लखनऊ में रिटायर्ड बुजुर्ग से 19 लाख की साइबर ठगी:7 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा; आधार कार्ड की डिटेल बताकर फंसाया

लखनऊ में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर फ्रॉड करने वाला गिरोह अब डॉक्टर्स के बाद पेंशनर को निशाना बना रहा है। पीजीआई में रिटायर शिक्षिका के बाद साइबर ठगों ने पंचायती राज विभाग से रिटायर्ड बुजुर्ग के साथ 19 लाख रुपए की ठगी की है। साइबर ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस का आरोपी बताते हुए 7 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इसके बाद बताए गए खातों में कई बार में 19.50 लाख रुपए जमा कराए। लगातार डिमांड बढ़ने और खाते में पैसे न होने पर आखिरकार घटना के विषय में परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद फ्रॉड होने की जानकारी पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आधार की डिटेल बताकर कहा- केनरा बैंक में खुला है फर्जी खाता ठाकुरगंज के कूचा सतगुरु सहाय निवासी कमला कांत मिश्र ने साइबर सेल में 19.50 लाख रुपए ठगी का मुकदमा दर्ज कराया है। उनका कहना है कि वो 30 नवंबर 2023 को पंचायती राज्य विभाग से रिटायर हुई थे। 6 नवंबर 2024 सुबह 10.30 बजे एक फोन आया। फोन करने वाले ने ने मेरा आधार नंबर बताते हुए कहा कि आपके आधार से केनरा बैंक में एक अकाउंट खुला हुआ है। इसमें नरेश गोयल ने मनी लॉन्ड्रिंग के रुपए डाले हैं। केनरा बैंक में कोई खाता न होने की बात कहने पर फोन करने वाले ने कहा कि आपकी बात पर कैसे विश्वास करें। इसके बाद उसने मेरे अन्य खातों के विषय में जानकारी मांग ली। गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कहकर डराया कमला कांत मिश्र ने बताया कि पहले युवक ने कहा कि अब मेरे सीनियर आप से बात करेंगे। जब उनसे अधिकारी के विषय में जानकारी मांगी तो उसने बताया कि मैं अंधेरी ईस्ट थाने से बोल रहा हूं। ऐसी जांच में हम लोग अपनी पहचान नहीं बताते हैं। इसके बाद कॉल काट दिया गया। कुछ ही देर बाद फिर फोना आया। फोन पर बात करने वाले ने मेरी डिटेल बताते हुए कहा कि आपके नाम से गिरफ्तारी वारंट जारी होने जा रहा है। अगर आप जेल जाने से बचना चाहते हैं, तो मेरे सभी सवालों और निर्देशों का पालन करते रहें। साथ ही किसी को जांच के विषय में न बताएं। वीडियो कॉल कर ली खातों की सारी जानकारी कमला कांत मिश्र ने पुलिस को बताया कि अधिकारी के फोन काटते ही एक वाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपना नाम राजेश बताया। उसने जेल जाने का डर दिखाते हुए सभी बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी ली। साथ ही कहा कि अगर आप गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं, तो अपने सभी खातों का पैसा फौरन मेरे खातों में RTGS करवा दो। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच पूरी होने और बेगुनाही साबित होने के बाद सारे पैसे वापस कर दिए जाएंगे। उसकी बातों में आकर 6 नवंबर को अपने SBI के खाते से उसके बताए बंधन बैंक के खाते में 17.50 लाख रुपए RTGS कर दिए। रात में फिर आई वीडियो कॉल, बेल के लिए मांगे पैसे पीड़ित ने बताया कि खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले युवक की तरफ से 6 नवंबर की रात 20.23 बजे फिर एक नए मोबाइल नंबर से वाट्सएप कॉल आई। उसने अपना नाम संदीप बताया और कहा कि आपको बेल करानी होगी। इसके लिए UPI ID CC.9197742710424@AXISBANK पर 95 हजार रुपए जमा करने होंगे। पैसा जमा करके उसका स्क्रीन शॉट भेजो। उनकी बातों से इतना डर