स्वामी रामदास ने किया आमरण अनशन:राम जानकी मंदिर को लेकर देवीपाटन और मणिराम दास छावनी के बीच तकरार
बलरामपुर (तुलसीपुर)। जिले के भगोसर गांव स्थित राम जानकी मंदिर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। देवीपाटन शक्ति पीठ तुलसीपुर और अयोध्या के मणिराम दास छावनी के बीच इस मंदिर के स्वामित्व को लेकर जंग छिड़ी हुई है। शनिवार शाम को इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया जब अयोध्या के मणिराम दास छावनी से पहुंचे स्वामी राम दास मंदिर पर आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्होंने अन्न-जल त्यागते हुए कहा कि जब तक प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते, वे अनशन खत्म नहीं करेंगे। इस घटना से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और पुलिस की तैनाती कर दी गई है। कई दशक पुराना मंदिर, दो संस्थाओं के बीच फंसा विवाद बलरामपुर के तहसील तुलसीपुर स्थित भगोसर गांव में बने राम जानकी मंदिर का विवाद काफी पुराना है। लगभग 50 साल से यह मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र रहा है और इसकी देखरेख वैष्णव संप्रदाय के महात्माओं द्वारा की जा रही थी। कुछ साल पहले, जब मंदिर के पुजारी छोटकन दास बीमार हो गए, तो गांव वालों ने मंदिर की देखरेख देवीपाटन शक्ति पीठ के महंत मिथलेश नाथ योगी को सौंप दी। महंत ने अपने एक शिष्य को मंदिर की पूजा-पाठ की जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन बीते कुछ दिनों से मंदिर पर हो रहे धार्मिक कार्यों को लेकर असंतोष बढ़ने लगा। मंदिर के स्वामित्व को लेकर शुरू हुआ विवाद बीते शनिवार शाम, अयोध्या के मणिराम दास छावनी के महंत नित्य गोपाल दास के शिष्य स्वामी राम दास मंदिर की देखरेख के लिए पहुंचे। वहां पर मौजूदा प्रधान से उनकी कहासुनी हो गई, जिसके बाद स्वामी राम दास अनशन पर बैठ गए। स्वामी राम दास ने प्रधान पर अभद्रता का आरोप लगाया और कहा कि देवीपाटन पीठ के महंत मिथलेश नाथ योगी मंदिर पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्होंने मंदिर में अनैतिक कार्यों और मांस सेवन का भी आरोप लगाया, जो वहां तैनात महंत द्वारा किया जा रहा था। प्रशासन ने दिलाया सुरक्षा का आश्वासन, लेकिन तनाव जारी अनशन पर बैठे स्वामी राम दास का कहना था कि जब तक प्रशासन के बड़े अधिकारी और जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं आते और उचित कार्रवाई नहीं होती, वे अनशन खत्म नहीं करेंगे। इस बीच, उपजिलाधिकारी तुलसीपुर और थाना गौर चौराहा के SHO मौके पर पहुंचे और सुरक्षा का आश्वासन दिया। उन्होंने मंदिर पर अवैध कब्जा रोकने और सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की बात कही, जिसके बाद स्वामी राम दास ने अनशन खत्म कर दिया। तनाव बरकरार, स्वामी राम दास का फिर से अनशन की चेतावनी हालांकि, स्वामी राम दास ने चेतावनी दी है कि यदि गांव के कुछ लोग और महिलाएं मंदिर पर दबाव बनाते रहे और उन पर जानलेवा हमला होता है, तो वे फिर से आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार वे किसी की बात नहीं सुनेंगे, चाहे उनका मृत शरीर अयोध्या जाए। पुलिस की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है और फिलहाल मंदिर पर शांति व्यवस्था कायम है। देवीपाटन पीठ के महंत मिथलेश नाथ योगी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका कोई पक्ष नहीं मिल पाया है।
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