वन नेशन वन इलेक्शन से बचेंगे 4.5 लाख करोड़:बीजेपी विधायक बोले- होगा पार्टी और प्रत्याशी का लाभ, वोटर एक साथ बटन दबाएगा

हरदोई में वन नेशन वन इलेक्शन पर आयोजित सभा में गोपामऊ विधानसभा के विधायक श्याम प्रकाश ने एक साथ चुनाव के फायदे गिनाए। उन्होंने कहा कि देश में 37 में से 32 राजनीतिक दलों ने एक साथ चुनाव के प्रस्ताव का समर्थन किया है। विधायक ने बताया कि एक साथ चुनाव कराने से भारत की कुल जीडीपी का 1.5 प्रतिशत यानी लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव से शिक्षा बजट प्रभावित होता है। इससे विकास कार्यों में बाधा आती है। श्याम प्रकाश ने देश की आर्थिक प्रगति का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही चौथे स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है। विधायक ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से राष्ट्र की अखंडता और स्थिरता बढ़ेगी। बार-बार चुनाव से प्रशासनिक अमला और संसाधन प्रभावित होते हैं। इससे देश की ऊर्जा और समय की बर्बादी होती है। कार्यक्रम में धर्मेश मिश्रा, विपिन मिश्रा, संजू शुक्ल, पियूष शुक्ला, दुर्गेश पांडे, अखिलेश बाजपेई सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Apr 27, 2025 - 15:59
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वन नेशन वन इलेक्शन से बचेंगे 4.5 लाख करोड़:बीजेपी विधायक बोले- होगा पार्टी और प्रत्याशी का लाभ, वोटर एक साथ बटन दबाएगा
हरदोई में वन नेशन वन इलेक्शन पर आयोजित सभा में गोपामऊ विधानसभा के विधायक श्याम प्रकाश ने एक साथ च

वन नेशन वन इलेक्शन से बचेंगे 4.5 लाख करोड़: बीजेपी विधायक बोले- होगा पार्टी और प्रत्याशी का लाभ, वोटर एक साथ बटन दबाएगा

बीजेपी विधायक ने हाल ही में 'वन नेशन वन इलेक्शन' के महत्व पर जोर देते हुए कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उनका मानना है कि यदि यह नीति सफल होती है, तो भारत को लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। यह न केवल सरकारी खर्च को कम करेगा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी बनाएगा।

वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब

वन नेशन वन इलेक्शन का अर्थ है कि सभी चुनाव एक ही समय पर आयोजित किए जाएंगे। इससे मतदाता एक साथ अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव करने में सक्षम होंगे। इससे चुनावी प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित और सरल बनाया जा सकेगा। विधायक ने कहा कि इससे राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों को भी लाभ होगा, क्योंकि उन्हें चुनाव प्रचार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सामाजिक और आर्थिक लाभ

यदि यह प्रस्तावित नीति लागू होती है, तो इससे न केवल आर्थिक बचत होगी, बल्कि इसकी सामाजिक प्रभाव भी सकारात्मक होगा। मतदाता एक साथ मतदान करेंगे, जिससे चुनावी बोटिंग का समय भी कम होगा। इससे चुनावों के परिणाम जल्दी सामने आएंगे, जिससे सरकारी नीतियों में तेजी आएगी।

बीजेपी विधायक ने उम्मीद जताई है कि इस नीति से चुनावी खींचतान में कमी आएगी और यह भारत के लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल बीजेपी के लिए, बल्कि सभी राजनीतिक दलों के लिए फायदेमंद होगा।

निष्कर्ष

वन नेशन वन इलेक्शन की अवधारणा अगर सफल रही तो भारत में चुनावों के स्वरूप में एक बड़ा बदलाव आएगा। यह न केवल चुनावों को सरल बनाएगा, बल्कि सटीकता और वित्तीय अनुशासन भी लाएगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियां और सरकारें इस बात पर क्या कदम उठाती हैं।

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