सेंट्रल फोर्स की 8 और कंपनियां मणिपुर पहुंचीं:एक कंपनी महिला बटालियन की; मणिपुर कांग्रेस की खड़गे को चिट्‌ठी- चिदंबरम पर एक्शन लें

मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 8 और कंपनियां बुधवार को राजधानी इंफाल पहुंच गईं। एक दिन पहले ही CAPF की 11 कंपनियां मणिपुर पहुंची थीं। अधिकारियों के मुताबिक CAPF और BSF की चार-चार कंपनियों को राज्य के संवेदनशील और सीमांत इलाकों में तैनात किया जाएगा। CAPF की इन कंपनियों में से एक महिला बटालियन की है। केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात की जाएंगी। राज्य कांग्रेस की अपील- चिदंबरम पर कार्रवाई करें खड़गे मणिपुर कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से विवादास्पद पोस्ट करने वाले पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। चिदंबरम ने क्षेत्रीय स्वायत्तता की वकालत की थी। खड़गे को लिखे लैटर में नेताओं ने कहा, "पी चिदंबरम के पोस्ट की हम निंदा करते हैं। राज्य में बढ़ते तनाव, सार्वजनिक शोक और राजनीतिक संवेदनशीलता के मौजूदा माहौल को देखते हुए उनकी भाषा और भावनाएं अनुचित थीं।" इससे खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मणिपुर मुद्दे पर दखल देने की मांग की। मंगलवार को लिखे दो पेज के पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि 18 महीने में केंद्र और राज्य की सरकार मणिपुर में शांति स्थापित करने में असफल रही है। आप संविधान की संरक्षक हैं, इसलिए दखल दें। NDA की मीटिंग से गायब रहे 18 विधायक, सभी को नोटिस राज्य में बिगड़ने हालातों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा बुलाई गई NDA की बैठक में 18 विधायक नहीं पहुंचे। इनमें से 7 ने तबीयत खराब होने की बात कही, जबकि बाकी 11 बिना किसी कारण अनुपस्थित रहे। इसलिए इन्हें CM सचिवालय ने उन्हें नोटिस जारी किया है। कुकी उग्रवादियों के समर्थन में निकाला ताबूत मार्च मणिपुर में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी उग्रवादियों के लिए न्याय की मांग करते हुए कुकी समुदाय लगातार प्रदर्शन कर रहा है। मंगलवार को भी जिरिबाम और चुराचांदपुर जिले में सैकड़ों लोगों ने 10 खाली ताबूत लेकर मार्च निकाला। पिछले हफ्ते जिरिबाम के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के जकुराधोर में CRPF कैंप पर वर्दीधारी उग्रवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दस संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। हालांकि कुकी समुदाय का कहना है कि वे लोग विलेज वॉलंटियर्स थे। मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं मणिपुर में हिंसा के 560 दिन कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया। इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत। ........................................................... मणिपुर में हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मणिपुर के 6 इलाकों में AFSPA फिर से लागू मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में फिर से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया गया है। यह 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को इसका आदेश जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि इन इलाकों में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते फैसला लिया गया। AFSPA लागू होने से सेना और अर्ध-सैनिक बल इन इलाकों में कभी भी किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें ...

Nov 21, 2024 - 07:50
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सेंट्रल फोर्स की 8 और कंपनियां मणिपुर पहुंचीं:एक कंपनी महिला बटालियन की; मणिपुर कांग्रेस की खड़गे को चिट्‌ठी- चिदंबरम पर एक्शन लें
मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 8 और कंपनियां बुधवार को राजधानी इंफाल पहुंच गईं। एक दिन पहले ही CAPF की 11 कंपनियां मणिपुर पहुंची थीं। अधिकारियों के मुताबिक CAPF और BSF की चार-चार कंपनियों को राज्य के संवेदनशील और सीमांत इलाकों में तैनात किया जाएगा। CAPF की इन कंपनियों में से एक महिला बटालियन की है। केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात की जाएंगी। राज्य कांग्रेस की अपील- चिदंबरम पर कार्रवाई करें खड़गे मणिपुर कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से विवादास्पद पोस्ट करने वाले पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। चिदंबरम ने क्षेत्रीय स्वायत्तता की वकालत की थी। खड़गे को लिखे लैटर में नेताओं ने कहा, "पी चिदंबरम के पोस्ट की हम निंदा करते हैं। राज्य में बढ़ते तनाव, सार्वजनिक शोक और राजनीतिक संवेदनशीलता के मौजूदा माहौल को देखते हुए उनकी भाषा और भावनाएं अनुचित थीं।" इससे खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मणिपुर मुद्दे पर दखल देने की मांग की। मंगलवार को लिखे दो पेज के पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि 18 महीने में केंद्र और राज्य की सरकार मणिपुर में शांति स्थापित करने में असफल रही है। आप संविधान की संरक्षक हैं, इसलिए दखल दें। NDA की मीटिंग से गायब रहे 18 विधायक, सभी को नोटिस राज्य में बिगड़ने हालातों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा बुलाई गई NDA की बैठक में 18 विधायक नहीं पहुंचे। इनमें से 7 ने तबीयत खराब होने की बात कही, जबकि बाकी 11 बिना किसी कारण अनुपस्थित रहे। इसलिए इन्हें CM सचिवालय ने उन्हें नोटिस जारी किया है। कुकी उग्रवादियों के समर्थन में निकाला ताबूत मार्च मणिपुर में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी उग्रवादियों के लिए न्याय की मांग करते हुए कुकी समुदाय लगातार प्रदर्शन कर रहा है। मंगलवार को भी जिरिबाम और चुराचांदपुर जिले में सैकड़ों लोगों ने 10 खाली ताबूत लेकर मार्च निकाला। पिछले हफ्ते जिरिबाम के बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के जकुराधोर में CRPF कैंप पर वर्दीधारी उग्रवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दस संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। हालांकि कुकी समुदाय का कहना है कि वे लोग विलेज वॉलंटियर्स थे। मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं मणिपुर में हिंसा के 560 दिन कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया। इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत। ........................................................... मणिपुर में हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मणिपुर के 6 इलाकों में AFSPA फिर से लागू मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में फिर से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया गया है। यह 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को इसका आदेश जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि इन इलाकों में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते फैसला लिया गया। AFSPA लागू होने से सेना और अर्ध-सैनिक बल इन इलाकों में कभी भी किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें ...

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