लखनऊ हाईकोर्ट में पूरी नहीं हुई चंदन हत्याकांड की सुनवाई:ट्रायल कोर्ट के फाइनल सुनवाई पर कोर्ट ने लगा रखी है रोक
कासगंज में हुए चंदन हत्याकांड मामले की सुनवाई लखनऊ हाई कोर्ट में पूरी नहीं होने के कारण मंगलवार को फिर से सुनवाई की जाएगी। न्यायालय ने मामले के ट्रायल कोर्ट द्वारा किए जा रहे फाइनल सुनवाई पर अभी रोक लगा रखी है। इस मामले की सुनवाई न्यायामूर्ति राजीव सिंह की कोर्ट में चल रही है। अभियुक्त नसीम जावेद की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि एनआईए एक्ट की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार से मामले की विवेचना के लिए अनुमति नहीं ली गई है। न्यायालय को यह भी बताया गया कि राजद्रोह से संबंधित आईपीसी की धारा 124 ए के तहत आरोप तय किए जाने पर उच्चतम न्यायालय ने एसजी वोम्बटकेरे के मामले में दिए अपने फैसले के तहत रोक लगा चुकी है। साथ ही फैसले में यह भी कहा गया है कि जिन मामलों में 124 ए के तहत आरोप तय कर दिए गए हैं, उन पर भी रोक रहेगी। मामले की हो रही अंतिम सुनवाई न्यायालय को बताया गया की उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी इस मामले में 124 ए के तहत भी ट्रायल चल रहा है। अंतिम सुनवाई होने जा रही है। आज न्यायालय में हुई सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता व वादी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता द्वारा अभियुक्त की ओर से दाखिल याचिका का विरोध किया गया। सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से उपस्थित शासकीय अधिवक्ता डॉ. वीके सिंह ने न्यायालय को अपने बहस के दौरान बताया कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय का आदेश आने से पहले ही 124 ए के तहत आरोप तय कर दिया गया था। याची द्वारा बिना स्पष्ट किए की वर्तमान में मामले में 124 ए के संबंध में ट्रायल चल रहा है अथवा नहीं, यह याचिका न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है। न्यायालय को यह भी बताया गया की मामले में 30 महीने से एनआईए कोर्ट में ट्रायल चल रहा है, लेकिन अभियुक्त ने वर्तमान याचिका तब दाखिल की है जबकि ट्रायल पूरा हो चुका है व अंतिम बहस की जानी है। कासगंज से स्थानांतरित किया गया था मामला यह भी कहा गया कि ट्रायल के दौरान अभियुक्त की ओर से सभी अभियोजन साक्षियों से जिरह की गई परंतु कोई आपत्ति तब नहीं उठाई गई। साथ ही अभियुक्त द्वारा पूर्व में भी एक याचिका दाखिल करने की जानकारी न्यायालय को दी गई। वादी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता सुभाष बिसारिया ने न्यायालय को बताया कि वादी की याचिका पर ही वर्तमान मामला कासगंज से स्थानांतरित किया गया था। ऐसे में यदि अभियुक्त को मुकदमे के स्थानांतरण से यदि कोई हानि हो रही है तो वह उक्त स्थानांतरण को चुनौती दे सकता है। लिहाजा उसकी वर्तमान याचिका पोषणीय नहीं है। मामले में आज न्यायालय का समय समाप्त हो जाने के कारण पूरी सुनवाई नहीं हो सकी इसी लिए न्यायालय ने मामले में कल सुनवाई जारी रखने का आदेश किया है।
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