हजरतगंज थाने के माल खाने में लाखों का गबन:कोर्ट में पेश नहीं कर पा रहे थे बरामद किया माल, थाना प्रभारी ने दी तहरीर
लखनऊ के हजरतगंज थाने में लाखों के गबन का मामला सामने आया है। माल खाने में लाखों रुपए की हेराफेरी की गई। इसकी जानकारी तब हुई जब कोर्ट के आदेश पर बनी कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद थाना प्रभारी ने तत्कालीन मुंशियों के खिलाफ शिकायती पत्र दिया। बताया जा रहा है कि एक मुंशी की मौत हो चुकी है, जबकि एक अन्य निलंबित चल रहा है। 29 मार्च 2019 में तत्कालीन हजरतगंज थाने के प्रभारी राधारमण सिंह ने माल खाने से 10 लाख रुपए के घोटाले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस दौरान मालखाने का प्रभारी अशोक यादव निलंबित हुआ था। इसके बाद जेल भेज दिया गया। नए प्रभारी के तौर पर आरक्षी प्रिय त्रिपाठी को जिम्मेदारी दी गई। प्रिय त्रिपाठी का गंभीर बीमारी के चलते 2022 में निधन हो गया। माल खाने का प्रभारी न होने की वजह से मामलों में बरामद माल कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा था। इस पर कोर्ट ने जानकारी मांगी थी। जांच के लिए बनी थी कमेटी जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया। कमेटी का प्रभारी एडीसीपी सेंट्रल और एसीपी हजरतगंज, थाना प्रभारी हजरतगंज मोहर्रिर मालखाना को सदस्य बनाया गया। इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने अब इस मामले में एक और तहरीर दी है। अभी किसी को नामजद नहीं किया है। हालांकि पूर्व में मालखाने के प्रभारी रह चुके मुख्य आरक्षी अशोक यादव और प्रिय त्रिपाठी पर संदेह जताया गया है। कोर्ट में नहीं पेश कर पा रहे थे बरामद माल हजरतगंज पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार के पांच केस दर्ज हुए थे। जिसमें बरामद हुए माल को पुलिस कोर्ट में पेश नहीं कर पा रही थी। हाईकोर्ट और विशेष जज ने हजरतगंज पुलिस को बार-बार रिमांइडर दिया। इसके बावजूद भी पांचों मामलों के सबूत कोर्ट में पेश नहीं किए गए। इस पर कोर्ट ने एसीपी हजरतगंज को 24 जुलाई 2024 को नोटिस भेजा था।
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