छठ घाट से शराब दुकान को दूसरी जगह ले जाने की मांग
भास्कर न्यूज | बलरामपुर भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश जायसवाल के नेतृत्व में नगरपालिका अध्यक्ष लोधीराम एक्का के साथ बलरामपुर नगरपालिका परिषद की नवनिर्वाचित टीम ने कलेक्टर से मुलाकात की। इसमें नगर की कुछ प्रमुख मांगों जैसे छठ घाट से शराब दुकान को हटाने, अटल व्यवसायिक परिसर के लिए पुराने अस्पताल की जमीन को नगरपालिका को हस्तांतरित करने, नगर की स्ट्रीट लाइट के लिए अलग सप्लाई केबल लगाने, नगर के विभिन्न वार्डों में विद्युतिकरण कार्य का विस्तार करने, शहर का विस्तृत मास्टर प्लान तैयार कराने एजेंसी नियुक्त करने जैसी विभिन्न मांगें रखी। इस दौरान नगरपालिका उपाध्यक्ष दिलीप सोनी, 14 पार्षद गौतम सिंह, पार्षद योगेश गुप्ता, वार्ड पार्षद राकेश सिंह मिंटू, मंगलम पाण्डेय सहित दूसरे नगरवासी उपस्थित रहे।

छठ घाट से शराब दुकान को दूसरी जगह ले जाने की मांग
छठ पूजा, जो भारत के बिहार राज्य और अन्य हिस्सों में एक महत्वपूर्ण पर्व है, इस वर्ष के दौरान विशेष रूप से छठ घाटों की शुद्धता और सम्मान को बनाए रखने के लिए चर्चा में है। हाल ही में, लोगों ने छठ घाट से शराब की दुकानों को हटाने की मांग उठाई है। यह मांग न सिर्फ धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाने के लिए भी आवश्यक समझी जा रही है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित एक पर्व है, जिसमें भक्त विशेष रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। इस पूजा में घाटों पर एकत्रित होकर लोग सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। जब ऐसे स्थानों पर शराब की दुकानें होती हैं, तो यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम करती हैं।
स्थानीय लोगों की आवाज़
स्थानीय निवासी और पूजा आयोजक चाहते हैं कि छठ घाटों से शराब की दुकानों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए। उनका मानना है कि इससे घाटों की शुद्धता बनी रहेगी और पूजा का वातावरण सकारात्मक रहेगा। यह बात स्थानीय मीडिया में भी उठाई गई है, जिससे प्रशासनिक स्तर पर भी चिंतन हो रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
अभी तक प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है, लेकिन ताजा समाचारों के अनुसार, कुछ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया है। ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए संकेत दिए गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों की चिंताओं को सुनने के लिए कदम उठाए जा सकें।
समाज में छठ घाट का महत्व
छठ घाट न सिर्फ पूजा अर्चना का स्थान है, बल्कि यह समाज के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र भी है। यहाँ लोग एकजुट होकर अपनी धार्मिक आस्था व्यक्त करते हैं। शराब की दुकानों की उपस्थिति इस केंद्रितित स्थान को दूषित कर सकती है। स्थानीय समुदाय की यह मांग इसे सुरक्षित बनाने का एक प्रयास है।
निष्कर्ष
इस विषय पर चर्चा सतत जारी है, और लोगों की जागरूकता इसे और भी महत्वपूर्ण बना रही है। यदि यह मांग पूरी होती है, तो यह छठ पूजा और संबंधित श्रद्धालुओं के लिए राहत की बात होगी। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के बीच संवाद बढ़ाने से इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सकता है।
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