहना होगा। जो पहले से किसी असाध्य रोग के चपेट में है उनको लिए भी अलर्टनेस जरूरी है। ऐसे मरीज नियमित दवा लेते रहें और कोई लापरवाही ना बरते हैं। बुखार के बाद रिकवर होने में लगभग 15 दिन तक का समय लग सकता है। कुछ मरीजों में इसके बाद भी कमजोरी जैसे लक्षण दिखते है। इसके पीछे स्ट्रेन में आए बदलाव भी एक बड़ा कारण है। यह समझना होगा कि हर शरीर पर वायरस और बैक्टीरिया इन्फेक्शन का अलग-अलग प्रभाव होता है। सेल्फ मेडिकेशन करना ठीक नही ऐसे में किस मरीज को क्या समस्या आ रही है इसके लिए सभी लक्षण और मरीज की कंडीशन देखकर ही डॉक्टर इलाज के तरीकों पर निर्णय लेते है। यही कारण है कि सेल्फ मेडिकेशन के लिए मना किया जाता है और बुखार आने पर किसी एक्सपर्ट चिकित्सक की ही निगरानी में इलाज करने की बात कही जाती है। बुखार में भी प्लेटलेट में आती है कमी प्लेटलेट में गिरावट डेंगू के अलावा भी अन्य बुखार में दर्ज की जाती है। इसलिए प्लेटलेट में कमी होती है इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बस प्लेटलेट काउंट की मॉनिटरिंग करते रहना चाहिए जरूरत पड़ने पर ऐसे मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाया भी जाता है।

Nov 5, 2024 - 09:45
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लखनऊ में डेंगू की तरह मरीजों पर बुखार का असर:तेजी से गिर रहा प्लेटलेट, कमजोरी और बदन दर्द से कराह रहे रोगी
लखनऊ समेत समूचा उत्तर प्रदेश बुखार की चपेट में है। डेंगू के अलावा टायफॉयड, चिकुनगुनिया, मलेरिया और वायरल के पीड़ित अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें OPD में आने वाले मरीजों की संख्या हजारों में है। इन मरीजों में हाई ग्रेड फीवर के अलावा बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, कमजोरी के अलावा ब्लड प्लेटलेट काउंट में तेजी से गिरावट भी दर्ज की जा रही है। बड़ी बात ये है कि इन मरीजों में डेंगू जांच रिपोर्ट नेगेटिव है बावजूद इसके लक्षण डेंगू जैसे घातक ही नजर आ रहे। अब जान लीजिए...राजधानी के 3 बड़े अस्पतालों का हाल... लोकबंधु में बुखार के 50 से ज्यादा मरीज भर्ती राजनारायण लोकबंधु अस्पताल में डेंगू सहित बुखार के 55 मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के निदेशक डॉ.सुरेश कौशल ने बताया कि कुछ मरीज गंभीर हालत में हैं पर उनकी निगरानी लगातार की जा रही हैं। बुखार के रोगी पहले की तरह रोजाना आ रहे है। पर अभी हालात नियंत्रण से बाहर नही, पैनिक करने जैसी सिचुएशन नही है। डेंगू रिपोर्ट नेगेटिव पर गंभीर लक्षण सिविल अस्पताल के CMS डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ मरीजों में थोड़े अलग से लक्षण आ रहे है। जांच रिपोर्ट में डेंगू नेगेटिव है पर प्लेटलेट गिर रहे। इन मरीजों को जरूरत के मुताबिक प्लेटलेट चढ़ाई जा रही है। पर इनकी रिकवरी थोड़ी स्लो है। यही कारण है कि इन्हें जल्दी छुट्टी नही दी जा रही है। इसके अलावा डेंगू के मरीजों के लिए तय प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज किया जा रहा। बलरामपुर में 62 मरीज भर्ती प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बलरामपुर अस्पताल में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज भर्ती है। अस्पताल के निदेशक डॉ.पवन अरुण ने बताया कि डेंगू के अलावा भी बुखार के कई मरीजों का इलाज चल रहा हैं। इन मरीजों में बुखार के अलावा बदन दर्द के लक्षण है। मरीजों को परेशानी नही होने दी जाएगी। पर रिकवर होने में 5 से 7 दिन तक का समय लग रहा है। निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में डेंगू मरीज भर्ती हैं। कुछ बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों में डेंगू के भर्ती मरीजों की संख्या 50 से ज्यादा है। डेंगू के अलावा चिकुनगुनिया और वायरल फीवर के मरीज भी कई निजी अस्पतालों में भर्ती है। इनमें से डेंगू सहित कुछ गंभीर मरीजों को ICU में भर्ती कर वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया हैं। सीजन में कई तरह के बुखार कर रहे अटैक लखनऊ के डॉ.शोभित शाक्य कहते है कि कई बार डेंगू होने के बावजूद जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है, इसका मतलब ये नही कि मरीज डेंगू संक्रमित नही है। इसके अलावा डेंगू के साथ इस सीजन में चिकनगुनिया, मलेरिया टायफाइड और वायरल फीवर भी तेजी से अटैक करते है। ऐसे में बुखार से लोगों का बचाव बेहद जरूरी होता है। डॉ. शोभित कहते है कि मौसम बदल रहा है इस दौरान तेजी से कई संक्रामक रोग भी एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए जिस मरीज में भी इम्यूनिटी की कमी है उन्हें बेहद सतर्क रहना होगा। इसके अलावा बच्चों और बुजुर्गों को भी ज्यादा अलर्ट रहना होगा। जो पहले से किसी असाध्य रोग के चपेट में है उनको लिए भी अलर्टनेस जरूरी है। ऐसे मरीज नियमित दवा लेते रहें और कोई लापरवाही ना बरते हैं। बुखार के बाद रिकवर होने में लगभग 15 दिन तक का समय लग सकता है। कुछ मरीजों में इसके बाद भी कमजोरी जैसे लक्षण दिखते है। इसके पीछे स्ट्रेन में आए बदलाव भी एक बड़ा कारण है। यह समझना होगा कि हर शरीर पर वायरस और बैक्टीरिया इन्फेक्शन का अलग-अलग प्रभाव होता है। सेल्फ मेडिकेशन करना ठीक नही ऐसे में किस मरीज को क्या समस्या आ रही है इसके लिए सभी लक्षण और मरीज की कंडीशन देखकर ही डॉक्टर इलाज के तरीकों पर निर्णय लेते है। यही कारण है कि सेल्फ मेडिकेशन के लिए मना किया जाता है और बुखार आने पर किसी एक्सपर्ट चिकित्सक की ही निगरानी में इलाज करने की बात कही जाती है। बुखार में भी प्लेटलेट में आती है कमी प्लेटलेट में गिरावट डेंगू के अलावा भी अन्य बुखार में दर्ज की जाती है। इसलिए प्लेटलेट में कमी होती है इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बस प्लेटलेट काउंट की मॉनिटरिंग करते रहना चाहिए जरूरत पड़ने पर ऐसे मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाया भी जाता है।

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