अयोध्या में हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास:1.25 लाख का जुर्माना, प्रेमिका के लिए किया था युवक का मर्डर

महाराजगंज थाना क्षेत्र के प्रवेश पाल हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिला जज रणंजय वर्मा की अदालत ने राम बिहारी उर्फ मनीष और उसके साथी अकरम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की आधी रकम मृतक के परिवार को दी जाएगी। घटना 1 जून 2018 की है। प्रवेश पाल सब्जी खरीदने के लिए बाइक से निकला था। रात 9 बजे तक घर नहीं लौटने पर परिवार ने फोन किया। उसने दोस्त के घर होने की बात कही। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। दो दिन बाद 3 जून को उसकी लाश जमीन में दफन मिली। जांच में सामने आया कि प्रवेश पाल का अंबेडकर नगर की एक युवती से प्रेम संबंध था। घटना के तीन महीने पहले राम बिहारी भी युवती से बातचीत करने लगा था। युवती से नजदीकी बढ़ाने के लिए राम बिहारी ने अपने दोस्त अकरम के साथ मिलकर साजिश रची। दोनों प्रवेश पाल को दिलासीगंज बाजार के रास्ते उनियार घाट से नदी पार कर विशेश्वरगंज ले गए। वहां शराब और कोल्ड ड्रिंक खरीदी। स्प्राइट की बोतल में शराब मिलाकर प्रवेश को पिला दी। नशे में धुत होने पर चाकू से उसका गला रेत दिया। लाश को माझा नदी के किनारे दफना दिया। पुलिस ने राम बिहारी को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर मृतक की बाइक बरामद की। उसी के बयान पर अकरम को भी पकड़ा गया। पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया गया था। कोर्ट ने सुनाई के दौरान दोनों को दोषी पाते हुए दोनों को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माना लगाते हुए जेल भेज दिया है।

Mar 27, 2025 - 08:00
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अयोध्या में हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास:1.25 लाख का जुर्माना, प्रेमिका के लिए किया था युवक का मर्डर
महाराजगंज थाना क्षेत्र के प्रवेश पाल हत्याकांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिला जज रणंजय

अयोध्या में हत्या के दो दोषियों को आजीवन कारावास: 1.25 लाख का जुर्माना

अयोध्या में एक सुनियोजित हत्या मामले में दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह हत्या एक युवक की प्रेमिका के लिए की गई थी, जिसने पूरे मामले को और जटिल बना दिया। न्यायालय ने दोषियों पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। जानिए इसके पीछे की कहानी और न्यायालय के फैसले की पूरी जानकारी।

मामले की पृष्ठभूमि

बताया जा रहा है कि इस हत्या का कारण एक प्रेम त्रिकोण था। युवक ने अपनी प्रेमिका को छोड़ने का निर्णय लिया था, जिसके कारण दुश्मनी बढ़ी और उसकी हत्या कर दी गई। अयोध्या की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ सबूत एकत्रित किए गए और मामले की सुनवाई शुरू हुई।

जागरण और सुरक्षा

इस मामले ने अयोध्या में कानून व्यवस्था को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है। स्थानीय नागरिकों में भय और असुरक्षा की भावना बनी हुई है। न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले को एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि अपराधियों को कड़ी सजा मिलेगी। इस फैसले के बाद, अयोध्या पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।

न्यायालय के फैसले का महत्व

न्यायालय का यह निर्णय न केवल इस हत्या मामले में बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी एक सकारात्मक कदम है। यह दिखाता है कि न्यायालय ऐसे मामलों को गंभीरता से लेता है और अपराधियों को सजा देता है। इस फैसले से यह भरोसा भी बढ़ा है कि समाज में अपराधियों का कोई स्थान नहीं है।

इस तरह के मामलों में न्याय की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो। न्यायालय और पुलिस को मिलकर काम करना चाहिए और समाज में कानून व्यवस्था को बनाए रखना चाहिए।

अयोध्या में हुई इस घटना ने सभी के मन में एक नए सवाल को उठाया है। क्या समाज में प्रेम की परिभाषा केवल भौतिकता पर आधारित है? इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

सारांश में, अयोध्या में हुई इस हत्या के मामले ने न्यायालय और पुलिस के कामकाज पर सवाल उठाए हैं और उम्मीद जताई है कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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