सपा पूर्व MLC की जमानत याचिका खारिज:औरैया के पंचमुखी हनुमान मंदिर में चर्चित दोहरा हत्याकांड, दूसरी बार कोर्ट से नामंजूर

औरैया के पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 को हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड मामले में न्यायालय ने सपा के पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक की गैंगस्टर एक्ट में दायर द्वितीय जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अपर सत्र न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई में तेजी लाने के लिए दिन-प्रतिदिन सुनवाई के आदेश दिए हैं। अब आइए जानते हैं पूरा मामला? पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 को हुई गोलीबारी में अधिवक्ता मंजुल चौबे और उनकी चचेरी बहन सुधा की मौत हो गई थी। इस मामले में सपा के पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक मुख्य आरोपी हैं। उनके खिलाफ हत्या, गैंगस्टर और कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं। बचाव पक्ष ने दी उम्र और स्वास्थ्य की दलील कमलेश पाठक की ओर से दाखिल याचिका में दलील दी गई कि वह 70 वर्ष के हैं और गंभीर हृदय रोग से जूझ रहे हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि आरोपित जेल में पहले ही काफी समय बिता चुके हैं। ''रिहाई प्रभावित कर सकती है न्याय प्रक्रिया'' सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने कहा कि कमलेश पाठक पर पहले से 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनकी जेल से रिहाई गवाहों पर दबाव डालने और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। ''आपराधिक रिकॉर्ड से जमानत का कोई आधार नहीं'' अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मामले की गंभीरता और आरोपित के खिलाफ दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए जमानत देने का कोई आधार नहीं है। तेजी से सुनवाई के आदेश मृतक मंजुल चौबे के परिवार ने न्यायालय से केस की त्वरित सुनवाई की अपील की थी। इस पर न्यायालय ने सभी संबंधित मुकदमों की सुनवाई को प्रतिदिन आयोजित करने का आदेश दिया है, ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके। मृतक के भाई संजय चौबे ने कहा, "न्यायालय का यह आदेश हमें संतोष देता है। अब हमें उम्मीद है कि हमारे परिवार को जल्द न्याय मिलेगा।"

Nov 20, 2024 - 21:55
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सपा पूर्व MLC की जमानत याचिका खारिज:औरैया के पंचमुखी हनुमान मंदिर में चर्चित दोहरा हत्याकांड, दूसरी बार कोर्ट से नामंजूर
औरैया के पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 को हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड मामले में न्यायालय ने सपा के पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक की गैंगस्टर एक्ट में दायर द्वितीय जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अपर सत्र न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई में तेजी लाने के लिए दिन-प्रतिदिन सुनवाई के आदेश दिए हैं। अब आइए जानते हैं पूरा मामला? पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में 15 मार्च 2020 को हुई गोलीबारी में अधिवक्ता मंजुल चौबे और उनकी चचेरी बहन सुधा की मौत हो गई थी। इस मामले में सपा के पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक मुख्य आरोपी हैं। उनके खिलाफ हत्या, गैंगस्टर और कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं। बचाव पक्ष ने दी उम्र और स्वास्थ्य की दलील कमलेश पाठक की ओर से दाखिल याचिका में दलील दी गई कि वह 70 वर्ष के हैं और गंभीर हृदय रोग से जूझ रहे हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि आरोपित जेल में पहले ही काफी समय बिता चुके हैं। ''रिहाई प्रभावित कर सकती है न्याय प्रक्रिया'' सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने कहा कि कमलेश पाठक पर पहले से 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनकी जेल से रिहाई गवाहों पर दबाव डालने और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। ''आपराधिक रिकॉर्ड से जमानत का कोई आधार नहीं'' अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मामले की गंभीरता और आरोपित के खिलाफ दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए जमानत देने का कोई आधार नहीं है। तेजी से सुनवाई के आदेश मृतक मंजुल चौबे के परिवार ने न्यायालय से केस की त्वरित सुनवाई की अपील की थी। इस पर न्यायालय ने सभी संबंधित मुकदमों की सुनवाई को प्रतिदिन आयोजित करने का आदेश दिया है, ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके। मृतक के भाई संजय चौबे ने कहा, "न्यायालय का यह आदेश हमें संतोष देता है। अब हमें उम्मीद है कि हमारे परिवार को जल्द न्याय मिलेगा।"

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