हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन:राज्यपाल के अभिभाषण पर तपेगा सदन; आज शिक्षा विभाग से जुड़े सवाल गूंजेंगे
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज भी राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में तपिश देखने को मिल सकती है। बीते कल भी अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर कई बार आमने-सामने हुए। सत्तापक्ष के विधायक राज्यपाल के अभिभाषण की सराहना कर रहे हैं, जबकि विपक्ष सरकार पर अभिभाषण के रूप में झूठ परोसने के आरोप लगा रहा है। इससे पहले विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी। सदन में आज ज्यादातर सवाल शिक्षा विभाग से जुड़े हुए गूंजेंगे। इलेक्ट्रिक बसों की खरीद से जुड़े सवाल पर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। यह सवाल नयना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने पूछा है। विनोद सुल्तानपुरी ने वेस्ट मटीरियल की डिस्पोजल से जुड़ा सवाल पूछा है। सुधीर शर्मा ने पूछा समग्र शिक्षा से जुड़ा सवाल बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र से मिली राशि से जुड़ा सवाल पूछा है। इस सवाल पर सुधीर शर्मा सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। जीरो ऑवर्ज में मुद्दे उठाएंगे विधायक प्रश्नकाल के बाद जीरी ऑवर्ज होगा। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपने अपने चुनाव क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाएंगे। हिमाचल विधानसभा में जीरो ऑवर्ज की परंपरा विंटर सत्र में ही शुरू की गई है। 28 मार्च तक चलेगा बजट सत्र हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। CM सुक्खू 17 मार्च को आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगे। 26 मार्च को बजट पारित होगा।

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन: राज्यपाल के अभिभाषण पर तपेगा सदन
हिमाचल प्रदेश की विधानसभा का बजट सत्र अपने तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। आज का दिन खास रूप से राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा के लिए समर्पित है। यह अभिभाषण न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रदेश के विकास और प्रशासनिक नीतियों को भी दर्शाता है।
राज्यपाल का अभिभाषण और उसके प्रभाव
राज्यपाल का अभिभाषण विधानसभा के सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें प्रदेश की स्थिति, विकास कार्य, और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होती है। बुधवार को जब सदन में चर्चा शुरू होगी, तो विभिन्न राजनीतिक दल अपने विचार रखेंगे और सरकार की नीतियों की आलोचना या समर्थन करेंगे। इस अभिभाषण का असर सीधे तौर पर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास पर पड़ेगा।
शिक्षा विभाग से जुड़े सवालों की गूंज
आज के सत्र में शिक्षा विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए जाने की उम्मीद है। शिक्षा प्रणाली में सुधार, सरकारी स्कूलों की स्थिति, और विद्यार्थियों की आउटडोर गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए विधायक तैयार हैं। इसके अलावा, प्रदेश के छात्राओं के लिए नई योजनाओं को लेकर भी प्रश्न पूछे जाएंगे। असल में, शिक्षा का स्तर सुधारना ही प्रदेश की प्राथमिकताओं में शामिल है।
उपरोक्त मुद्दों पर विपक्ष की भूमिका
विपक्षी दल आज राज्य सरकार पर सवाल उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। शिक्षा विभाग की समस्याओं और बजट आवंटन में पारदर्शिता पर कई सवाल उठाए जाएंगे। साथ ही, विपक्ष ने प्रस्तावित योजनाओं पर भी ध्यान देने का इरादा किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विधानसभा के इस सत्र में विपक्ष की सक्रियता का बड़ा महत्व है।
हालाँकि, सदन का यह सत्र केवल चर्चा का स्थान नहीं है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के भविष्य के लिए दिशा तय करने का एक अवसर भी है। सभी विधायकों को चाहिए कि वे खुले मन से विचार-विमर्श करें और प्रदेश की भलाई के लिए सही निर्णय लें।
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