शीत सत्र में जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाने का प्रस्ताव:हाल ही में PM-गृह मंत्री से मिले थे उमर, इसी साल राज्य बहाली का आश्वासन मिला था

केंद्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर सहमति बन गई है। वहीं, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा। नवंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 30 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह और 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उमर ने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया था। उन्हें इसी साल राज्य बहाली का आश्वासन मिला था। साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। हालिया राज्य विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इसे दोहराया था। चुनाव के बाद गठित सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास करके उप-राज्यपाल (LG) को भेजा गया था। LG मनोज सिन्हा ने 19 अक्टूबर को प्रस्ताव मंजूर करने के बाद गृह मंत्रालय को भेज दिया था। असर: कानून-व्यवस्था राज्य सरकार संभालेगी, राज्यपाल का दखल कम होगा​​​​​ दरबार मूव से रोक हटी, जम्मू-श्रीनगर राजधानी केंद्र सरकार ने ‘दरबार मूव’ पर लगी रोक भी हटा ली है। अब पहले की तरह सर्दी में राजधानी जम्मू और गर्मी में श्रीनगर होगी। LG ने तीन साल पहले आर्थिक भार का हवाला देकर दरबार मूव बंद कर दिया था। इसका खर्च केंद्र सरकार को ही उठाना पड़ता था, लेकिन अब राज्य इसका खर्च उठाएगा।

Oct 27, 2024 - 04:55
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शीत सत्र में जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाने का प्रस्ताव:हाल ही में PM-गृह मंत्री से मिले थे उमर, इसी साल राज्य बहाली का आश्वासन मिला था
केंद्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर सहमति बन गई है। वहीं, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा। नवंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 30 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह और 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उमर ने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया था। उन्हें इसी साल राज्य बहाली का आश्वासन मिला था। साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। हालिया राज्य विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इसे दोहराया था। चुनाव के बाद गठित सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास करके उप-राज्यपाल (LG) को भेजा गया था। LG मनोज सिन्हा ने 19 अक्टूबर को प्रस्ताव मंजूर करने के बाद गृह मंत्रालय को भेज दिया था। असर: कानून-व्यवस्था राज्य सरकार संभालेगी, राज्यपाल का दखल कम होगा​​​​​ दरबार मूव से रोक हटी, जम्मू-श्रीनगर राजधानी केंद्र सरकार ने ‘दरबार मूव’ पर लगी रोक भी हटा ली है। अब पहले की तरह सर्दी में राजधानी जम्मू और गर्मी में श्रीनगर होगी। LG ने तीन साल पहले आर्थिक भार का हवाला देकर दरबार मूव बंद कर दिया था। इसका खर्च केंद्र सरकार को ही उठाना पड़ता था, लेकिन अब राज्य इसका खर्च उठाएगा।

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