इस बार खास होगा अयोध्या में भगवान श्रीराम का विवाहोत्सव:6 दिसंबर को 12 मंदिरों से धूमधाम से निकलेगी रामाबारात,शामिल होंगे 2 लाख से ज्यादा भक्त

राम जन्म भूमि में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी है। राम नगरी के अलग-अलग मंदिरों से 6 दिसंबर को राम बारात निकाली जाएगी। विवाह पंचमी का मुहूर्त 6 दिसंबर को ही पड़ रहा है, अयोध्या के लिए यह तिथि बेहद खास मानी जाती है. मठ मंदिरों में यह उत्सव मनाया जाएगा. अयोध्या के संत-महंत दशरथ, जनक और महर्षि की भूमिका में नजर आएंगे। उत्सव की तैयारियां हर ओर तेज हैं। विवाह के कार्ड मंदिरों में बंटने लगे हैं। रामनगरी के चुनिंदा मंदिरों में राम विवाहोत्सव पूरे भाव-चाव से मनाया जाता है।इसमें दशरथ महल,लक्ष्मण किला,विअहुति भवन,रंग महल,राम हर्षण कुंज,कनक भवन,jरामसखी मंदिर और जानकी महल आदि प्रमुख हैं।श्रीरामवलभाकुंज में बारात नहीं निकलती पर विवाह का उत्सव और रामकलेवा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्री जानकी महल ट्रस्ट में मिथिला पद्धति से विवाहोत्सव मनाया जाता है। यहां पर भगवान राम को दुल्हा सरकार और किशोरी जी को बेटी माना जाता है। श्री जानकी महल ट्रस्ट का सीताराम विवाहोत्सव देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है। यहां की विवाहोत्सव सुप्रसिद्ध है। जो अपने आप में अद्वितीय है। दुल्हा सरकार श्रीराम व किशोरी जी के लिए ट्रस्ट ने जयपुर के रुकमण ज्वेलर्स से विशेष आभूषण बनवाए रामनगरी के कनक भवन, लक्ष्मणकिला, हनुमान बाग, दशरथ राजमहल बड़ा स्थान रसमोद कुंज रंग महल विअहुती भवन आदि का विवाहोत्सव देखने के लिए लोग आतुर रहते है।जानकी महल ट्रस्ट में सीता के बिना श्रीराम की कल्पना तक नहीं की जाती है और ऐसे में श्रीराम एवं सीता के मिलन के महापर्व पर यहां उत्सव का चरम परिलक्षित होता है।इस बार यह उत्सव और भी खास होने जा रहा है। दिल्ली की मशहूर रामलीला जो प्राण प्रतिष्ठा के समय रामलला के सम्मुख लीला कर चुकी है। वही लीला इस बार राम विवाह में जानकी महल की शोभा बढ़ायेगी। दुल्हा सरकार व किशोरी जी के लिए ट्रस्ट ने जयपुर के रुकमण ज्वेलर्स से विशेष आभूषण बनवाएं है जो विवाह उत्सव पर युगल सरकार को समर्पित किया जायेगा। वाराणसी का चाट और कोलकोता की प्रसिद्ध चाय से बारातियों की सेवा वर पक्ष व वधू पक्ष मिलाकर करीब 1 हजार लोगो के लिए खानेपीने की विशेष व्यवस्था ट्रस्ट ने कराई है। बनारस की मशहूर चाट जो उघोगपति अंबानी परिवार के विवाह की सेवा दे चुके है बनारस की काशी चाट भंडार इस बार भगवान राम की बारातियों की सेवा में शामिल होगा साथ ही कलकत्ता का चाय टोस्ट व कानपुर की दूध सभी का सभी लोग लुफ्त उठायेंगे। वर पक्ष की अगुवाई दिल्ली के मुरारी लाल अग्रवाल करेंगे तो वधू पक्ष जानकी महल ट्रस्ट दुल्हा सरकार व बारातियों की सेवा करेगा। तो वही करीब हजार लोगों को वस्त्र, कंबल, राशन व ऊनी कपड़े भेंट किये जायेंगे। 3 दिसंबर मंगलवार की प्रथम बेला में रामार्चा महायज्ञ से आरंभ हो जाएगा महोत्सव विवाहोत्सव का केंद्र जानकीमहल ट्रस्ट तैयारियों के साथ ही उत्सव के आगोश में डूबता जा रहा है। यहां उत्सव का आगाज 3 दिसंबर मंगलवार की प्रथम बेला में रामार्चा महायज्ञ एवं सायं रामलीला की प्रस्तुति तथा गणेश पूजन से शुरु हो गया। बुधवार को फुलवारी सायं विवाहगीत एवं रामलीला की प्रस्तुति संयोजित है। जानकी महल में राम विवाहोत्सव की रस्म किस प्रामाणिकता से मनायी जाती है। इसे हल्दात तिलक मेंहदी बिनौरी नेग न्यौछावरी नेग घुड़चढ़ी बरात प्रस्थान वैवाहिक कार्यक्रम और