कानपुर देहात में किसानों को किया गया जागरूक:फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई की चेतावनी, संतुलित उर्वरक उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया

कानपुर देहात में किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान और कृषि क्षेत्र में राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में उप कृषि निदेशक राम बचन राम ने उपस्थित अधिकारियों, किसान संगठन के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। उप कृषि निदेशक ने प्रधानमंत्री ऊर्जा उत्थान एवं महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत सोलर पम्प की ऑनलाइन बुकिंग की जानकारी दी। इसके तहत किसान अपनी ज़मीन के भू-गर्भ जल स्तर के आधार पर विभिन्न क्षमता के सोलर पम्प स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में भी किसानों को जागरूक किया और बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण, मृदा स्वास्थ्य और फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा उन्होंने किसानों को फसल अवशेष जलाने पर कानूनी दंड के बारे में भी बताया। कृषि विभाग द्वारा वितरित बीज, निशुल्क मिनी किट, जैविक खेती और कृषि निवेश की उपलब्धता पर भी जानकारी दी गई। जिला कृषि अधिकारी ने उर्वरकों की उपलब्धता और संतुलित उर्वरक उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों ने क्रमशः अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने किसानों को आश्वस्त किया कि 1 दिसम्बर से नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा। जिससे सिंचाई में कोई परेशानी नहीं होगी। उद्यान विभाग के निरीक्षक ने आलू और प्याज के बीजों के अनुदान वितरण की जानकारी दी। लघु सिंचाई विभाग द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं के बारे में भी किसानों को बताया गया। कृषि रक्षा अधिकारी ने संचारी रोगों और बीज शोधन के महत्व पर प्रकाश डाला। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने जैविक खेती और मृदा स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की और पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने पराली को सड़ा कर जैविक उर्वरक बनाने की विधि पर भी जानकारी दी। किसान दिवस की अध्यक्षता कर रही मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों की समस्याओं को सुना और मौके पर ही उनका समाधान किया। उन्होंने किसानों से संगठित होकर कृषि कार्य करने की अपील कीय़ जिससे उनकी लागत में कमी और आय में वृद्धि हो सके। इस आयोजन में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, नलकूप विभाग, मत्स्य विभाग और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी समेत 55 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

Nov 20, 2024 - 17:25
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कानपुर देहात में किसानों को किया गया जागरूक:फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई की चेतावनी, संतुलित उर्वरक उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया
कानपुर देहात में किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान और कृषि क्षेत्र में राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में उप कृषि निदेशक राम बचन राम ने उपस्थित अधिकारियों, किसान संगठन के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। उप कृषि निदेशक ने प्रधानमंत्री ऊर्जा उत्थान एवं महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत सोलर पम्प की ऑनलाइन बुकिंग की जानकारी दी। इसके तहत किसान अपनी ज़मीन के भू-गर्भ जल स्तर के आधार पर विभिन्न क्षमता के सोलर पम्प स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में भी किसानों को जागरूक किया और बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण, मृदा स्वास्थ्य और फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा उन्होंने किसानों को फसल अवशेष जलाने पर कानूनी दंड के बारे में भी बताया। कृषि विभाग द्वारा वितरित बीज, निशुल्क मिनी किट, जैविक खेती और कृषि निवेश की उपलब्धता पर भी जानकारी दी गई। जिला कृषि अधिकारी ने उर्वरकों की उपलब्धता और संतुलित उर्वरक उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों ने क्रमशः अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने किसानों को आश्वस्त किया कि 1 दिसम्बर से नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा। जिससे सिंचाई में कोई परेशानी नहीं होगी। उद्यान विभाग के निरीक्षक ने आलू और प्याज के बीजों के अनुदान वितरण की जानकारी दी। लघु सिंचाई विभाग द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं के बारे में भी किसानों को बताया गया। कृषि रक्षा अधिकारी ने संचारी रोगों और बीज शोधन के महत्व पर प्रकाश डाला। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने जैविक खेती और मृदा स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की और पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने पराली को सड़ा कर जैविक उर्वरक बनाने की विधि पर भी जानकारी दी। किसान दिवस की अध्यक्षता कर रही मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों की समस्याओं को सुना और मौके पर ही उनका समाधान किया। उन्होंने किसानों से संगठित होकर कृषि कार्य करने की अपील कीय़ जिससे उनकी लागत में कमी और आय में वृद्धि हो सके। इस आयोजन में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, नलकूप विभाग, मत्स्य विभाग और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी समेत 55 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

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