सीतापुर में पत्रकार की हत्या पर विरोध:डीएम-एएसपी को ज्ञापन सौंपा, हत्यारे को फांसी और परिवार को 2 करोड़ मुआवजे की मांग
सीतापुर के महोली में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर की गई हत्या के विरोध में बलरामपुर के पत्रकारों ने कड़ा रुख अपनाया है। पत्रकारों ने जिलाधिकारी पवन अग्रवाल और अपर पुलिस अधीक्षक नम्रता श्रीवास्तव को राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। सेंट्रल प्रेस काउंसिल, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन, आंचलिक पत्रकार संघ और पत्रकार प्रेस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कई मांगें रखी हैं। इनमें पत्रकार के हत्यारे को फांसी की सजा, मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी शामिल है। पत्रकारों ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है। साथ ही पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमों का त्वरित निस्तारण और उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की गई है। अधिकारियों ने पत्रकारों को आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया है। ज्ञापन देने वालों में कमलेश तिवारी, अखिलेश्वर तिवारी, सलीम सिद्दीकी, अमित कुमार, योगेंद्र विश्वनाथ त्रिपाठी, क़मर खान, योगेंद्र सिंह चौहान, मशरूर अली और राघवेंद्र सिंह परिहार समेत कई पत्रकार मौजूद थे।

सीतापुर में पत्रकार की हत्या पर विरोध: डीएम-एएसपी को ज्ञापन सौंपा
News by indiatwoday.com
सीतापुर में पत्रकार की हत्या पर गंभीर स्थिति
सीतापुर में पत्रकार की हत्या की घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय पत्रकारों और नागरिकों ने इस बर्बरता के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) तथा एएसपी को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए और पीड़ित परिवार को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। इस घटनाक्रम ने न केवल पत्रकारिता की सुरक्षा पर प्रश्न खड़े किए हैं, बल्कि समाज में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चिंता जताई है।
विरोध के प्रमुख मुद्दे
हत्यारे को उचित सजा दिलाने के लिए विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता और पत्रकारिता के अधिकारों पर हमला है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने का निर्णय लेंगे।
समाज का समर्थन
इस घटना के बाद, सीतापुर के नागरिकों ने भी पत्रकारों के साथ मिलकर हत्यारे के खिलाफ और उनके परिवार के लिए मुआवजे की मांग में समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज को कमजोर करती हैं और पत्रकारों को उनके काम में डराती हैं।
आगे की कार्रवाई
डीएम और एएसपी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच में तेजी लाएगी और जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि समाज में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि पत्रकार अपने काम को बिना किसी डर के कर सकें। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और उचित कदम उठाएगी।
निष्कर्ष
सीतापुर में पत्रकार की हत्या की घटना ने देशभर में गहरी चिंताओं को जन्म दिया है। यह समय है कि हम सभी मिलकर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए खड़े हों और उनकी आवाज को मौलिक अधिकार मानें।
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