रुचिवीरा ने आजम-अतीक के लिए मांगा इंसाफ:बोलीं- इन्हें खास मजहब से होने की सजा दी गई;यूपी में एक वर्ग टारगेट पर
गणतंत्र दिवस के अवसर पर जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में सपा सांसद रुचि वीरा ने मंच से अतीक अहमद और उसके भाई की पुलिस कस्टडी में गोली मारने की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज तक इस मामले में किसी को सजा नहीं मिली है और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा, रुचि वीरा ने मोहम्मद आजम खान का जिक्र करते हुए कहा कि क्या वे चोर या डकैत हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मोहम्मद आजम खान को सिर्फ एक खास मजहब का होने की वजह से परेशान करने की नीयत से सजा दी जा रही है? उन्होंने कहा कि यह एक मजहब के लोगों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है और यह बहुत ही गलत है। रुचि वीरा ने आगे कहा कि हमें मिलकर इस लड़ाई को लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हम विश्व गुरु बनने की बात करते हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब हम एक साथ मिलकर चलेंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या शहरों के नाम बदलने से या एयरपोर्ट का नाम बदलने से कुछ हासिल होगा? उन्होंने कहा कि हमें वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और समाज के लिए काम करना चाहिए। इसके अलावा, रुचि वीरा ने यूपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मजहब के नाम पर मॉब लिंचिंग हो रही है और एक वर्ग विशेष को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में भी एक युवक को भीड़ ने मार दिया। लेकिन, इसमें अभी तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हमें इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

रुचिवीरा की मांग
रुचिवीरा, जो एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आजम खान और अतीक अहमद के लिए इंसाफ की मांग की। उन्होंने कहा कि इन दोनों व्यक्तियों को उनके खास मजहब के कारण टारगेट बनाया गया है। उनके अनुसार, यह एक स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे समाज में भेदभाव और पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है।
कानूनी कारवाई का संदर्भ
रुचिवीरा ने यह भी कहा कि कानून के दायरे में सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलना अनिवार्य है। उन्हें विश्वास है कि न्यायालय में इस मामले को उचित रूप से सुना जाएगा। यद्यपि न्यायपालिका पर भरोसा करना जरूरी है, उन्होंने समाज में बातचीत और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
यूपी के वर्तमान हालात
इस वाक्य में, यूपी में एक वर्ग के प्रति भेदभाव और टारगेटिंग का मुद्दा उभरकर सामने आता है। रुचिवीरा का मानना है कि यह केवल व्यक्तिगत मामलों की बात नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक संकट का हिस्सा है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे संवेदनशील मामलों का जिक्र करते हुए समाजिक एकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
समाज में जागरूकता का महत्व
उनका कहना है कि समाज को जागरूक होना चाहिए और ऐसे मामलों में खड़े होने की आवश्यकता है, ताकि पहले से हुई भेदभाव की घटनाओं के खिलाफ सही कार्रवाई की जा सके। उनका सपना है कि एक ऐसा भारत हो, जहां हर नागरिक को समान अधिकार मिले।
भविष्य की दिशा
रुचिवीरा की बातों ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि कैसे समाज में भेदभाव की घटनाओं का उन्मूलन किया जाए। समाज में सहिष्णुता और समझ बढ़ाने के प्रयासों की आवश्यकता है। Keywords: रुचिवीरा इंसाफ, आजम खान अतीक अहमद, यूपी टारगेटिंग, मजहब भेदभाव, सामाजिक कार्यकर्ता, न्यायपालिका, समाजिक एकता, सामाजिक जागरूकता, कानून के अधिकार, भारत में भेदभाव.
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