साहब को 100 रुपए फाइल मुझे देना पड़ता है...:अगर आप नहीं देंगे तो हम अपनी जेब से दे देंगे, न्यायिक सदर तहसीलदार के पेशकार ने ली रिश्वत

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जहां भ्रष्टाचार रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्यरत है, वहीं गोंडा जिले की सदर तहसील में भ्रष्टाचार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। सदर तहसील में न्यायालय पर तैनात पेशकार सुरेंद्र कुमार का रिश्वत मांगते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पेशकार सुरेंद्र कुमार एक व्यक्ति से प्रति फाइल 100 रुपये की मांग करते हुए कहते हैं, "अगर आप नहीं देंगे, तो मैं अपनी जेब से साहब को 100 रुपये दे दूंगा।" वीडियो में साफ दिख रहा है कि सुरेंद्र कुमार वाद दायर करने आए व्यक्ति से बार-बार रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जब व्यक्ति ने रिश्वत देने से मना किया, तो पेशकार ने फाइल रोक दी और दावा किया कि अन्य लोग 300 रुपये तक खुशी-खुशी दे जाते हैं। अब पूरे मामले पर एसडीएम ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पहले भी लग चुके हैं आरोप गौरतलब है कि न्यायिक सदर तहसीलदार अनीश सिंह पर इससे पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। शासन द्वारा उनके खिलाफ एक बार जांच भी हो चुकी है, फिर भी उन्हें गोंडा जिले में तैनाती मिली हुई है। आरोप हैं कि अनीश सिंह अपने कार्यालय में बैठने के बजाय उस कमरे में बैठते हैं, जहां मुकदमों की फाइलें रखी जाती हैं। अधिवक्ताओं का दावा है कि वे केवल उन्हीं का काम करते हैं जो रिश्वत देने को तैयार होते हैं। इस घटना ने प्रशासन के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।

Oct 30, 2024 - 09:45
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साहब को 100 रुपए फाइल मुझे देना पड़ता है...:अगर आप नहीं देंगे तो हम अपनी जेब से दे देंगे, न्यायिक सदर तहसीलदार के पेशकार ने ली रिश्वत
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जहां भ्रष्टाचार रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्यरत है, वहीं गोंडा जिले की सदर तहसील में भ्रष्टाचार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। सदर तहसील में न्यायालय पर तैनात पेशकार सुरेंद्र कुमार का रिश्वत मांगते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पेशकार सुरेंद्र कुमार एक व्यक्ति से प्रति फाइल 100 रुपये की मांग करते हुए कहते हैं, "अगर आप नहीं देंगे, तो मैं अपनी जेब से साहब को 100 रुपये दे दूंगा।" वीडियो में साफ दिख रहा है कि सुरेंद्र कुमार वाद दायर करने आए व्यक्ति से बार-बार रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जब व्यक्ति ने रिश्वत देने से मना किया, तो पेशकार ने फाइल रोक दी और दावा किया कि अन्य लोग 300 रुपये तक खुशी-खुशी दे जाते हैं। अब पूरे मामले पर एसडीएम ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पहले भी लग चुके हैं आरोप गौरतलब है कि न्यायिक सदर तहसीलदार अनीश सिंह पर इससे पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। शासन द्वारा उनके खिलाफ एक बार जांच भी हो चुकी है, फिर भी उन्हें गोंडा जिले में तैनाती मिली हुई है। आरोप हैं कि अनीश सिंह अपने कार्यालय में बैठने के बजाय उस कमरे में बैठते हैं, जहां मुकदमों की फाइलें रखी जाती हैं। अधिवक्ताओं का दावा है कि वे केवल उन्हीं का काम करते हैं जो रिश्वत देने को तैयार होते हैं। इस घटना ने प्रशासन के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।

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