गया था कि उसके कहते ही PNB खाता से उसको 95 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन फिर 2 लाख रुपए मांगे पीड़ित ने बताया कि अगले दिन (7 नवंबर) को फिर साइबर ठगों का फोन आया। उन्होंने कहा कि बेल कराने के लिए दो लाख रुपए और देने होंगे। इसके लिए किसी राज कुमार सोपिया का UPI ID भेजा। इसके बाद 7 नवंबर को 40 हजार, 10 नवंबर को 35 हजार, 11 नवंबर को 20 हजार और 12 नवंबर को 10 हजार रुपए भेजे। इस तरह उन लोगों ने 6 नवंबर से 12 नवंबर तक डिजिटल अरेस्ट कर कुल 19 लाख 50 हजार रुपए ठग लिए। सारा पैसा ठगों के बंधन बैंक और एक्सिस बैंक के खातों में ट्रांसफर किया गया। साइबर थाना प्रभारी ब्रजेश यादव ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई है। यह भी पढ़ें SGPGI डॉक्टर की मां को 7 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा:18 लाख ठगे, इतना डराया कि बैंक जाकर पैसे डाले; बेटे-बहू को भनक नहीं लगने दी लखनऊ में SGPGI के डॉक्टर की रिटायर टीचर मां को साइबर ठगों ने 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उनसे 18 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने 69 साल की महिला को इतना डराया कि वह हर बात मानती गईं। उन्हें ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना नहीं आता था। ऐसे में बहाना बनाकर बैंक जातीं और ठगों के खातों में पैसे भेजती रहीं। मां की एक्टिविटी पर डॉक्टर बेटे और बहू को शक हुआ। उन्होंने इस बारे में पूछताछ की तो उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट की बात सामने आई। शुक्रवार को डॉक्टर ने साइबर थाना में FIR दर्ज कराई। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 19, 2024 - 12:05
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लखनऊ में रिटायर्ड बुजुर्ग से 19 लाख की साइबर ठगी:7 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा; आधार कार्ड की डिटेल बताकर फंसाया
लखनऊ में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर फ्रॉड करने वाला गिरोह अब डॉक्टर्स के बाद पेंशनर को निशाना बना रहा है। पीजीआई में रिटायर शिक्षिका के बाद साइबर ठगों ने पंचायती राज विभाग से रिटायर्ड बुजुर्ग के साथ 19 लाख रुपए की ठगी की है। साइबर ठगों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस का आरोपी बताते हुए 7 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इसके बाद बताए गए खातों में कई बार में 19.50 लाख रुपए जमा कराए। लगातार डिमांड बढ़ने और खाते में पैसे न होने पर आखिरकार घटना के विषय में परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद फ्रॉड होने की जानकारी पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आधार की डिटेल बताकर कहा- केनरा बैंक में खुला है फर्जी खाता ठाकुरगंज के कूचा सतगुरु सहाय निवासी कमला कांत मिश्र ने साइबर सेल में 19.50 लाख रुपए ठगी का मुकदमा दर्ज कराया है। उनका कहना है कि वो 30 नवंबर 2023 को पंचायती राज्य विभाग से रिटायर हुई थे। 