शिमला में स्कूलों के आसपास खोल दिए शराब ठेके:लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी के सामने वाइन-शॉप सवालों में, सुक्खू सरकार द्वारा बनाए एक्ट को ठेंगा
हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने नशे पर नकेल कसने के लिए विधानसभा के बजट सत्र में एक्ट में सख्त प्रावधान जोड़े हैं। मगर कांग्रेस शासित नगर निगम (MC) शिमला ने अपनी ही सरकार के बनाए कानून की धज्जियां उड़ाई है। MC शिमला ने शहर में स्कूलों के 100 से 200 मीटर की परिधि में ही शराब के ठेके खोल दिए है। वहीं, सुक्खू सरकार ने इसी साल बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रण पदार्थ (निवारण, नशा मुक्ति और पुनर्वास) विधेयक 2025 को सदन में पारित कराकर शिक्षण संस्थान के 500 मीटर के दायरे में नशीले पदार्थ बेचने पर पूर्णत प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। पूर्व में शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में शराब और दूसरे नशीले पदार्थ नहीं परोसे जा सकते थे। मगर एक्ट में संशोधन के बाद अब यह दूरी 500 कर दी गई है। लक्कड़ बाजार ठेके के आसपास 6 शिक्षण संस्थान निगम ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी के ठीक सामने यानी 4 से 5 मीटर की दूरी पर पॉश इलाके में शराब ठेका खोला है। इस ठेके की 500 मीटर की परिधि में एक दो नहीं बल्कि 6 शिक्षण संस्थान हैं। फिर भी MC शिमला ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए पॉश इलाके में शराब के ठेका खोल दिया है। शहर में 19 ठेके खोले जा रहे ताराहॉल में भी स्कूल से लगभग 30 मीटर की दूरी पर ठेका खोल दिया गया था। शहर की जनता इनका विरोध भी कर रही है। जनता के विरोध के बाद ताराहॉल और कैंथू में खोला गए शराब ठेकों को बंद कर दिया गया है। MC शिमला ने शिमला शहर में 19 शराब ठेके खोलने है। इनमें से ज्यादातर शुरू कर दिए गए हैं। ज्यादातर ठेकों के 100 से 200 मीटर के दायरे में शिक्षण संस्थान चल रहे है। फिर भी सुक्खू सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन की परवाह नहीं की गई। ऑक्शन में नहीं बिके कुछ ठेके बता दें कि इस बार एक्साइज डिपार्टमेंट की ऑक्शन में कई शराब ठेके नहीं बिक पाए है। इसे देखते हुए सरकार ने सरकारी उपक्रम बोर्ड, निगमों व नगर निकायों को कुछ शराब ठेके दे दिए है।

शिमला में स्कूलों के आसपास खोल दिए शराब ठेके
शिमला, हिमाचल प्रदेश: हाल ही में यह समाचार सामने आया है कि शिमला में कई स्कूलों के निकट शराब की दुकानों को खोला गया है। यह कदम लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी के सामने वाइन-शॉप खोलने के मामले में सवालों के घेरे में है। खासतौर पर यह मुद्दा तब उठा जब सुक्खू सरकार ने शराब बिक्री के संबंध में नए नियम बनाए थे, जिसका पालन न होना चिंता का विषय बना हुआ है।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों के नजदीक शराब की दुकानों का खुलना छात्रों और उनकी शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इससे न केवल युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि इसके साथ ही यह शिक्षा का माहौल भी बिगाड़ सकता है।
सुक्खू सरकार के कानून पर उठे सवाल
सुक्खू सरकार द्वारा बनाए गए एक्ट के संदर्भ में यह देखा गया है कि शराब की दुकानों का खुलना उस एक्ट का उल्लंघन है, जिसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सवाल उठता है कि क्या यह एक मजाक है या सरकार अपने कानून की प्रभावशीलता को लेकर गंभीर है।
स्थानीय नागरिकों की राय
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह के कदम उनकी सुरक्षा और बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल सकते हैं। नागरिकों ने इस मुद्दे को लेकर प्रशासन और सरकार से कार्रवाई की मांग की है। इस विषय पर हो रही चर्चा और स्थानिक अभिव्यक्तियों को नजरअंदाज न किया जाए।
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