अखिलेश बोले-मिल्कीपुर में गुजरात वालों से बचकर रहिए:अयोध्या में किसानों की जमीन छीनी जा रही; सीएम को दोनों डिप्टी सीएम को स्नान कराने ले जाना चाहिए
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- मिल्कीपुर में गुजरात वाले से बचकर रहना चाहिए। अयोध्या में किसानों की जमीन छीनी जा रही है। जहां आश्रम बनने चाहिए, वहां होटल बन रहे हैं। अखिलेश ने सीएम योगी पर तंज कसा। कहा- दोनों डिप्टी सीएम को और मुख्यमंत्री को हम हाथ पकड़कर ले जाएंगे और सरयू में डुबकी लगवाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा, "भाजपा के लोग जानते हैं कि भाजपा उनकी सगी नहीं है। किसानों का सब कुछ छीना जा रहा है। कई पीढ़ियों से लोग यहां रह रहे हैं, लेकिन सरकार जानबूझकर उनकी जमीनें छीन रही है। सरकार सस्ते में जमीन लेकर मुनाफे के लिए जबरदस्ती कब्जा कर रही है। किसानों को बाजार दर पर मुआवजा मिलना चाहिए। अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाया जाना चाहिए, लेकिन लोगों को उजाड़कर नहीं। अगर सरकार को 6 गुना मुआवजा देना पड़े तो उसे देना चाहिए। सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती, तो हमारी सरकार बनने पर हम यह करेंगे। जहां आश्रम बनने चाहिए, वहां होटल के लिए जमीन ली जा रही है। क्या बिना बार के 5-स्टार होटल बन सकता है? अगर समाजवादी पार्टी को मौका मिलेगा, तो अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाया जाएगा। यहां से बैठकर मुख्यमंत्री अन्याय कर रहे हैं। हमने जिस भवन को वर्ल्ड क्लास बनाया था, उसमें बैठकर वे काम कर रहे हैं। भाजपा सरकार ऐसी एक भी इमारत नहीं बना पाई। मिल्कीपुर में पीडीए के प्रतिनिधि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं। देश का सबसे बड़ा चुनाव मिल्कीपुर में होने जा रहा है। यह चुनाव जरूर देखने जाना चाहिए। ऐसे चुनावों की स्टडी की जानी चाहिए। चुनाव पारदर्शी हो और सरकार को निष्पक्ष चुनाव का उदाहरण पेश करना चाहिए। सच यह है कि मिल्कीपुर में भाजपा के पैर उखड़ते नजर आ रहे हैं। हमारी रणनीति की चर्चा प्रेस में न करें, वरना पुलिस कार्रवाई कर सकती है। भाजपा को हराने के लिए किसान, युवा, महिलाएं और व्यापारी पूरी तरह तैयार हैं। इस बार चुनाव में भाजपा की बड़ी हार होगी। विधानसभा और लोकसभा में आपकी बात रखी जाएगी। समाजवादी पार्टी किसानों के लिए लड़ाई लड़ेगी। अगर हमारी सरकार बनी, तो सर्किल रेट पर मुआवजा दिया जाएगा। अयोध्या की ज्यादातर रजिस्ट्री भाजपा के नेताओं के नाम पर क्यों हो रही है? समाजवादी पार्टी बिजली के प्राइवेटाइजेशन के पक्ष में नहीं है। भाजपा के प्रत्याशियों को लेकर कहा गया है, 'गुजरात के लोगों से सावधान रहें।' हमने लखनऊ में बाजार दर पर मुआवजा दिया था। भाजपा को भगवान राम भी माफ नहीं करेंगे। हमारे द्वारा बनाए गए रास्तों पर ही भाजपा चल रही है। कुंभ मेले में हर खंभे पर पीडीए का नाम लिखा था। प्रभु राम ने यह कराया था। लेकिन भाजपा को यह पसंद नहीं आया, इसलिए इसे हटवा दिया। लैंड पुलिंग के लिए भी सरकार की कोई ठोस नीति नहीं है। सैफ अली खान के स्वास्थ्य की शुभकामनाएं देता हूं। उन्हें बेहतर इलाज मिलना चाहिए। घटना क्यों हुई, इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए। सरकारी आंकड़े फर्जी हैं। गोरखपुर की ट्रेनें खाली जा रही हैं।"

अखिलेश बोले-मिल्कीपुर में गुजरात वालों से बचकर रहिए
अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने एक बयान में मिल्कीपुर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि यहां गुजरात से आए लोगों से बचकर रहने की आवश्यकता है। उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब अयोध्या में किसानों की जमीनें अधिग्रहित की जा रही हैं। यह स्थिति स्थानीय किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है और अखिलेश का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही है।
किसानों की जमीन पर बढ़ता संकट
अयोध्या में कृषि भूमि के सही इस्तेमाल और किसानों की संपत्ति के प्रति संवेदनशीलता का अभाव देखने को मिल रहा है। अखिलेश यादव ने किसानों की जमीनों को लेकर हो रही समस्याओं पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि किसानों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है और यह एक गंभीर मामला है। इस प्रक्रिया से प्रभावित किसानों की मदद के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिएं।
सीएम को क्या कदम उठाने चाहिए
अखिलेश का सुझाव है कि मुख्यमंत्री को दोनों डिप्टी सीएम को स्नान कराने ले जाना चाहिए, जिससे वे इस गंभीर मुद्दे की ज़िम्मेदारी और स्थान की वास्तविकता को समझ सकें। किसानों की मुसीबतों को समझना और उन्हें उचित समाधान प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उनके अनुसार, केवल शारीरिक रूप से उपस्थित होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि कार्रवाई भी जरूरी है।
स्थानीय राजनीति और उसके प्रभाव
स्थानीय राजनीति के कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि किसानों के पक्ष में स्पष्ट नीतियों की आवश्यकता है। ताकि उनके हक और संसाधनों की रक्षा हो सके। इस मामले में राज्य के नेतृत्व को ध्यान देना होगा ताकि किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इस सब के बीच, अखिलेश यादव ने स्पष्टता से मुद्दे को उठाया है, जो सीधे तौर पर किसी भी सरकार के लिए एक चुनौती है। किसानों का अधिकार और उनकी भूमि की सुरक्षा एक संवेदनशील विषय है, जिस पर गंभीरता से चर्चा की जानी चाहिए।
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