हरियाणा में परिवार बोला- पवन खुदकुशी नहीं कर सकता:ये एक्सीडेंटल केस; CRPF हेड कॉन्स्टेबल को आज छुट्टी आना था लेकिन शव पहुंचा
हरियाणा में रेवाड़ी मुख्यालय से तकरीबन 33 किलोमीटर दूर जैनाबाद गांव जिले के उन चुनिंदा गांवों में से एक है, जिसकी आबादी 8 हजार के करीब है। इस गांव के रहने वाले CRPF के हेड कॉन्स्टेबल पवन कुमार ने छत्तीसगढ़ में ऑन ड्यूटी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली। हालांकि, पवन कुमार के परिजन ये मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है कि उसने खुदकुशी की है। उनका कहना है कि इस घटना से कुछ घंटे पहले उसने पत्नी, भाई सुरेश के अलावा साले से भी बात की थी। इस पूरे केस को समझने के लिए दैनिक भास्कर जैनाबाद गांव पहुंचा। पूरे गांव में गमगीन माहौल दिखा। इसी वजह से गांव का कोई व्यक्ति ऑन कैमरा बात करने को तैयार नहीं हुआ। परिवार के लोगों ने भी ऑन कैमरा बात नहीं की, लेकिन ऑफ कैमरा पवन कुमार से जुड़ी काफी जानकारी दी। परिवार के मुताबिक, उस वक्त बिल्कुल भी नहीं लगा कि उसके साथ ऐसी भी घटना हो सकती हैं। ये सुसाइड नहीं, बल्कि एक्सीडेंटल केस है। अप्रैल 2004 में CRPF में भर्ती हुए थे पवन कुमार अप्रैल 2004 में CRPF में बतौर कॉन्स्टेबल भर्ती हुए थे। उनके पिता कंवर सिंह यादव भी आर्मी में सेवाएं दे चुके हैं। CRPF में भर्ती होने के बाद पवन कुमार ने देश के विभिन्न हिस्सों में नौकरी की। कुछ समय पहले उनका प्रमोशन हेड कॉन्स्टेबल के पद पर हुआ था। करीब डेढ़ साल पहले उनका तबादला छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पातरपारा में CRPF 199 बटालियन कैंप में हुआ था। फिलहाल वह मोर्चा नंबर-2 में ड्यूटी पर तैनात थे। 24 अक्टूबर (गुरुवार) को सर्विस राइफल से गोली लगने से उनकी मौत हो गई। आज ही उसे छुट्टी पर घर आना था पवन कुमार के भाई सुरेश का कहना है कि उनका भाई हर साल दीपावली पर छुट्टी लेकर घर आता था। क्योंकि इस वक्त फसल की बुआई से लेकर कई तरह के काम होते हैं। इस बार भी उसे दीपावली के त्योहार से पहले 26 अक्टूबर को घर आना था, लेकिन इस दिन उसका शव पहुंचा। शनिवार सुबह CRPF की बटालियन पवन कुमार का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंची, जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। आखिरी बार फरवरी में घर आए थे बेटे नवीन कुमार ने बताया कि पापा आखिरी बार इसी साल फरवरी में घर आए थे। उस वक्त ताऊ के बेटे की शादी थी। अक्सर मेरी भी पापा से बात होती रहती थी। हमें कभी नहीं लगा कि वह परेशान थे। 2 दिन पहले ही मम्मी और ताऊ से बात की थी। मैंने भी कुछ देर बात की। हमें कुछ पता ही नहीं चला कि अचानक ये सब कैसे हुआ। परिवार में नवीन के अलावा उसकी एक बहन भी है। नवीन गुरुग्राम में सरकारी नौकरी की कोचिंग ले रहा है, जबकि उसकी बहन ने ग्रेजुएशन की हुई है।
What's Your Reaction?