सूखे की मार झेल रहे मंडी के किसान:बारिश की बेरूखी से बिगड़े क्षेत्र में हालात, गेहूं की बिजाई पर पड़ रहा असर

मंडी जिला में बारिश की बेरूखी से लगातार सूखे के हालत बने हुए हैं। बीते एक महीने से क्षेत्र में आसमान से बारिश की एक बूंद भी बरसी नहीं है। इसका सीधा असर रबी सीजन में खेतों में बोए जाने वाली गेहूं की फसल पर पड़ रहा है। अक्टूबर में हो जाता था गेहूं की बिजाई बता दें कि जिला मंडी में 65 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की जाती है। अच्छी बारिश होने से अक्टूबर महीने में गेहूं की बिजाई का काम शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार बारिश न होने से जिला में 80 से 85 प्रतिशत भूमि खाली पड़ी हुई है। प्रदेश में 15 नवंबर तक का समय गेहूं की बिजाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन जमीन में पर्याप्त नमी न होने से किसानों के चेहरों पर फसल को लेकर चिंता नजर आ रही है। 10 से 15% ही हुई बिजाई कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने जानकारी देते हुए कहा कि जिला मंडी में करीब 80 प्रतिशत भूमि का क्षेत्रफल असिंचित होने के कारण फसलों की बिजाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है। देश सहित प्रदेश में रबी सीजन की गेहूं महत्वपूर्ण फसल है। उन्होंने कहा कि बीते एक माह से मंडी जिला के सिंचित क्षेत्र में सब्जियों और गेहूं की बिजाई की गई है। अधिकतर भूमि पर नमी नहीं है और इस कारण केवल मात्र 10 से 15 प्रतिशत भूमि पर ही बिजाई की गई है। गेहूं की फसल की बुआई को लेकर शुरूआती दौर समाप्त हो गया है। डॉ. पंकज सूद ने कहा कि किसान 20 नवंबर तक विभाग द्वारा मुहैया करवाई गई गेंहू की वैरायटी की बिजाई की जा सकती है। वहीं अगर आने वाले दिनों में क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है तो गेंहू की बिजाई जोर पकड़ सकती है। लेकिन देरी से बिजाई होने का सीधा प्रभाव गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा।

Nov 14, 2024 - 19:55
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सूखे की मार झेल रहे मंडी के किसान:बारिश की बेरूखी से बिगड़े क्षेत्र में हालात, गेहूं की बिजाई पर पड़ रहा असर
मंडी जिला में बारिश की बेरूखी से लगातार सूखे के हालत बने हुए हैं। बीते एक महीने से क्षेत्र में आसमान से बारिश की एक बूंद भी बरसी नहीं है। इसका सीधा असर रबी सीजन में खेतों में बोए जाने वाली गेहूं की फसल पर पड़ रहा है। अक्टूबर में हो जाता था गेहूं की बिजाई बता दें कि जिला मंडी में 65 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की जाती है। अच्छी बारिश होने से अक्टूबर महीने में गेहूं की बिजाई का काम शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार बारिश न होने से जिला में 80 से 85 प्रतिशत भूमि खाली पड़ी हुई है। प्रदेश में 15 नवंबर तक का समय गेहूं की बिजाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन जमीन में पर्याप्त नमी न होने से किसानों के चेहरों पर फसल को लेकर चिंता नजर आ रही है। 10 से 15% ही हुई बिजाई कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने जानकारी देते हुए कहा कि जिला मंडी में करीब 80 प्रतिशत भूमि का क्षेत्रफल असिंचित होने के कारण फसलों की बिजाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है। देश सहित प्रदेश में रबी सीजन की गेहूं महत्वपूर्ण फसल है। उन्होंने कहा कि बीते एक माह से मंडी जिला के सिंचित क्षेत्र में सब्जियों और गेहूं की बिजाई की गई है। अधिकतर भूमि पर नमी नहीं है और इस कारण केवल मात्र 10 से 15 प्रतिशत भूमि पर ही बिजाई की गई है। गेहूं की फसल की बुआई को लेकर शुरूआती दौर समाप्त हो गया है। डॉ. पंकज सूद ने कहा कि किसान 20 नवंबर तक विभाग द्वारा मुहैया करवाई गई गेंहू की वैरायटी की बिजाई की जा सकती है। वहीं अगर आने वाले दिनों में क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है तो गेंहू की बिजाई जोर पकड़ सकती है। लेकिन देरी से बिजाई होने का सीधा प्रभाव गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा।

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