विधवा मां की गुहार पर DM ने की सख्त कार्रवाई, बिगड़ैल बेटों को गुंडा एक्ट में किया चालान
रैबार डेस्क: देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जब भी कोई नागरिक अपनी समस्या लेकर... The post बेटों की हैवानियत से तंग विधवा मां ने लगाई DM से गुहार, बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान, हो सकते हैं तड़ीपार appeared first on Uttarakhand Raibar.

विधवा मां की गुहार पर DM ने की सख्त कार्रवाई, बिगड़ैल बेटों को गुंडा एक्ट में किया चालान
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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में एक विधवा मां, जिसने अपने बिगड़ैल बेटों की हैवानियत से परेशान होकर जिलाधिकारी से मदद मांगी, को न्याय मिला है। DM सविन बंसल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुंडा एक्ट के तहत दोनों बेटों का चालान किया है।
रैबार डेस्क: देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जब भी कोई नागरिक अपनी समस्या लेकर जाता है, डीएम तुरंत उनका समाधान करते हैं। खासतौर पर जब मामला बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ ज्यादती का होता है, तो वे बेहद संवेदनशीलता से काम करते हैं। हाल ही में बंजारावाला क्षेत्र में एक विधवा मां, विजयलक्ष्मी पंवार, ने अपने दो बिगड़ैल बेटों की यातनाओं से तंग होकर DM से गुहार लगाई, जिसके परिणामस्वरूप उनके बेटे गुंडा एक्ट में चालान किए गए हैं।
विधवा मां की दर्दभरी कहानी
देहरादून के भागीरथपुरम बंजारावाला क्षेत्र में विजयलक्ष्मी पंवार को उनकी संतानें, शुभम पंवार और अन्य, नशे की लत के कारण न केवल परेशान कर रही हैं, बल्कि उन पर अत्याचार भी कर रहे हैं। पीड़िता ने बताया कि उनके बेटे उन्हें पैसे मांगने के लिए मारते हैं और धमकी देते हैं कि यदि उन्होंने इनकार किया, तो वे उन्हें जान से मार देंगे। यह स्थिति उस सीमा पर पहुंच गई कि मां ने अपने जीवन को खतरे में पाया।
DM का त्वरित कार्यवाही
22 अगस्त को, जब विजयलक्ष्मी ने ज़िला कार्यालय का रुख किया, तो उन्होंने अपने बेटों द्वारा की गई दुराचार की पूरी दास्तान सुनाई। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत गोपनीय जांच का आदेश दिया। पड़ोसियों द्वारा भी पुष्टि की गई कि दोनों बेटे लगातार अपनी मां को प्रताड़ित कर रहे थे।
गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई
जिलाधिकारी ने गुंडा अधिनियम 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए दोनों बेटों को नोटिस जारी किया है। उन्हें 26 अगस्त, 2025 को DM कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा सकती है, और उन्हें जिला से बाहर निकाला जा सकता है। यह पहले ऐसा मामला है जब देहरादून में बिना पुलिस रिपोर्ट या कचहरी प्रक्रिया के, सीधे जन शिकायत पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। डीएम ने कहा, “जब स्वयं एक मां अपनी जान के लिए गुहार लगाए, तो प्रशासन को तुरंत और सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।”
उम्मीद की किरण
यह मामला केवल एक मां की कहानी नहीं है, बल्कि समाज में मौजूद समस्याओं के प्रति जागरूकता का एक उदाहरण है। ऐसे घटनाक्रम हमें संवेदनाओं से जोड़ते हैं और यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या हमारा सुरक्षा तंत्र हमारे घरों में हमें सुरक्षित रखने में सक्षम है। विधवा मां द्वारा DM से गुहार लगाने पर प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाई, जो अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा कि वे अपनी समस्याएं साझा कर सकें और मदद मांग सकें।
इस स्थिति में हमें समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि मजबूरी में फंसी महिलाओं को मदद मिल सके। आगामी दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस चिंता के मामले में कितनी तेजी से और प्रभावी पहल करता है।
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सादर, टीम इंडिया टुडे - प्रिया कुमारी
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