हिमाचल में संजौली मस्जिद फैसले पर स्टे देने के इनकार:11 नवंबर को होगी सुनवाई; याचिका की मैंटेनेबेलिटी को लेकर उसी दिन फैसला

हिमाचल की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में आज जिला कोर्ट चक्कर में सुनवाई हुई। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेशनाइजेशन ने संजौली मस्जिद को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के 5 अक्टूबर के फैसले पर स्टे की मांग की थी। अदालत में लोकल रेजिडेंट की ओर से पेश हुए वकील ने इसका विरोध किया। इस पर कोर्ट ने MC आयुक्त से कुछ रिकॉर्ड मांगा और 11 नवंबर के लिए अगली सुनवाई तय की है। उसी दिन याचिकाकर्ता के साथ साथ लोकल रेजिडेंट और जो लोग इस केस में पार्टी बनना चाहते हैं, उन्हें भी सुना जाएगा। उसी दिन MC आयुक्त के फैसले को चैलेंज करने वाली याचिका की मैंटेनेबेलिटी को लेकर भी फैसला होगा। आयुक्त कोर्ट के फैसले को बताया डिफैक्टिड ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेशनाइजेशन प्रमुख नजाकत अली ने MC आयुक्त के 5 अक्टूबर के फैसले को जिला कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि MC आयुक्त कोर्ट का फैसला डिफैक्टिड है। उन्होंने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा दिए हलफनामे के आधार पर सुनाया है। नजाकत अली ने दावा किया कि उन्होंने मस्जिद बनाने के लिए पैसा दिया था। इसलिए वह भी पीड़ित पक्ष है। उन्हें सुना जाना चाहिए और मस्जिद की तीन मंजिल गिराने के फैसले पर स्टे दिया जाए। उन्होंने दावा किया कि संजौली मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा सही नहीं है। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त शिमला कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने मस्जिद की 3 अवैध मंजिल हटाने के आदेश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। मस्जिद की एटिक को हटाने का काम लगभग पूरा हो गया है। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के आदेश दिए वहीं, लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्टूबर को एक याचिका हाईकोर्ट में डाली और जल्दी फैसला सुनाने के निर्देश देने का आग्रह किया। इस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भी नगर निगम शिमला आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर केस निपटाने के आदेश दिए। इन आदेशों के अनुसार, MC आयुक्त को 20 दिसंबर तक संजौली मस्जिद का केस निपटाना है। मगर इस बीच निगम आयुक्त के फैसले को जिला कोर्ट में चैलेंज किया गया है। संजौली मस्जिद से ही पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए। उन्होंने अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच बीते 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। 13 सितंबर को वक्फ बोर्ड ने भी इसे गिराने की पेशकश की। मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की एप्लिकेशन को आधार बनाते हुए एमसी आयुक्त ने मस्जिद की अवैध तीन मंजिल गिराने के आदेश दिए। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए।

Nov 6, 2024 - 13:25
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हिमाचल में संजौली मस्जिद फैसले पर स्टे देने के इनकार:11 नवंबर को होगी सुनवाई; याचिका की मैंटेनेबेलिटी को लेकर उसी दिन फैसला
हिमाचल की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में आज जिला कोर्ट चक्कर में सुनवाई हुई। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेशनाइजेशन ने संजौली मस्जिद को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के 5 अक्टूबर के फैसले पर स्टे की मांग की थी। अदालत में लोकल रेजिडेंट की ओर से पेश हुए वकील ने इसका विरोध किया। इस पर कोर्ट ने MC आयुक्त से कुछ रिकॉर्ड मांगा और 11 नवंबर के लिए अगली सुनवाई तय की है। उसी दिन याचिकाकर्ता के साथ साथ लोकल रेजिडेंट और जो लोग इस केस में पार्टी बनना चाहते हैं, उन्हें भी सुना जाएगा। उसी दिन MC आयुक्त के फैसले को चैलेंज करने वाली याचिका की मैंटेनेबेलिटी को लेकर भी फैसला होगा। आयुक्त कोर्ट के फैसले को बताया डिफैक्टिड ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेशनाइजेशन प्रमुख नजाकत अली ने MC आयुक्त के 5 अक्टूबर के फैसले को जिला कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि MC आयुक्त कोर्ट का फैसला डिफैक्टिड है। उन्होंने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा दिए हलफनामे के आधार पर सुनाया है। नजाकत अली ने दावा किया कि उन्होंने मस्जिद बनाने के लिए पैसा दिया था। इसलिए वह भी पीड़ित पक्ष है। उन्हें सुना जाना चाहिए और मस्जिद की तीन मंजिल गिराने के फैसले पर स्टे दिया जाए। उन्होंने दावा किया कि संजौली मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा सही नहीं है। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त शिमला कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने मस्जिद की 3 अवैध मंजिल हटाने के आदेश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। मस्जिद की एटिक को हटाने का काम लगभग पूरा हो गया है। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के आदेश दिए वहीं, लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्टूबर को एक याचिका हाईकोर्ट में डाली और जल्दी फैसला सुनाने के निर्देश देने का आग्रह किया। इस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भी नगर निगम शिमला आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर केस निपटाने के आदेश दिए। इन आदेशों के अनुसार, MC आयुक्त को 20 दिसंबर तक संजौली मस्जिद का केस निपटाना है। मगर इस बीच निगम आयुक्त के फैसले को जिला कोर्ट में चैलेंज किया गया है। संजौली मस्जिद से ही पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए। उन्होंने अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच बीते 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। 13 सितंबर को वक्फ बोर्ड ने भी इसे गिराने की पेशकश की। मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की एप्लिकेशन को आधार बनाते हुए एमसी आयुक्त ने मस्जिद की अवैध तीन मंजिल गिराने के आदेश दिए। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए।

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