हिंदी पखवाड़े पर चिन्यालीसौड़ महाविद्यालय में रोजगार के अवसरों पर विशेष गोष्ठी आयोजित
चिन्यालीसौड़ : राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष्य में “हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रभात द्विवेदी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन माध्यम से जुड़ीं डॉ. मंजू कोगियाल, प्रभारी …

हिंदी पखवाड़े पर चिन्यालीसौड़ महाविद्यालय में रोजगार के अवसरों पर विशेष गोष्ठी आयोजित
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कम शब्दों में कहें तो, राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में हिंदी पखवाड़े के अवसर पर "हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर" विषय पर एक सार्थक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रभात द्विवेदी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
इस विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन जुड़ीं डॉ. मंजू कोगियाल, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय नैनबाग, टिहरी गढ़वाल ने अपने व्याख्यान में कहा, "आत्मा की ध्वन्यात्मक अभिव्यक्ति ही भाषा है।" उन्होंने भाषा के महत्व पर जोर देते हुए संस्कृत से हिंदी के विकास की यात्रा का विश्लेषण किया।
डॉ. कोगियाल ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि हिंदी में रोजगार की संभावनाएँ कितनी व्यापक हैं। उन्होंने बताया कि हिंदी के विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि अनुवादक, शिक्षक, लेखक, संपादक आदि के रूप में अपने करियर को विकसित कर सकते हैं, जिससे समृद्ध भविष्य की संभावना बनती है।
कार्यक्रम के संयोजक और हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. यशवंत सिंह पंवार ने 21वीं सदी को हिंदी के उत्कर्ष की सदी करार दिया। उन्होंने इस दौरान धराली आपदा पर अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की और हिंदी को मात्र एक भाषा नहीं, बल्कि भाषाओं की परंपरा बताया।
प्राचार्य प्रो. द्विवेदी ने छात्रों का हौसला बढ़ाया कि वे अधिक से अधिक किताबें पढ़ें और एन-लिस्ट जैसे डिजिटल संसाधनों का लाभ उठाएं। उन्होंने बेबिलोनिया, सेपियंस और निएंडरथल की मिसालों के माध्यम से भाषा की अद्भुत शक्ति का उदाहरण पेश किया।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. किशोर सिंह चौहान ने छात्रों को हिंदी, संस्कृत, और अंग्रेजी में स्वरचित रचनाएँ और लेख लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी-अपनी स्वरचित कविताएँ, भाषण और गीत प्रस्तुत किए, जिनमें आइसा भट्ट, आंचल, मुस्कान, गौरी, रवीना रीमल, आदित्य, प्रवेश, विकास, दीक्षा और शालिनी की प्रस्तुतियों ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
इस विचार गोष्ठी में डॉ. निशि दुबे, डॉ. सुगंधा वर्मा, डॉ. आराधना राठौर, डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ. आलोक बिजल्वाण, डॉ. नेहा बिष्ट और डॉ. मंजू पांडे सहित अन्य गणमान्य व्यक्तित्व भी शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और जलपान के साथ हुआ।
इस विशेष गोष्ठी का आयोजन हिंदी भाषा के प्रति छात्रों में जागरूकता पैदा करने और रोजगार के अवसरों को विस्तार से समझाने में सहायक रहा। आने वाले समय में इस प्रकार के कार्यक्रमों से हिंदी भाषा की महत्वता को सरकार और शिक्षा संस्थानों द्वारा भी मान्यता मिलेगी।
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सादर,
टीम इंडिया ट्वोडे द्वारा - अनुश्री चतुर्वेदी
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