विवाहोत्सव के अगले दिन छप्पन भोग तथा कुंवर कलेवा के आयोजनों से समझा जा सकता है। सीताराम विवाह जीवन में प्रतिपल प्रेरित होने का दिव्य सूत्र है-आदित्य सुल्तानियां उत्सव को लेकर निमंत्रण पत्रिका छापी गई है जो विशिष्ट लोगों को वितरण की जा रही है। जिसमें स्वागताकांक्षी श्री जानकी महल ट्रस्ट एवं भक्त गण है। जानकीमहल के ट्रस्टी समाजसेवी आदित्य सुल्तानिया के अनुसार सीता-राम विवाह हमारे लिए अतीत का घटनाक्रम ही नहीं बल्कि जीवन में प्रतिपल प्रेरित होने का दिव्य सूत्र है और इस आयोजन में हम कोई कसर नहीं छोड़े रखना चाहते। राम विवाहोत्सव के दौरान जानकीमहल में फुलवारी की प्रस्तुति आकर्षण की सबब होती है। जानकी महल के मुख्य आगार के सम्मुख स्थापित मनोहारी फुलवारी को जनकपुर की उस फुलवारी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। जहां त्रेता में श्रीराम और सीता का पहली बार आमना-सामना हुआ था। इस मौके पर रामनगरी के प्रतिनिधि चुनिंदा संत धर्माचार्य भी आमंत्रित होते हैं जो श्रीराम के प्रसंग का आस्वाद ही नहीं लेते बल्कि अपनी वेश-भूषा और ध्यानियों जैसी भाव-भंगिमा से श्रीराम के गुरु तथा संरक्षक-मार्गदर्शक के रूप में ऋषि विश्वामित्र की याद भी दिलाते हैं। जानकी महल के ट्रस्टी आदित्य सुल्तानियां बताते हैं कि यह स्थान किशोरी जी का मायका माना जाता है। राम जी को दूल्हा और किशोरी जी को बेटी मानकर वर्ष में एक बार जानकी महल की दहलीज विग्रह को पार कराया जाता है। बता दें कि गणेश भगवान को न्योता भेजकर विवाह उत्सव शुरू हो गया है।कार्यक्रम को सफल बनाने में ट्रस्टी दिलीप सुल्तानिया, नीता सुल्तानिया, अरुण सुल्तानिया समेत पूरा जानकी महल परिवार लगा हुआ है।

Nov 24, 2024 - 12:35
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इस बार खास होगा अयोध्या में भगवान श्रीराम का विवाहोत्सव:6 दिसंबर को 12 मंदिरों से धूमधाम से निकलेगी रामाबारात,शामिल होंगे 2 लाख से ज्यादा भक्त
राम जन्म भूमि में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी है। राम नगरी के अलग-अलग मंदिरों से 6 दिसंबर को राम बारात निकाली जाएगी। विवाह पंचमी का मुहूर्त 6 दिसंबर को ही पड़ रहा है, अयोध्या के लिए यह तिथि बेहद खास मानी जाती है. मठ मंदिरों में यह उत्सव मनाया जाएगा. अयोध्या के संत-महंत दशरथ, जनक और महर्षि की भूमिका में नजर आएंगे। उत्सव की तैयारियां हर ओर तेज हैं। विवाह के कार्ड मंदिरों में बंटने लगे हैं। रामनगरी के चुनिंदा मंदिरों में राम विवाहोत्सव पूरे भाव-चाव से मनाया जाता है।इसमें दशरथ महल,लक्ष्मण किला,विअहुति भवन,रंग महल,राम हर्षण कुंज,कनक भवन,jरामसखी मंदिर और जानकी महल आदि प्रमुख हैं।श्रीरामवलभाकुंज में बारात नहीं निकलती पर विवाह का उत्सव और रामकलेवा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्री जानकी महल ट्रस्ट में मिथिला पद्धति से विवाहोत्सव मनाया जाता है। यहां पर भगवान राम को दुल्हा सरकार और किशोरी जी को बेटी माना जाता है। श्री जानकी महल ट्रस्ट का सीताराम विवाहोत्सव देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है। यहां की विवाहोत्सव सुप्रसिद्ध है। जो अपने आप में अद्वितीय है। दुल्हा सरकार श्रीराम व किशोरी जी के लिए ट्रस्ट ने जयपुर के रुकमण ज्वेलर्स से विशेष आभूषण बनवाए रामनगरी के कनक भवन, लक्ष्मणकिला, हनुमान बाग, दशरथ राजमहल बड़ा स्थान रसमोद कुंज रंग महल विअहुती भवन आदि का विवाहोत्सव देखने के लिए लोग आतुर रहते है।जानकी महल ट्रस्ट में सीता के बिना श्रीराम की कल्पना तक नहीं की जाती है और ऐसे में श्रीराम एवं सीता के मिलन के महापर्व पर यहां उत्सव का चरम परिलक्षित होता है।