इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में 8K तकनीक का आगाज:मंत्री बोले-खगोलीय विज्ञान को नई ऊंचाई; हर मंडल को डिजिटल तकनीकों से जोड़ा जाएगा
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ को अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों से सुसज्जित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने यहां नए 8K डिजिटल उपकरणों और नैनोसीम डोम का उद्घाटन किया। अब यह नक्षत्रशाला खगोलीय विज्ञान, भौतिकी, और अन्य विज्ञान शाखाओं को एक नई दृष्टि प्रदान करेगी। अब दिखेगा 10,000 वर्षों का खगोलीय इतिहास नक्षत्रशाला में अब ऐसा सॉफ़्टवेयर स्थापित किया गया है, जो रात्रि आकाश के 10,000 वर्ष पीछे और आगे तक का आभास कराएगा। इस तकनीक के जरिए खगोलीय पिंडों की स्थिति और उनके वैज्ञानिक महत्व को समझाने वाले शो तैयार किए जा सकेंगे। ये शो 3D और 2D दोनों प्रारूपों में चलाए जाएंगे। शिक्षा और मनोरंजन का नया केंद्र बनेगी नक्षत्रशाला इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला अब केवल खगोल विज्ञान तक सीमित नहीं रहेगी। यहां भौतिकी, जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और कला जैसे विषयों से जुड़े प्रस्तुतीकरण भी दिखाए जाएंगे। नक्षत्रशाला में स्थापित अत्याधुनिक साउंड सिस्टम और खगोलकी प्रदर्शनी इसे एक आकर्षक शैक्षणिक केंद्र बना देंगे। प्रदेश के हर मंडल में होगी नक्षत्रशाला की स्थापना उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि आगरा, वाराणसी, बरेली और बांदा में विज्ञान पार्क और नक्षत्रशाला की स्थापना की जाएगी। साथ ही, गाजियाबाद में मिनी साइंस पार्क पहले से संचालित है। भविष्य में प्रदेश के सभी मंडलों में ऐसे केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मंत्री के निर्देश: अनिल कुमार ने नक्षत्रशाला के संचालन को जल्द से जल्द जनता के लिए खोले जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, उन्होंने इसे ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने और विद्यार्थियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया।यह पहल न केवल खगोलीय विज्ञान को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रदेश में विज्ञान के प्रति छात्रों और आम नागरिकों की रुचि भी बढ़ाएगी।
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