6 नवंबर 2024 सुबह 10.30 बजे एक फोन आया। फोन करने वाले ने ने मेरा आधार नंबर बताते हुए कहा कि आपके आधार से केनरा बैंक में एक अकाउंट खुला हुआ है। इसमें नरेश गोयल ने मनी लॉन्ड्रिंग के रुपए डाले हैं। केनरा बैंक में कोई खाता न होने की बात कहने पर फोन करने वाले ने कहा कि आपकी बात पर कैसे विश्वास करें। इसके बाद उसने मेरे अन्य खातों के विषय में जानकारी मांग ली। गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कहकर डराया कमला कांत मिश्र ने बताया कि पहले युवक ने कहा कि अब मेरे सीनियर आप से बात करेंगे। जब उनसे अधिकारी के विषय में जानकारी मांगी तो उसने बताया कि मैं अंधेरी ईस्ट थाने से बोल रहा हूं। ऐसी जांच में हम लोग अपनी पहचान नहीं बताते हैं। इसके बाद कॉल काट दिया गया। कुछ ही देर बाद फिर फोना आया। फोन पर बात करने वाले ने मेरी डिटेल बताते हुए कहा कि आपके नाम से गिरफ्तारी वारंट जारी होने जा रहा है। अगर आप जेल जाने से बचना चाहते हैं, तो मेरे सभी सवालों और निर्देशों का पालन करते रहें। साथ ही किसी को जांच के विषय में न बताएं। वीडियो कॉल कर ली खातों की सारी जानकारी कमला कांत मिश्र ने पुलिस को बताया कि अधिकारी के फोन काटते ही एक वाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपना नाम राजेश बताया। उसने जेल जाने का डर दिखाते हुए सभी बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी ली। साथ ही कहा कि अगर आप गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं, तो अपने सभी खातों का पैसा फौरन मेरे खातों में RTGS करवा दो। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच पूरी होने और बेगुनाही साबित होने के बाद सारे पैसे वापस कर दिए जाएंगे। उसकी बातों में आकर 6 नवंबर को अपने SBI के खाते से उसके बताए बंधन बैंक के खाते में 17.50 लाख रुपए RTGS कर दिए। रात में फिर आई वीडियो कॉल, बेल के लिए मांगे पैसे पीड़ित ने बताया कि खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले युवक की तरफ से 6 नवंबर की रात 20.23 बजे फिर एक नए मोबाइल नंबर से वाट्सएप कॉल आई। उसने अपना नाम संदीप बताया और कहा कि आपको बेल करानी होगी। इसके लिए UPI ID CC.9197742710424@AXISBANK पर 95 हजार रुपए जमा करने होंगे। पैसा जमा करके उसका स्क्रीन शॉट भेजो। उनकी बातों से इतना डर गया था कि उसके कहते ही PNB खाता से उसको 95 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन फिर 2 लाख रुपए मांगे पीड़ित ने बताया कि अगले दिन (7 नवंबर) को फिर साइबर ठगों का फोन आया। उन्होंने कहा कि बेल कराने के लिए दो लाख रुपए और देने होंगे। इसके लिए किसी राज कुमार सोपिया का UPI ID भेजा। इसके बाद 7 नवंबर को 40 हजार, 10 नवंबर को 35 हजार, 11 नवंबर को 20 हजार और 12 नवंबर को 10 हजार रुपए भेजे। इस तरह उन लोगों ने 6 नवंबर से 12 नवंबर तक डिजिटल अरेस्ट कर कुल 19 लाख 50 हजार रुपए ठग लिए। सारा पैसा ठगों के बंधन बैंक और एक्सिस बैंक के खातों में ट्रांसफर किया गया। साइबर थाना प्रभारी ब्रजेश यादव ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई है। यह भी पढ़ें SGPGI डॉक्टर की मां को 7 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा:18 लाख ठगे, इतना डराया कि बैंक जाकर पैसे डाले; बेटे-बहू को भनक नहीं लगने दी लखनऊ में SGPGI के डॉक्टर की रिटायर टीचर मां को साइबर ठगों ने 7 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उनसे 18 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने 69 साल की महिला को इतना डराया कि वह हर बात मानती गईं। उन्हें ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना नहीं आता था। ऐसे में बहाना बनाकर बैंक जातीं और ठगों के खातों में पैसे भेजती रहीं। मां की एक्टिविटी पर डॉक्टर बेटे और बहू को शक हुआ। उन्होंने इस बारे में पूछताछ की तो उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट की बात सामने आई। शुक्रवार को डॉक्टर ने साइबर थाना में FIR दर्ज कराई। पढ़ें पूरी खबर...

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