खतरनाक स्तर पर प्रदूषण, AQI पहुंचा 244 के पार:हवा सांस लेने के लायक नहीं, आंखों में जलन, दमा रोगियों की बढ़ी दिक्कत
जिले में प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और हवा सांस लेने लायक नहीं रही है। मुजफ्फरनगर का प्रदूषण स्तर फिर से रेड स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 244 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है। 200 से ऊपर का AQI स्तर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, दिल की बीमारी, दमा और अन्य शिकायतें होने की पूरी संभावना है। खासकर बुजुर्गों और दमा-अस्थमा के रोगियों के लिए यह AQI स्तर जानलेवा साबित हो सकता है। आबोहवा इस कदर खराब होने के पीछे सबसे बड़ा कारण फैक्टरियों की चिमनियों से निकलने वाला काला धुआं माना जा रहा है। जिले की अधिकांश फैक्टरियों में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित कूड़ा करकट, प्लास्टिक वेस्ट और पॉलीथिन आदि जलाए जा रहे हैं, जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण फैल रहा है। तीन वीडियो आ चुके सामने लगातार सामने आ रही वीडियो फैक्टरियों और स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मिलीभगत की पोल खोल रही हैं। इस हफ्ते तीन अलग-अलग वीडियो सामने आ चुकी हैं, जिनमें निराना की महालक्ष्मी पेपर मिल, हाईवे पर मखियाली की बूरा बनाने की फैक्ट्री और जौली रोड की फैक्टरियों से निकल रहे काले धुएं की पोल खुलती नजर आई है। स्वास्थ्य पर पड़ रहा गंभीर असर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसी फैक्टरियों पर कार्रवाई करने के बजाय लीपापोती करने में जुटा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बोर्ड की निष्क्रियता के कारण ही ये फैक्टरियां खुलेआम प्रदूषण फैला रही हैं और इससे लोगों का स्वास्थ्य गंभीर खतरे में पड़ रहा है।

खतरनाक स्तर पर प्रदूषण, AQI पहुंचा 244 के पार: हवा सांस लेने के लायक नहीं, आंखों में जलन, दमा रोगियों की बढ़ी दिक्कत
हाल के दिनों में वायु प्रदूषण ने एक गंभीर समस्या का रूप ले लिया है, जहाँ हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। News by indiatwoday.com के अनुसार, एरियाई गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 244 के पार पहुँच गया है, जो खतरनाक स्तर को दर्शाता है। यह स्थिति केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
प्रदूषण का स्वास्थ्य प्रभाव
खराब वायु गुणवत्ता से लोगों में सांस लेने में दिक्कतें, आँखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ रही हैं। इस विषय पर चिकित्सकों का कहना है कि दमा रोगियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उच्च AQI स्तर के कारण, दमा जैसे श्वसन संबंधी रोगों से प्रभावित मरीजों को एसी रूम में रहना, मास्क पहनना और बाहर जाने से बचना चाहिए।
क्यों बढ़ा प्रदूषण स्तर?
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर के पीछे कई कारण हैं, जैसे औद्योगिक धुआं, वाहनों का बढ़ता हुआ उपयोग, निर्माण कार्य, और जलवायु परिवर्तन। यह सभी फैक्टर मिलकर वायु गुणवत्ता को दुष्प्रभावित कर रहे हैं। हालात को देखते हुए लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे जिम्मेदारी से कदम उठाएं और प्रदूषण कम करने में योगदान दें।
कैसे बचें और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखें?
इस खतरनाक प्रदूषण से बचने के कुछ साधारण उपाय हैं। घर के अंदर हवा को शुद्ध करने वाला उपकरण लगाना, बाहर जाने पर मास्क का प्रयोग करना, और बच्चों और बुजुर्गों को बाहर जाने से बचाना चाहिए। साथ ही, हाइड्रेटेड रहना और स्वस्थ आहार लेना भी महत्वपूर्ण है।
समुदाय का योगदान
इस गंभीर समस्या का निदान केवल व्यक्तिगत प्रयासों से नहीं हो सकता। समुदाय द्वारा एकसाथ मिलकर प्रयास करने से ही इस संकट पर काबू पाया जा सकता है। जागरूकता बढ़ाना, स्वच्छता अभियानों में भाग लेना, और अनुसंधान के लिए समर्थन देना आवश्यक है।
खुद को सुरक्षित रखने के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें। स्वस्थ जीवन का जीने का प्रयास करें, और मिलकर प्रदूषण को कम करने की दिशा में कदम उठाएँ। अधिक जानकारी के लिए, indiatwoday.com पर जाएं।
निष्कर्ष
वायु प्रदूषण एक वैश्विक चिंता है, और इसका सामना करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। AQI का बढ़ता स्तर हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सजग रहना चाहिए। Keywords: खतरनाक प्रदूषण, AQI 244, हवा की गुणवत्ता, आँखों में जलन, दमा रोग, प्रदूषण के कारण, स्वास्थ्य उपाय, पर्यावरण सुरक्षा, स्वच्छता अभियान, वायु गुणवत्ता संकट, भारत प्रदूषण समस्या.
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