हरियाणा विधानसभा भवन के निर्माण में तेजी लाएगी सरकार:स्पीकर बोले- इसी कार्यकाल में बनाने का लक्ष्य; पंजाब पहले ही जता चुका ऐतराज
हरियाणा की चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनने को लेकर चल रहे विवाद के बीच स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि नई विधानसभा भवन बनाने की जो प्रक्रिया आलरेडी चली हुई है। जमीन को लेकर उस प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि इसी कार्यकाल में विधानसभा बनाया जा सके। सरकार भी इस काम में तेजी से काम कर रही है। हरविंद्र कल्याण ने यह बयान विधानसभा सत्र के संपन्न होने के एक दिन बाद बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया है। उन्होंने ये भी कहा विधानसभा भवन में लाइब्रेरी के अंदर एक ऐसा सेल बनायेंगे ताकि किसी भी सदस्य को विधायी कार्यों में कोई जानकारी चाहिए तो उन्हें सही तरीके से मिल सके और मदद मिलेगी। 26 घंटे 19 मिनट चली सदन की कार्यवाही चंडीगढ़ में विधानसभा सेशन के बारे में जानकारी देते हुए स्पीकर ने बताया कि सत्र में 5 सीटिंग की कुल अवधि छब्बीस घंटे और 19 मिनट की रही है। इसमें राज्यपाल का अभिभाषण हुआ , जिस पर सदन में पौने 12 घंटे चर्चा हुई है। इसके अलावा ध्यानाकर्षण की बीस सूचनाएं मिलीं, जिनमें सात सूचनाओं पर चर्चा हुई। अन्य विधायी कार्यों में जो सप्लीमेंट्री एस्टिमेट थे, जो पास हुए हैं, इसके अलावा सदन में तेरह बिल पारित हुए हैं। नए विधायकों ने अच्छा सहयोग दिया स्पीकर ने बताया, विशेष रूप से इस सत्र में सभी सदस्यों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। सबसे पहली बार चुनकर आए 34 सदस्यों की बहुत अच्छी सहभागिता रही है। अभिभाषण पर 710 मिनट की कुल चर्चा हुई है। इसमें 147 मिनट मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बोला है। चौतीस नए सदस्यों ने खुलकर अपनी बात को सदन में रखा है। नए सदस्य विधायकों में सभी पांच मिनट से लेकर 12 मिनट तक भी बोले हैं। सात कॉलिंग अटेंशन नये सदस्यों के द्वारा दिए गए थे। 34 नए सदस्य 210 मिनट सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोला है। राज्य गीत के लिए कमेटी बनाई स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने बताया, हरियाणा राज्य में संगीत को और बेहतर बनाने के लिए नई कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में पांच सदस्यों को शामिल किया गया है। इसके अंदर इस फ़ील्ड के एक्सपर्ट्स को भी शामिल किया जाएगा। स्पीकर ने कहा कि बजट सत्र से पहले सभी सदस्यों के लिए 2 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया जाएगा। जो विधानसभा के स्टाफ और ऑफिसर्स हैं। इनके लिए भी ट्रेनिंग दिलवाने का काम करेंगे, ताकि उनकी एफिशिएंसी बढ़े और विधानसभा के कार्यवाही बेहतर तरीके से हो सके।
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