सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी पर जारी हुआ फतवा:मौलाना शहाबुद्दीन बोले- तोबा करके फिर से कलमा पढ़े, शिवलिंग पर चढ़ाया था जल

समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी के पूजा करने की वजह से फतवा जारी कर दिया गया है। कानपुर के एक मंदिर में पूजा करने का मामला सामने आया है, जिस पर विवाद बढ़ता जा रहा है। बरेली के आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए फतवा जारी किया है । उन्होंने कहा कि नसीम सोलंकी को अपने इस कृत्य के लिए "तोबा" करना चाहिए और दोबारा "कलमा" पढ़ना चाहिए। उन्होंने शरीयत के खिलाफ काम किया है। उत्तर प्रदेश उपचुनाव में कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने चुनाव प्रचार के दौरान शिवलिंग पे जल चढ़ा कर प्राथना किया था। इसके बाद लगातार वो चर्चा में बनी हुई थी और अब परेशानी में फंस गई हैं । मौलाना ने अपने बयान में कहा कि इस्लाम के अनुयायियों के लिए गैर-इस्लामिक पूजा करना हराम है, और इस पर इस्लामिक कानून में सख्त निषेध है। उनका कहना है कि नसीम सोलंकी को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और इस्लामी नियमों का पालन करना चाहिए। मौलाना के फतवे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। वहीं, नसीम सोलंकी ने मौलाना के बयान पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। नसीम सोलंकी के द्वारा जब मंदिर में जल चढ़ाया जा रहा था तो बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे।

Nov 1, 2024 - 21:45
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सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी पर जारी हुआ फतवा:मौलाना शहाबुद्दीन बोले- तोबा करके फिर से कलमा पढ़े, शिवलिंग पर चढ़ाया था जल
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी के पूजा करने की वजह से फतवा जारी कर दिया गया है। कानपुर के एक मंदिर में पूजा करने का मामला सामने आया है, जिस पर विवाद बढ़ता जा रहा है। बरेली के आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए फतवा जारी किया है । उन्होंने कहा कि नसीम सोलंकी को अपने इस कृत्य के लिए "तोबा" करना चाहिए और दोबारा "कलमा" पढ़ना चाहिए। उन्होंने शरीयत के खिलाफ काम किया है। उत्तर प्रदेश उपचुनाव में कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने चुनाव प्रचार के दौरान शिवलिंग पे जल चढ़ा कर प्राथना किया था। इसके बाद लगातार वो चर्चा में बनी हुई थी और अब परेशानी में फंस गई हैं । मौलाना ने अपने बयान में कहा कि इस्लाम के अनुयायियों के लिए गैर-इस्लामिक पूजा करना हराम है, और इस पर इस्लामिक कानून में सख्त निषेध है। उनका कहना है कि नसीम सोलंकी को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और इस्लामी नियमों का पालन करना चाहिए। मौलाना के फतवे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। वहीं, नसीम सोलंकी ने मौलाना के बयान पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। नसीम सोलंकी के द्वारा जब मंदिर में जल चढ़ाया जा रहा था तो बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे।

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