लखनऊ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का हुआ उद्घाटन:पूरे भारत से 800 बौद्ध भिक्षु होंगे शामिल, दोनों डिप्टी सीएम ने भगवान बुद्ध को शांति का प्रतीक बताया

लखनऊ के बौद्ध विहार शांति उपवन में पालि साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक शामिल हुए। 9 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के द्वारा किया गया। पालि साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन में पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि आज भगवान बुद्ध की सेवा का अवसर मिला। भगवान बुद्ध की वाणी , शिक्षा पाली भाषा में विरासत के तौर पर पूरे विश्व को मिली है। पाली भाषा हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। हमारी सरकार ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देखकर पूरे बौद्ध समाज के साथ इस अद्भुत विरासत को सम्मानित करने का काम किया है। हमारी सरकार ने सभी धर्मों का सम्मान किया है। सबका साथ , सबका विकास का नारा धार्मिक , सांस्कृतिक तौर पर सबको एक बनाता है। भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया पाली सम्मेलन में शामिल हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया। पाली सम्मेलन में सम्मिलित होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इस पाली सम्मेलन में आज भगवान बुद्ध के अनुयायी तमाम साधु संतों से हमको आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है । भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को मानवता और शांति का संदेश दिया। उन्होंने जो ज्ञान की रोशनी दिया आज उससे पूरा मानव समाज जगमगा रहा है । भगवान बुद्ध के बातों को मानने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में भगवान बुद्ध की चर्चा करते हैं। भाजपा का शीश नेतृत्व हमें यह सिखाता है कि भगवान बुद्ध ने किस तरह से मानवता को कायम रखने के लिए कड़ी तपस्या किया । हमारा यही प्रयास है कि अपने जीवन में भगवान बुद्ध की बातों को लागू करके सफल बनायें। देशभर के 800 आचार्य , बौद्ध भिक्षु होंगे शामिल बौद्ध शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध ने बताया कि 9 से 11 नवम्बर तक आयोजित इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव की थीम ‘विश्व शांति एवं सद्भाव बढ़ाने में पालि साहित्य का योगदान' रखी गई है। सम्मेलन में देशभर के 800 आचार्य , बौद्ध भिक्षु, विद्वान तथा बौद्ध उपासक शामिल हो रहे हैं । सम्मेलन में बौद्ध पर्यटन, पालि भाषा, साहित्य, पुरातत्व, बौद्ध संस्कृति, प्राचीन इतिहास तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पर विस्तार से मंथन किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि भगवान बुद्ध का संदेश युवा पीढ़ी तक जरूर पहुंचाएं।

Nov 9, 2024 - 16:15
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लखनऊ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का हुआ उद्घाटन:पूरे भारत से 800 बौद्ध भिक्षु होंगे शामिल, दोनों डिप्टी सीएम ने भगवान बुद्ध को शांति का प्रतीक बताया
लखनऊ के बौद्ध विहार शांति उपवन में पालि साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक शामिल हुए। 9 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के द्वारा किया गया। पालि साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन में पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि आज भगवान बुद्ध की सेवा का अवसर मिला। भगवान बुद्ध की वाणी , शिक्षा पाली भाषा में विरासत के तौर पर पूरे विश्व को मिली है। पाली भाषा हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। हमारी सरकार ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देखकर पूरे बौद्ध समाज के साथ इस अद्भुत विरासत को सम्मानित करने का काम किया है। हमारी सरकार ने सभी धर्मों का सम्मान किया है। सबका साथ , सबका विकास का नारा धार्मिक , सांस्कृतिक तौर पर सबको एक बनाता है। भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया पाली सम्मेलन में शामिल हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया। पाली सम्मेलन में सम्मिलित होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इस पाली सम्मेलन में आज भगवान बुद्ध के अनुयायी तमाम साधु संतों से हमको आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है । भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को मानवता और शांति का संदेश दिया। उन्होंने जो ज्ञान की रोशनी दिया आज उससे पूरा मानव समाज जगमगा रहा है । भगवान बुद्ध के बातों को मानने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में भगवान बुद्ध की चर्चा करते हैं। भाजपा का शीश नेतृत्व हमें यह सिखाता है कि भगवान बुद्ध ने किस तरह से मानवता को कायम रखने के लिए कड़ी तपस्या किया । हमारा यही प्रयास है कि अपने जीवन में भगवान बुद्ध की बातों को लागू करके सफल बनायें। देशभर के 800 आचार्य , बौद्ध भिक्षु होंगे शामिल बौद्ध शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध ने बताया कि 9 से 11 नवम्बर तक आयोजित इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव की थीम ‘विश्व शांति एवं सद्भाव बढ़ाने में पालि साहित्य का योगदान' रखी गई है। सम्मेलन में देशभर के 800 आचार्य , बौद्ध भिक्षु, विद्वान तथा बौद्ध उपासक शामिल हो रहे हैं । सम्मेलन में बौद्ध पर्यटन, पालि भाषा, साहित्य, पुरातत्व, बौद्ध संस्कृति, प्राचीन इतिहास तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पर विस्तार से मंथन किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि भगवान बुद्ध का संदेश युवा पीढ़ी तक जरूर पहुंचाएं।

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