लखनऊ में बीजेपी पार्षद ने सीएम को लिखा पत्र:पार्षद राम नरेश रावत बोले- नगर निगम में सरकारी बजट का हो रहा गलत इस्तेमाल

बीजेपी पार्षद ने नगर निगम पर सरकारी खर्च से दूसरे काम कराने का आरोप लगाया है। पार्षद राम नरेश रावत का कहना है कि 15वें वित्त आयोग, मेयर व पार्षद निधि से होने वाले विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता की जा रही है। जनता के टैक्स की बर्बादी की जा रही है। इंजीनियर व ठेकेदार की मिलीभगत से मानकों को ताक पर रखकर विकास के नाम पर लूट मची है। पार्षद कोटे से कराए जाने वाले कामों के मैनुअल टेंडर कराए जा रहे हैं। इससे पार्षदों और इंजीनियरों की उसमें मनमर्जी चल रही है। बडे अफसरों की ओर से निगरानी न किए जाने से ठेकेदारों को न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है। सीएम को लिखा पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लिखित शिकायत करते हुए कार्य की गुणवत्ता की जांच करवाने व अधूरे कार्य को पूरा करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अलीनगर सुनहरा, नारायणपुरी में पंद्रहवें वित्त निधि 2023-2024 से इंटरलॉकिंग सड़क और जलनिकासी के लिए 70 लाख की धनराशि आवंटित की गई थी जिसमें केवल 35 लाख रुपए तक का कार्य ठेकेदार ने कराया है। यह कार्य भी मानक के अनुरूप नहीं कराया गया। बाकि 35 लाख का कार्य अभी तक कराया ही नहीं गया है। इस वजह से आम जनता की ओर से शिकायत की जा रही है, जो सड़क नाली ठेकेदार ने बनाई थी वो भी क्षतिग्रस्त हो रही है जबकि कार्य हुए मात्र 10 महीने ही हुए हैं। पार्षद ने ठेकेदार नरेन्द्र सिंह पर काम में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की है। पार्षद के आरोपों को सही माना जाए तो यहां सवाल यह उठता है कि क्षेत्रीय अवर अभियंता, अधिशासी अभियंता व मुख्य अभियंता की ओर से कोई निगरानी नहीं की जा रही है। कब और कौन सा काम किए जाने की समय सीमा क्या है? इसकी गुणवत्ता परखने की भी कोई व्यवस्था नगर निगम के पास नहीं है।

Nov 17, 2024 - 23:05
 0  214.6k
लखनऊ में बीजेपी पार्षद ने सीएम को लिखा पत्र:पार्षद राम नरेश रावत बोले- नगर निगम में सरकारी बजट का हो रहा गलत इस्तेमाल
बीजेपी पार्षद ने नगर निगम पर सरकारी खर्च से दूसरे काम कराने का आरोप लगाया है। पार्षद राम नरेश रावत का कहना है कि 15वें वित्त आयोग, मेयर व पार्षद निधि से होने वाले विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता की जा रही है। जनता के टैक्स की बर्बादी की जा रही है। इंजीनियर व ठेकेदार की मिलीभगत से मानकों को ताक पर रखकर विकास के नाम पर लूट मची है। पार्षद कोटे से कराए जाने वाले कामों के मैनुअल टेंडर कराए जा रहे हैं। इससे पार्षदों और इंजीनियरों की उसमें मनमर्जी चल रही है। बडे अफसरों की ओर से निगरानी न किए जाने से ठेकेदारों को न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है। सीएम को लिखा पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लिखित शिकायत करते हुए कार्य की गुणवत्ता की जांच करवाने व अधूरे कार्य को पूरा करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अलीनगर सुनहरा, नारायणपुरी में पंद्रहवें वित्त निधि 2023-2024 से इंटरलॉकिंग सड़क और जलनिकासी के लिए 70 लाख की धनराशि आवंटित की गई थी जिसमें केवल 35 लाख रुपए तक का कार्य ठेकेदार ने कराया है। यह कार्य भी मानक के अनुरूप नहीं कराया गया। बाकि 35 लाख का कार्य अभी तक कराया ही नहीं गया है। इस वजह से आम जनता की ओर से शिकायत की जा रही है, जो सड़क नाली ठेकेदार ने बनाई थी वो भी क्षतिग्रस्त हो रही है जबकि कार्य हुए मात्र 10 महीने ही हुए हैं। पार्षद ने ठेकेदार नरेन्द्र सिंह पर काम में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की है। पार्षद के आरोपों को सही माना जाए तो यहां सवाल यह उठता है कि क्षेत्रीय अवर अभियंता, अधिशासी अभियंता व मुख्य अभियंता की ओर से कोई निगरानी नहीं की जा रही है। कब और कौन सा काम किए जाने की समय सीमा क्या है? इसकी गुणवत्ता परखने की भी कोई व्यवस्था नगर निगम के पास नहीं है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow