जातीय समीकरणों में उलझी फूलपुर की सियासत:प्रयागराज में ब्राह्मण, पटेल होंगे निर्णायक की भूमिका में, चुनाव में विकास के बजाय जातियों पर हो रही चर्चा

जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं उसमें प्रयागराज की चर्चित सीट फूलपुर भी शामिल है। यहां 13 नवंबर को उपुचनाव होने हैं और BJP, सपा व बसपा समेत कई निर्दल प्रत्याशी चुनावी मैदान में प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। खास बात तो यह है कि यहां हो रहे उपचुनाव में विकास या जनता से जुडे़ अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। यहां पूरी तरह से जातीय समीकरण हावी है। यहां की सियासत पूरी तरह से जातिगत मुद्दों के बीच उलझ कर रही है। यहां ब्राह्मण, पटेल वोटराें की संख्या ज्यादा है इसलिए यह हमेशा यहां पर निर्णायक भूमिका में अहम रोल अदा करते हैं। कई चुनावों से BJP पटेल प्रत्याशी पर लगा रही दांव पटेलों की संख्या को देखते हुए यहां BJP कई चुनावों से पटेल नेता को ही प्रत्याशी उतारती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से प्रवीण पटेल बीजेपी प्रत्याशी बने और सपा को हराया। इसके बाद वह 2022 के चुनाव में भी चुनाव लड़े और कमल खिलाने में सफल रहे। इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने पटेल बिरादरी से आने वाली केसरी देवी पटेल को चुनाव लड़ाया था और वह चुनाव जी गई थीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में केसरी देवी पटेल का टिकट कटा तो लगा कि इस बार किसी दूसरी जाति के नेता को मौका मिलेगा लेकिन भाजपा ने वहीं के विधायक प्रवीण पटेल को टिकट दिया और कम वोटों से वह सांसद चुने गए। प्रवीण के सांसद होने के बाद अब यहां उपचुनाव शुरू हुआ तो इस बार पटेल जाति के दीपक पटेल को टिकट मिल गया। वोटर्स बोले.. क्या दूसरी जातियों को मौका नहीं मिलेगा फूलपुर सीट के वोटरों में भाजपा की जातीयगत राजनीति से कहीं न कहीं नाराजगी भी झलक दिख रही है। राकेश कुमार पाठक कहते हैं कि भाजपा जातीगत मामलों से ऊपर उठकर काम करन वाली पार्टी कही जाती है लेकिन फूलपुर में लगातार पटेल जाति से ही क्यों प्रत्याशी उतार रही है? यहां और भी जातियां हैं क्या वह योग्य नहीं हैं? हर चुनाव में सभी को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ पटेल प्रत्याशी उतारा जा रहा है। यह भ्रम फैलाया गया है कि यहां पटेल वोटर ज्यादा हैं। वोटरलिस्ट में यदि हकीकत में जांच कराई जाए तो यह सामने आ जाएगा। राकेश पाठक कहते हैं कि हम युवा इस बार चुनाव में नोट दबाने का मन बना लिए हैं। दीपक पटेल हमारी जाति के.. हम उनके साथ चकमाली गांव के रहने वाले शेषमणि पटेल पत्नी फूलपुर के उपचुनाव के बारे में ज्यादा कुछ बाेलने के बजाय सीधे प्रत्याशी पर आ गए। उन्होंने कहा,फूलपुर में वर्षों से विशेष विकास नहीं हुआ..फिर भी BJP ने दीपक पटेल को उतारा है तो हम लोग उनके साथ हैं। बाबूगंज के रहने वाले डॉ. एसआर पाल ने कहा कि सपा ने प्रत्याशी गलत उतारा है लेकिन सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल हमारे इलाके के हैं और हमारी बिरादरी से आते हैं इसलिए हम पूरी पाल बिरादरी उनके साथ है। इसी तरह पुरुषोत्तम यादव, शोभनाथ यादव व सुरेश यादव ने कहा कि हमें यहां प्रत्याशी से मतलब नहीं है बल्कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को देखते हुए हम उन्हें वोट करेंगे।

Nov 2, 2024 - 08:00
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जातीय समीकरणों में उलझी फूलपुर की सियासत:प्रयागराज में ब्राह्मण, पटेल होंगे निर्णायक की भूमिका में, चुनाव में विकास के बजाय जातियों पर हो रही चर्चा
जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं उसमें प्रयागराज की चर्चित सीट फूलपुर भी शामिल है। यहां 13 नवंबर को उपुचनाव होने हैं और BJP, सपा व बसपा समेत कई निर्दल प्रत्याशी चुनावी मैदान में प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। खास बात तो यह है कि यहां हो रहे उपचुनाव में विकास या जनता से जुडे़ अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। यहां पूरी तरह से जातीय समीकरण हावी है। यहां की सियासत पूरी तरह से जातिगत मुद्दों के बीच उलझ कर रही है। यहां ब्राह्मण, पटेल वोटराें की संख्या ज्यादा है इसलिए यह हमेशा यहां पर निर्णायक भूमिका में अहम रोल अदा करते हैं। कई चुनावों से BJP पटेल प्रत्याशी पर लगा रही दांव पटेलों की संख्या को देखते हुए यहां BJP कई चुनावों से पटेल नेता को ही प्रत्याशी उतारती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से प्रवीण पटेल बीजेपी प्रत्याशी बने और सपा को हराया। इसके बाद वह 2022 के चुनाव में भी चुनाव लड़े और कमल खिलाने में सफल रहे। इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने पटेल बिरादरी से आने वाली केसरी देवी पटेल को चुनाव लड़ाया था और वह चुनाव जी गई थीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में केसरी देवी पटेल का टिकट कटा तो लगा कि इस बार किसी दूसरी जाति के नेता को मौका मिलेगा लेकिन भाजपा ने वहीं के विधायक प्रवीण पटेल को टिकट दिया और कम वोटों से वह सांसद चुने गए। प्रवीण के सांसद होने के बाद अब यहां उपचुनाव शुरू हुआ तो इस बार पटेल जाति के दीपक पटेल को टिकट मिल गया। वोटर्स बोले.. क्या दूसरी जातियों को मौका नहीं मिलेगा फूलपुर सीट के वोटरों में भाजपा की जातीयगत राजनीति से कहीं न कहीं नाराजगी भी झलक दिख रही है। राकेश कुमार पाठक कहते हैं कि भाजपा जातीगत मामलों से ऊपर उठकर काम करन वाली पार्टी कही जाती है लेकिन फूलपुर में लगातार पटेल जाति से ही क्यों प्रत्याशी उतार रही है? यहां और भी जातियां हैं क्या वह योग्य नहीं हैं? हर चुनाव में सभी को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ पटेल प्रत्याशी उतारा जा रहा है। यह भ्रम फैलाया गया है कि यहां पटेल वोटर ज्यादा हैं। वोटरलिस्ट में यदि हकीकत में जांच कराई जाए तो यह सामने आ जाएगा। राकेश पाठक कहते हैं कि हम युवा इस बार चुनाव में नोट दबाने का मन बना लिए हैं। दीपक पटेल हमारी जाति के.. हम उनके साथ चकमाली गांव के रहने वाले शेषमणि पटेल पत्नी फूलपुर के उपचुनाव के बारे में ज्यादा कुछ बाेलने के बजाय सीधे प्रत्याशी पर आ गए। उन्होंने कहा,फूलपुर में वर्षों से विशेष विकास नहीं हुआ..फिर भी BJP ने दीपक पटेल को उतारा है तो हम लोग उनके साथ हैं। बाबूगंज के रहने वाले डॉ. एसआर पाल ने कहा कि सपा ने प्रत्याशी गलत उतारा है लेकिन सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल हमारे इलाके के हैं और हमारी बिरादरी से आते हैं इसलिए हम पूरी पाल बिरादरी उनके साथ है। इसी तरह पुरुषोत्तम यादव, शोभनाथ यादव व सुरेश यादव ने कहा कि हमें यहां प्रत्याशी से मतलब नहीं है बल्कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को देखते हुए हम उन्हें वोट करेंगे।

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