LDA से खाली प्लॉट की जानकारी हो रही लीक:जालसाजी गैंग में कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क शामिल; LDA ऑफिस में कराते हैं डील
लखनऊ में खाली प्लॉट की जानकारी LDA कार्यालय से लीक हो रही है। LDA के कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क जालसाजी गैंग से मिले हुए हैं। ये ग्राहकों से जालसाजों की डीलिंग LDA ऑफिस में ही करा देते हैं। STF ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले गिरोह का राजफाश किया है। गिरोह में शामिल छह लोगों को गोमतीनगर से गिरफ्तार किया गया है। इस गैंग में LDA का कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क भी शामिल हैं। LDA से मिलती है खाली प्लॉटों की जानकारी फर्जी रजिस्ट्री करने वाले ठगों के गैंग में सबसे बड़ा रोल कंप्यूटर ऑपरेटर और योजना के क्लर्क कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो गैंग के संपर्क में रहने वाले कर्मी ऐसी भूखंडों की जानकारी निकालते थे जिनका आवंटन वर्षों पहले हुआ हो पर उसकी रजिस्ट्री नहीं रहती थी। उस भूखंड की फर्जी रजिस्ट्री तैयार करवाते थे। कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से आवंटन पत्र भी फर्जी नाम चढ़ा दिया जाता था। ताकि जांच करने पर भूखंड में कोई फर्जीवाड़ा ना पकड़ा जाए। गैंग में वकील भी शामिल कर्मचारियों के जरिए जालसाज को अर्जन, नजूल और दूसरी योजनाओं में लंबे समय से खाली पड़ी जमीनों की जानकारी आसानी से मिल जाती है। उसके बाद गैंग वकील की मदद से खाली भूखंड के फर्जी दस्तावेज और गवाह को तैयार करवाता है। गैंग के सदस्य प्लॉट को बेचने के लिए लोगों को लगा देते हैं। इनमें से एक सदस्य मालिक बनता था। प्लॉट बेचने के लिए गैंग खरीदारों के घर पर ही डील करते थे। ऐसा इसलिए करते थे ताकि किसी को उनके ठिकाने का पता न चल पाए। फर्जी गवाही का चलता है खेल LDA ने ट्रांसपोर्ट नगर के चार भूखंडों की जांच की थी। इन चारो भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी थी। इस मामले की जांच में सामने आया था कि एक ही व्यक्ति की गवाही 11 रजिस्ट्री में लगी है। ऐसे ही एक अन्य व्यक्ति की चार मामलों में गवाही दी थी। इस मामले में LDA ने गोमतीनगर थाने में दो सेवानिवृत्त कर्मियों सहित 19 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके बाद से कई और मामलों में रजिस्ट्री में लगाए गए गवाह एक ही मिले। ई-नीलामी में नहीं लगाते हैं भूखंड और फ्लैट LDA में ई-नीलामी के जरिए कई भूखंडों और फ्लैट बेचे जाते हैं। ई-नीलामी में प्लॉट और फ्लैट को लगाने के लिए सभी योजनाओं के संपत्ति अधिकारियों से जानकारी मांगी जाती है। क्लर्क फर्जीवाड़ा करने वाले भूखंडों और फ्लैट्स की जानकारी नहीं देते हैं। उन्हें बिना अधिकारियों की जानकारी में दिए बेच दिया जाता है। LDA दफ्तर में फर्जी रजिस्ट्री भी हो जाती पास जालसाज ग्राहक को भरोसे में लेने के लिए LDA दफ्तर में बुलाकर फर्जी रजिस्ट्री की जांच करवाते हैं। क्लर्कों से सेटिंग के चलते फर्जी रजिस्ट्री को सही बता दिया जाता है। ऐसे में भूखंड खरीदने वाला उनके भरोसे में आ जाता है। बेचने के बाद डीलिंग का एक हिस्सा क्लर्कों को भी जाता है। LDA के पहले और चौथे तल से चलता है रैकेट फर्जी दस्तावेज से प्लॉट बेचने वाले गिरोह को LDA के कर्मचारी ही जानकारी मुहैया करवाते थे। दफ्तर की पुरानी बिल्डिंग की पहली मंजिल और नई बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर बैठे संपत्ति विभाग के बाबू गैंग के सदस्यों को मदद करते है। रडार पर प्राधिकरण के 21 बाबू और अधिकारी LDA वीसी प्रथमेश कुमार ऐसे बाबुओं की सूची तैयार करवा रहे हैं जो दागी हैं। सूची में उन बाबुओं और अधिकारियों को शामिल किया जाएगा जिनके ऊपर कभी भी किसी भी मामले में FIR दर्ज हुई होगी। इसके साथ ही उनकी भी लिस्ट तैयार हो रही है जिनके ऊपर पूर्व में LDA ने मुकदमा दर्ज करवाया है। LDA में 21 बाबू और कर्मचारी STF की रडार पर हैं। ये वो कर्मी हैं जिनका नाम पकड़े गए गैंग के सदस्यों ने बताया है। इन बाबुओं की कुंडली निकाली जा रही है। LDA अफसरों से भी इनकी जानकारी मांगी गई है। STF ने लखनऊ के छह लोगों को पकड़ा है STF ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले गिरोह में शामिल छह लोगों को गोमतीनगर से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी प्लॉटों के फर्जी कागजात व मालिक तैयार कर उन्हें बेच देते थे। गिरोह में गोमतीनगर निवासी अचलेश्वर गुप्ता उर्फ बबलू, मल्हौर निवासी राम बहादुर सिंह, अंसल गोल्फ सिटी निवासी सचिन सिंह उर्फ अमर, विनय खंड निवासी मुकेश मौर्या, विराम खंड निवासी राहुल सिंह और विपुल खंड निवासी धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया। इन प्लॉट में फर्जीवाड़े की आशंका

LDA से खाली प्लॉट की जानकारी हो रही लीक: जालसाजी गैंग में कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क शामिल; LDA ऑफिस में कराते हैं डील
हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) से संबंधित एक बड़ी खबर सामने आई है। यह जानकारी मिली है कि LDA के खाली प्लॉट की जानकारी लीक हो रही है। ये जानकारी एक संगठित जालसाजी गैंग द्वारा प्राप्त की जा रही है, जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क शामिल हैं। यह गैंग स्थानीय स्तर पर सक्रिय है और LDA ऑफिस में डील करने के मामलों में भी लिप्त है।
जालसाजी का तंत्र और इसके प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, यह गैंग LDA के सिस्टम में घुसपैठ करके खाली प्लॉट्स की जानकारी निकालने में सक्षम है। इस प्रक्रिया में न केवल कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं, बल्कि कई क्लर्क भी इसमें शामिल पाए गए हैं। यह जालसाजी स्थानीय निवासियों को प्रभावित कर सकती है, जो अपने जीवन में यहाँ के प्लॉट्स को खरीदने या विकसित करने की योजना बना रहे हैं।
LDA की प्रतिक्रिया
LDA ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की घोषणा की है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और लीक की स्थिति को नियंत्रित किया जाएगा। LDA का यह कदम झूठी जानकारी और अनधिकृत डील को रोकने के लिए आवश्यक है।
क्या करें नागरिक?
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्लॉट्स के संबंध में सावधानी बरतें और सीधे LDA कार्यालय से जानकारी प्राप्त करें। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को करनी चाहिए। इससे नागरिक भलाई और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
जब तक यह मामला अदालत में विचाराधीन है, LDA से जुड़ी किसी भी नए जानकारी के लिए 'News by indiatwoday.com' पेज को चेक करते रहें।
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