अमेरिका में विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लगेगा:ट्रम्प के फैसले से अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट; कनाडाई PM बोले- यह हम पर सीधा हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को विदेशों से आयात होने वाली कारों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रम्प का दावा है कि इस कदम से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। व्हाइट को उम्मीद है कि इससे राजस्व में सालाना 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी। इसे 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा। अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी जनरल मोटर्स के शेयर में बुधवार को 3% की गिरावट हुई। वहीं जीप और क्रिसलर की मालिक कंपनी स्टेलांटिस के शेयर भी लगभग 3.6% गिर गए। ट्रम्प का तर्क है कि इससे अमेरिका में नए कारखाने खुलेंगे। कनाडा और मेक्सिको में बनने वाले अलग-अलग ऑटो पार्ट्स और तैयार वाहन, अब अमेरिका में ही बन पाएंगे। ट्रम्प ने कहा है कि उनका ये फैसला स्थायी है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रम्प के टैरिफ लगाने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह हम एक सीधा हमला है, हम अपने वर्कर्स और कंपनियों की रक्षा करेंगे। अमेरिका में कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में नई कारों की औसत कीमत पहले से ही लगभग 49,000 अमेरिकी डॉलर है। अगर नए टैरिफ लागू होते हैं उनका भार ग्राहकों पर डाल दिया जाता है तो इससे आयात होने वाली कारों की कीमत 12500 डॉलर बढ़ सकती है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक इस टैरिफ से वाहन निर्माताओं की लागत बढ़ सकती है और बिक्री में गिरावट आ सकती है। अमेरिकी कार कंपनियां अपने कई ऑटो पार्ट्स दूसरे देशों से आयात करती हैं। यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डर लियेन ने भी अमेरिका के फैसले पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि टैरिफ व्यवसायों के लिए बुरे और ग्राहकों के लिए और भी बुरे होते हैं। ट्रम्प 2 अप्रैल से सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ लगाएंगे डोनाल्ड ट्रम्प 2 अप्रैल से भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प ने इसी महीने संसद में दिए भाषण में कहा था कि भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देश अमेरिका के मुकाबले में बहुत ज्यादा टैरिफ लगाकर अमेरिका को धोखा दे रहे हैं। दूसरे देशों की तरह ही आयात कर लगाने से निष्पक्ष व्यापार होगा और अमेरिकी सरकार में कमाई में बढ़ोतरी होगी। अगर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया तो इससे नुकसान होगा। भारत अपना 17% से ज्यादा विदेशी व्यापार अमेरिका से करता है। अमेरिका, भारत के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स जैसे फल और सब्जियों का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 1990-91 तक औसत टैरिफ 125% तक था। उदारीकरण के बाद यह कम होता चला गया। 2024 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट 11.66 % था। ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद भारत सरकार ने टैरिफ रेट में बदलाव किया। द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने टैरिफ के 150%, 125% और 100% वाली दरों को खत्म कर दिया है। अब भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ रेट 70% है। भारत में लग्जरी कार पर 125% टैरिफ था, अब यह 70% कर दिया गया है। ऐसे में साल 2025 में भारत का एवरेज टैरिफ रेट घटकर 10.65% हो चुका है। आमतौर पर सभी देश टैरिफ लगाते हैं। किसी देश में इसका रेट कम और किसी में ज्यादा हो सकता है। हालांकि, बाकी देशों से तुलना की जाए तो भारत सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। पूरी खबर यहां पढ़ें... -------------------------------------- ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प बोले- 2 अप्रैल से भारत पर 100% टैरिफ लगाएंगे:अमेरिकी संसद में दिए पहले भाषण में ऐलान; पाकिस्तान को शुक्रिया कहा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल से भारत पर जैसा को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 27, 2025 - 08:59
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अमेरिका में विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लगेगा:ट्रम्प के फैसले से अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट; कनाडाई PM बोले- यह हम पर सीधा हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को विदेशों से आयात होने वाली कारों पर 25% टैरिफ लगाने

अमेरिका में विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लगेगा

हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो भारतीय एवं अन्य विदेशी निर्माताओं के लिए गंभीर परिणाम पैदा कर सकता है। यह न केवल अमेरिकी ऑटो उद्योग के लिए, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है। इस समाचार के अलगे, अमेरिका का शेयर बाजार भी इस घोषणा के बाद गिरावट का सामना कर रहा है।

ट्रम्प के फैसले का असर

ट्रम्प के इस फैसले का अमेरिका के वित्तीय बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। निवेशकों में चिंता बढ़ गई है कि इससे व्यापार युद्ध और संबंधित मुद्दे खड़े हो सकते हैं। अमेरिका के प्रमुख शेयर सूचकांकों ने इस टैरिफ की घोषणा के बाद तेजी से गिरावट का रुख किया है, जिससे निवेशकों में अस्थिरता का माहौल बन रहा है।

कनाडाई पीएम का प्रतिक्रिया

कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस निर्णय को 'हमारे ऊपर सीधा हमला' बताया है। उन्होंने कहा है कि यह न केवल कनाडाई अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा, बल्कि यह अमेरिका और कनाडा के बीच के व्यापार संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में, कनाड़ा विदेश व्यापार रणनीतिक विकल्पों पर विचार कर रहा है।

फिर एक बार व्यापार युद्ध की संभावना

इस फैसले से साफ पता चलता है कि अमेरिका वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, ऐसे कदमों से व्यापार युद्ध की अनहोनी भी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह निर्णय अन्य देशों को भी टैरिफ लगाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे व्यापार में असंतुलन बढ़ने की संभावना है।

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार पर इस घटनाक्रम की नजर रखने की जरूरत है। यह स्थिति कैसे विकसित होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। News by indiatwoday.com Keywords: अमेरिका में विदेशी कारों पर 25% टैरिफ, ट्रम्प फैसले से शेयर बाजार में गिरावट, कनाडाई पीएम प्रतिक्रिया, व्यापार युद्ध, अमेरिकी ऑटो उद्योग, विदेशी कारों पर टैरिफ, आर्थिक प्रभाव, निवेशक चिंताएं, अमेरिकी वित्तीय बाजार, वैश्विक व्यापार政策.

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