शीतला-चौकिया धाम के गर्भ गृह में दीपक जलाने पर रोक:सुरक्षा को लेकर लिया गया निर्णय, हवन कुंड के आसपास दीया जलाने की परमिशन

जौनपुर में विंध्याचल मंदिर में आग की घटना के बाद अब पूर्वांचल के प्रमुख आस्था केंद्र शीतला चौकियां धाम मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। मंदिर परिसर में अब दीपक जलाने पर रोक लगा दी गई है, ताकि सुरक्षा को लेकर कोई अनहोनी न हो। बुधवार को गर्भगृह और हवन कुंड के पास एक-एक अग्निशमन यंत्र लगा हुआ पाया गया, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। इससे पहले गर्भगृह में दीपक बाईं ओर दीवार में स्थित ताखे में जलाए जाते थे, लेकिन अब ताखे को बंद कर दिया गया है और भक्तों को दीपक जलाने के लिए हवन कुंड के आसपास जलाने की सलाह दी जा रही है। मंदिर के महंत विनय त्रिपाठी ने कहा कि मंदिर में आने वाले भक्तों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने बताया कि शीतला चौकियां धाम में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए पिछले नवरात्र से ही मंदिर परिसर में दो अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, एक गर्भगृह में और दूसरा हवन कुंड के पास। महंत त्रिपाठी ने कहा, "भक्तों की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाने की आवश्यकता थी, वे सभी उठाए गए हैं।" इस कदम के बाद मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं को सुरक्षा के लिहाज से राहत मिली है।

Nov 28, 2024 - 18:40
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शीतला-चौकिया धाम के गर्भ गृह में दीपक जलाने पर रोक:सुरक्षा को लेकर लिया गया निर्णय, हवन कुंड के आसपास दीया जलाने की परमिशन
जौनपुर में विंध्याचल मंदिर में आग की घटना के बाद अब पूर्वांचल के प्रमुख आस्था केंद्र शीतला चौकियां धाम मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। मंदिर परिसर में अब दीपक जलाने पर रोक लगा दी गई है, ताकि सुरक्षा को लेकर कोई अनहोनी न हो। बुधवार को गर्भगृह और हवन कुंड के पास एक-एक अग्निशमन यंत्र लगा हुआ पाया गया, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। इससे पहले गर्भगृह में दीपक बाईं ओर दीवार में स्थित ताखे में जलाए जाते थे, लेकिन अब ताखे को बंद कर दिया गया है और भक्तों को दीपक जलाने के लिए हवन कुंड के आसपास जलाने की सलाह दी जा रही है। मंदिर के महंत विनय त्रिपाठी ने कहा कि मंदिर में आने वाले भक्तों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने बताया कि शीतला चौकियां धाम में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए पिछले नवरात्र से ही मंदिर परिसर में दो अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, एक गर्भगृह में और दूसरा हवन कुंड के पास। महंत त्रिपाठी ने कहा, "भक्तों की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाने की आवश्यकता थी, वे सभी उठाए गए हैं।" इस कदम के बाद मंदिर प्रशासन और श्रद्धालुओं को सुरक्षा के लिहाज से राहत मिली है।

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