इस बार यह उत्सव और भी खास होने जा रहा है। दिल्ली की मशहूर रामलीला जो प्राण प्रतिष्ठा के समय रामलला के सम्मुख लीला कर चुकी है। वही लीला इस बार राम विवाह में जानकी महल की शोभा बढ़ायेगी। दुल्हा सरकार व किशोरी जी के लिए ट्रस्ट ने जयपुर के रुकमण ज्वेलर्स से विशेष आभूषण बनवाएं है जो विवाह उत्सव पर युगल सरकार को समर्पित किया जायेगा। वाराणसी का चाट और कोलकोता की प्रसिद्ध चाय से बारातियों की सेवा वर पक्ष व वधू पक्ष मिलाकर करीब 1 हजार लोगो के लिए खानेपीने की विशेष व्यवस्था ट्रस्ट ने कराई है। बनारस की मशहूर चाट जो उघोगपति अंबानी परिवार के विवाह की सेवा दे चुके है बनारस की काशी चाट भंडार इस बार भगवान राम की बारातियों की सेवा में शामिल होगा साथ ही कलकत्ता का चाय टोस्ट व कानपुर की दूध सभी का सभी लोग लुफ्त उठायेंगे। वर पक्ष की अगुवाई दिल्ली के मुरारी लाल अग्रवाल करेंगे तो वधू पक्ष जानकी महल ट्रस्ट दुल्हा सरकार व बारातियों की सेवा करेगा। तो वही करीब हजार लोगों को वस्त्र, कंबल, राशन व ऊनी कपड़े भेंट किये जायेंगे। 3 दिसंबर मंगलवार की प्रथम बेला में रामार्चा महायज्ञ से आरंभ हो जाएगा महोत्सव विवाहोत्सव का केंद्र जानकीमहल ट्रस्ट तैयारियों के साथ ही उत्सव के आगोश में डूबता जा रहा है। यहां उत्सव का आगाज 3 दिसंबर मंगलवार की प्रथम बेला में रामार्चा महायज्ञ एवं सायं रामलीला की प्रस्तुति तथा गणेश पूजन से शुरु हो गया। बुधवार को फुलवारी सायं विवाहगीत एवं रामलीला की प्रस्तुति संयोजित है। जानकी महल में राम विवाहोत्सव की रस्म किस प्रामाणिकता से मनायी जाती है। इसे हल्दात तिलक मेंहदी बिनौरी नेग न्यौछावरी नेग घुड़चढ़ी बरात प्रस्थान वैवाहिक कार्यक्रम और विवाहोत्सव के अगले दिन छप्पन भोग तथा कुंवर कलेवा के आयोजनों से समझा जा सकता है। सीताराम विवाह जीवन में प्रतिपल प्रेरित होने का दिव्य सूत्र है-आदित्य सुल्तानियां उत्सव को लेकर निमंत्रण पत्रिका छापी गई है जो विशिष्ट लोगों को वितरण की जा रही है। जिसमें स्वागताकांक्षी श्री जानकी महल ट्रस्ट एवं भक्त गण है। जानकीमहल के ट्रस्टी समाजसेवी आदित्य सुल्तानिया के अनुसार सीता-राम विवाह हमारे लिए अतीत का घटनाक्रम ही नहीं बल्कि जीवन में प्रतिपल प्रेरित होने का दिव्य सूत्र है और इस आयोजन में हम कोई कसर नहीं छोड़े रखना चाहते। राम विवाहोत्सव के दौरान जानकीमहल में फुलवारी की प्रस्तुति आकर्षण की सबब होती है। जानकी महल के मुख्य आगार के सम्मुख स्थापित मनोहारी फुलवारी को जनकपुर की उस फुलवारी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। जहां त्रेता में श्रीराम और सीता का पहली बार आमना-सामना हुआ था। इस मौके पर रामनगरी के प्रतिनिधि चुनिंदा संत धर्माचार्य भी आमंत्रित होते हैं जो श्रीराम के प्रसंग का आस्वाद ही नहीं लेते बल्कि अपनी वेश-भूषा और ध्यानियों जैसी भाव-भंगिमा से श्रीराम के गुरु तथा संरक्षक-मार्गदर्शक के रूप में ऋषि विश्वामित्र की याद भी दिलाते हैं। जानकी महल के ट्रस्टी आदित्य सुल्तानियां बताते हैं कि यह स्थान किशोरी जी का मायका माना जाता है। राम जी को दूल्हा और किशोरी जी को बेटी मानकर वर्ष में एक बार जानकी महल की दहलीज विग्रह को पार कराया जाता है। बता दें कि गणेश भगवान को न्योता भेजकर विवाह उत्सव शुरू हो गया है।कार्यक्रम को सफल बनाने में ट्रस्टी दिलीप सुल्तानिया, नीता सुल्तानिया, अरुण सुल्तानिया समेत पूरा जानकी महल परिवार लगा हुआ है।

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