सारनाथ से कुशीनगर तक होगी धम्मचारिका, 5000 उपासक होंगे शामिल:उपदेशस्थली से महापरिनिर्वाण स्थली तक पदयात्रा कर देंगे भगवान बुद्ध का सन्देश

सारनाथ स्थित भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली से आगामी 16 नवंबर से धम्मचारिका (पदयात्रा) शुरू होगी जो कुशीनगर में जाकर समाप्त होगी। इस पदयात्रा में 5000 हजार उपासक-उपासिका; 500 किलोमीटर की यात्रा पैदल तय करेंगे। इस दौरान रस्ते में पड़ने वाले गांव में बौद्ध के सन्देश को आम जन तक पहुंचाएंगे। यह धम्मचारिका 8 दिसम्बर को कुशीनगर में समाप्त होगी। जहां विशाल धम्म सभा का आयोजन होगा। 16 नवंबर को होगी शुरू धम्म लर्निंग सेंटर के सारनाथ के प्रभारी और इंटरनेशनल बौद्ध शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष भिक्षु चंदिमा थोरे ने बताया- सारनाथ भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली है और कुशीनगर महापरिनिर्वाण स्थली। इन दोनों पवित्र स्थानों के बीच एक धम्म यात्रा का आयोजन किया गया है। यह धम्मचारिका आगामी 16 नवंबर को सारनाथ मंदिर से निकलकर कर कुशीनगर के लिए प्रस्थान करेगी। 5000 उपासक-उपासिका 500 किमी चलेंगी पैदल उन्होंने बताया- इस 500 किलोमीटर की धम्म चारिका (पदयात्रा) में सारनाथ और बाहर से आने वाले 5000 उपासक-उपासिका हिस्सा लेंगे। ये सभी कुशीनगर पहुंचने तक रस्ते में पड़ने वाले स्थानों पर भवान बुद्ध का शांति और सौहार्द का सन्देश पहुंचाएंगे। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह विश्राम के दौरान सभाएं भी होंगी। भगवान बुद्ध ने 45 वर्षों तक की थी पदयात्रा चंदिमा थोरे ने बताया- भगवान बुद्ध ने विश्व शांति और ज्ञान प्राप्ति के लिए 45 वर्षों तक चारिका (पदयात्रा) की थी। इसके बाद उन्होंने लोक कल्याणकारी कार्य किए और लोगों को ज्ञान का उपदेश दिया। हमारा उद्देश्य इस चारिका से भगवान बुद्ध का संदेश लोगों तक पहुंचाना है। इसका उद्देश्य लोगों में ज्ञान और करुणा जागृत करना है। 5 जिलों की यात्रा कर पहुंचेगी कुशीनगर उन्होंने बताया- यह यात्रा वाराणसी से गाजीपुर, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज होते हुए 8 दिसंबर को कुशीनगर पहुंचेगी। यहां एक बड़ी धम्म सभा का आयोजन किया गया है।

Nov 3, 2024 - 08:00
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सारनाथ से कुशीनगर तक होगी धम्मचारिका, 5000 उपासक होंगे शामिल:उपदेशस्थली से महापरिनिर्वाण स्थली तक पदयात्रा कर देंगे भगवान बुद्ध का सन्देश
सारनाथ स्थित भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली से आगामी 16 नवंबर से धम्मचारिका (पदयात्रा) शुरू होगी जो कुशीनगर में जाकर समाप्त होगी। इस पदयात्रा में 5000 हजार उपासक-उपासिका; 500 किलोमीटर की यात्रा पैदल तय करेंगे। इस दौरान रस्ते में पड़ने वाले गांव में बौद्ध के सन्देश को आम जन तक पहुंचाएंगे। यह धम्मचारिका 8 दिसम्बर को कुशीनगर में समाप्त होगी। जहां विशाल धम्म सभा का आयोजन होगा। 16 नवंबर को होगी शुरू धम्म लर्निंग सेंटर के सारनाथ के प्रभारी और इंटरनेशनल बौद्ध शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष भिक्षु चंदिमा थोरे ने बताया- सारनाथ भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली है और कुशीनगर महापरिनिर्वाण स्थली। इन दोनों पवित्र स्थानों के बीच एक धम्म यात्रा का आयोजन किया गया है। यह धम्मचारिका आगामी 16 नवंबर को सारनाथ मंदिर से निकलकर कर कुशीनगर के लिए प्रस्थान करेगी। 5000 उपासक-उपासिका 500 किमी चलेंगी पैदल उन्होंने बताया- इस 500 किलोमीटर की धम्म चारिका (पदयात्रा) में सारनाथ और बाहर से आने वाले 5000 उपासक-उपासिका हिस्सा लेंगे। ये सभी कुशीनगर पहुंचने तक रस्ते में पड़ने वाले स्थानों पर भवान बुद्ध का शांति और सौहार्द का सन्देश पहुंचाएंगे। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह विश्राम के दौरान सभाएं भी होंगी। भगवान बुद्ध ने 45 वर्षों तक की थी पदयात्रा चंदिमा थोरे ने बताया- भगवान बुद्ध ने विश्व शांति और ज्ञान प्राप्ति के लिए 45 वर्षों तक चारिका (पदयात्रा) की थी। इसके बाद उन्होंने लोक कल्याणकारी कार्य किए और लोगों को ज्ञान का उपदेश दिया। हमारा उद्देश्य इस चारिका से भगवान बुद्ध का संदेश लोगों तक पहुंचाना है। इसका उद्देश्य लोगों में ज्ञान और करुणा जागृत करना है। 5 जिलों की यात्रा कर पहुंचेगी कुशीनगर उन्होंने बताया- यह यात्रा वाराणसी से गाजीपुर, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज होते हुए 8 दिसंबर को कुशीनगर पहुंचेगी। यहां एक बड़ी धम्म सभा का आयोजन किया गया है।

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