संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस:दर्शनों को पहुंचे 2 लाख से ज्यादा भक्त, 2 किलोमीटर के रास्ते को सजाया दुल्हन की तरह

संत प्रेमानंद महाराज का नव संवत्सर पर जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। जन्म दिवस पर उनके दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़ पड़े। हर कोई उनके दर्शन कर बधाई देने की चाहत लिए देर शाम से ही पदयात्रा के रास्ते में खड़ा हो गया। पदयात्रा का दो किलोमीटर का रास्ता भक्तों ने दुल्हन की तरह सजाया गया। जगह जगह भक्त राधा नाम का संकीर्तन करते नजर आए। कोई आया हरियाणा से तो कोई आया जम्मू से संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस मनाने के लिए कोई जम्मू से आया तो कोई हरियाणा से,कोई राजस्थान से आया तो कोई महाराष्ट्र से। देश का ऐसा कोई राज्य नहीं जहां से उनके दर्शन के लिए भक्त न आए हों। सभी की बस एक ही चाहत कि जन्म दिन पर संत प्रेमानंद महाराज की एक झलक मिल जाए। देर शाम से ही दर्शनों के लिए बैठे भक्त संत प्रेमानंद महाराज के जन्मदिन के अवसर पर उनके दर्शनों के लिए भक्तों ने पदयात्रा के रास्ते में देर शाम से ही डेरा जमा लिया। जिसको जहां जगह मिली वह बैठ गया। क्या बुजुर्ग,क्या बच्चे,क्या महिला और क्या युवा सभी शाम से ही सड़क किनारे बैठने लग गए। स्थिति यह थी कि नींद आई तो सड़क किनारे जहां बैठे थे वहीं सो गए। रात बढ़ी तो सर्दी लगने लगी ऐसे में जो पॉलीथिन बैठने के लिए खरीदी थी उसी को ओढ़कर भक्त दर्शनों की चाहत में बैठे रहे। पदयात्रा के रास्ते में की गई आकर्षक सजावट संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्णम शरणम् सोसायटी से पदयात्रा शुरू करते हैं और दो किलोमीटर का सफर तय कर रमणरेती स्थित अपने आश्रम केली कुंज पहुंचते हैं। इस पदयात्रा के पूरे रास्ते में बेहद आकर्षक सजावट की गई। फूलों से रास्ते पटे थे तो जगह जगह गुब्बारे लगाकर सजावट की गई। पदयात्रा का रास्ता दुल्हन की तरह भक्तों ने सजा दिया। पदयात्रा में ऊंट और घोड़े रात 2 बजे संत प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करने निकले तो सबसे आगे घोड़े उसके पीछे ऊंट चल रहे थे। इसके बाद अलग अलग राज्यों के वाद्य यंत्र धार्मिक ध्वनि बजाते हुए चल रहे थे। महिलाएं सर पर कलश लेकर संत प्रेमानंद महाराज के आगे आगे चल रही थीं। जन्म दिवस पर बधाई देने में कोई कोर कसर न रह जाए इसकी भक्तों ने भरपूर कोशिश की। संत प्रेमानंद महाराज ने किया भक्तों का अभिवादन प्रतिदिन की तरह संत प्रेमानंद महाराज पदयात्रा करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान भक्तों ने उनके पदयात्रा के रास्ते में फूल ही फूल बिछा दिए। करीब 10 कुंतल गेंदा,माग्रेट,गुलाब से रंगोली सजाई गई और रास्ते में भक्तों ने फूल बिछाए। दर्शनों के लिए खड़े भक्तों का संत प्रेमानंद महाराज ने हाथ उठाकर आशीर्वाद देते हुए अभिवादन किया। इस दौरान भक्त उनको उपहार देने के लिए भी लाए। लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों तक उन तक नहीं पहुंच सके। पदयात्रा के दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम संत प्रेमानंद महाराज की जन्म दिवस के अवसर पर निकली पदयात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पदयात्रा के दौरान 3 एसपी,4 सीओ के अलावा थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे। अनुमान के मुताबिक जन्मदिन पर दर्शन करने के लिए पदयात्रा के दौरान करीब 2 लाख भक्त रात को वृंदावन में रहे।

Mar 30, 2025 - 05:00
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संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस:दर्शनों को पहुंचे 2 लाख से ज्यादा भक्त, 2 किलोमीटर के रास्ते को सजाया दुल्हन की तरह
संत प्रेमानंद महाराज का नव संवत्सर पर जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। जन्म दिवस पर उनके दर्शनों के

संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस: 2 लाख से ज्यादा भक्तों की उपस्थिति

संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस एक भव्य समारोह के रूप में मनाया गया, जिसमें देशभर से लाखों भक्त एकत्रित हुए। इस खास दिन पर 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संत प्रेमानंद महाराज के दर्शनों के लिए कदम रखा, जिससे इस आयोजन की भव्यता में चार चाँद लग गए। इस वर्ष, भक्तों का सैलाब उनके आश्रम की ओर 2 किलोमीटर लंबे रास्ते तक फैला हुआ था, जिसे दुल्हन की तरह सजाया गया था।

दिवस का महत्व और आयोजन की तैयारी

संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह उनके विचारों और शिक्षाओं का जश्न मनाने का अवसर भी है। इस वर्ष, आयोजकों ने विशेष ध्यान दिया कि भक्तों को अधिक से अधिक सुविधा और समर्पण का अनुभव हो। आयोजन स्थल को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया, जिसने एक अद्भुत दृश्यमानता प्रस्तुत की।

भक्तों की भीड़ और उत्साह

दर्शनों के लिए आए भक्तों में उत्साह की कोई कमी नहीं थी। जैसे ही भक्तों ने आश्रम का रास्ता तय किया, उन्होंने हर कदम पर संत प्रेमानंद महाराज की महिमा का गुणगान किया। भक्तों ने मार्ग में विभिन्न प्रकार के प्रसाद वितरित किए, जिससे धार्मिक भावनाओं का संचार हुआ।

संत प्रेमानंद महाराज की शिक्षाएं

संत प्रेमानंद महाराज अपने जीवन में सेवा, समर्पण और मानवता के प्रति प्रेम का संदेश फैलाने में हमेशा अग्रणी रहे। उनके अनुयायी उनके कार्यों को याद करते हुए अपने जीवन में इन्हें अपनाने का प्रयास करते हैं। इस खास दिन पर उनके विचारों को साझा करते हुए सभी भक्तों ने संकल्प लिया कि वे उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करेंगे।

संत प्रेमानंद महाराज का जन्म दिवस हर साल की तरह इस बार भी एक नई ऊर्जा और प्रेरणा लेकर आया। भक्तों द्वारा की गई साज-सज्जा और भव्यता ने इस दिवस को और भी खास बना दिया। इसके साथ ही, सभी भक्तों ने अवगत कराया कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की उन्हें कितनी गहराई से चिंता है।

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